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Life Lessons From Ramayana: सफल जीवन जीने के लिए रामायण से सीखें ये 4 जरूरी बातें

jeevanjali Published by: निधि Updated Tue, 07 May 2024 04:40 PM IST
सार

Ramayana: रामायण न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है बल्कि यह मनुष्य को जीवन जीना भी सिखाता है। रामायण में जहां भगवान राम को पुरूषोत्तम कहा गया है वहीं माता सीता की पवित्रता को दर्शाया गया है।

Ramayana:
Ramayana:- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Ramayana: हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार भगवान राम विष्णु के मानव अवतार थे। रामायण न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है बल्कि यह मनुष्य को जीवन जीना भी सिखाता है। रामायण से हमें यह सीखना चाहिए की वक्ति आपने जीवन में कैसे सफल हो। रामायण में जहां भगवान राम को पुरूषोत्तम कहा गया है वहीं माता सीता की पवित्रता को दर्शाया गया है। लक्ष्मण और भरत दोनों को अपने भाई के प्रति अत्यधिक प्रेम दिखाया गया है। रामायण के हर पात्र से कुछ न कुछ सीख जरूर मिलती है। यदि कोई व्यक्ति रामायण की पूजा करता है और उससे मिली सीख को अपने जीवन में अपनाता है तो वह एक सफल जीवन जी सकता है। रामायण की कुछ ऐसी महत्वपूर्ण बातें हैं जिनमें जीवन का सार छिपा है। तो आइए जानते हैं रामायण से कुछ सीख...

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आप भी सीखें रामायण से ये सीख, जीवन में मिलेगी सफलता

हर परिस्थिति में रखें संयम 
रामायण में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी ने विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य के साथ चौदह वर्ष बिताए थे। रामायण की सीख यह है कि व्यक्ति को हर परिस्थिति में संयम बरतना चाहिए। जो व्यक्ति सुख-दुख में संयम और धैर्य बनाए रखता है। वह विपरीत परिस्थितियों से लड़कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।

परिवार के साथ रहें मिलजुल 
जब भगवान श्री राम को वनवास मिला तो उनके भाई लक्ष्मण सभी सुख त्याग कर उनके साथ वन चले गये और चौदह वर्ष तक अपने भाई और भाभी को माँ के समान मानकर उनकी सेवा में व्यतीत किये। अत: भरत ने भगवान राम की खड़ाऊ को सिंहासन पर बिठाकर और उन्हें शासक मानकर प्रशासन अपने हाथ में ले लिया। इससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि परिवार में सदैव एकता रहनी चाहिए। अगर भाई, भाई के साथ हो तो कठिन परिस्थितियों से भी आसानी से पार पाया जा सकता है। इसलिए परिवार में प्रेम और एकता बनाए रखनी चाहिए।
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माता पिता की आज्ञा का करें पालन
अपने पिता के आदेश और वचन को पूरा करने के लिए उन्होंने चौदह वर्ष का वनवास स्वीकार कर लिया। इससे हमें यह सीख लेनी चाहिए कि चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों, हर बच्चे को अपने माता-पिता की आज्ञा का पालन करना चाहिए। माता-पिता ही आपको इस धरती पर लाते हैं और जीवन जीने के काबिल बनाते हैं, इसलिए वही बच्चे सक्षम होते हैं जो अपने माता-पिता का ख्याल रखते हैं और उनकी बात मानते हैं। माता-पिता के आशीर्वाद से कठिन परिस्थितियों में भी सफलता हासिल की जा सकती है।

एकता में शक्ति
जब रावण ने माता सीता का हरण कर लिया तो राम जी ने अपना आत्मविश्वास डिगने नहीं दिया। उन्होंने सभी को इकट्ठा किया और समुद्र पर पुल बनाया, रावण को मारा और माता सीता को वापस ले आये। इससे हमें यह सीख मिलती है कि यदि योजना बनाई जाए और एकजुट होकर काम किया जाए तो कठिन से कठिन कार्य भी पूरा किया जा सकता है और लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

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