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Rudraksha Pahnane Ke Niyam: इन लोगों को भूलकर भी नहीं पहनना चाहिए रुद्राक्ष, फायदे की जगह हो सकता है नुकसान

jeevanjali Published by: निधि Updated Mon, 06 May 2024 03:23 PM IST
सार

Rudraksha Pahnane Ke Niyam:  पारंपरिक रूप से प्रार्थना और पूजा के उद्देश्य से उपयोग किए जाने वाले रुद्राक्ष का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है।

Rudraksha Pahnane Ke Niyam
Rudraksha Pahnane Ke Niyam- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Rudraksha Pahnane Ke Niyam:  पारंपरिक रूप से प्रार्थना और पूजा के उद्देश्य से उपयोग किए जाने वाले रुद्राक्ष का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इसका संबंध भारत के ऋषि-मुनियों से भी है और माना जाता है कि इसमें आध्यात्मिक शक्तियां हैं। देवों के देव महादेव कहे जाने वाले भगवान शिव और रुद्राक्ष के बीच गहरा संबंध है। भगवान शिव को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। आपने भगवान शिव को रुद्राक्ष की माला पहने हुए देखा होगा। भगवान शिव से संबंधित होने के कारण रुद्राक्ष को बहुत पवित्र माना जाता है। रुद्राक्ष धारण करने मात्र से ही जीवन से सभी प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। इसलिए इसे भगवान शिव का ही रूप माना जाता है। जीवों के कल्याण के लिए कई वर्षों तक ध्यान करने के बाद जब भगवान शिव ने अपनी आँखें खोलीं, तो आँसू की बूंदें गिरीं और धरती माता ने रुद्राक्ष के पेड़ों को जन्म दिया। वैसे तो धर्म, ज्योतिष और विज्ञान में रुद्राक्ष पहनने के कई फायदे बताए गए हैं, लेकिन इसका शुभ फल तभी मिलता है, जब इसे विधि-विधान से धारण किया जाए। आइए जानते हैं किन लोगों को रुद्राक्ष पहनने से बचना चाहिए।
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इन लोगों को भूलकर भी नहीं पहना चाहिए रुद्राक्ष

- ऐसा माना जाता है कि बच्चे के जन्म के बाद मां और बच्चा कुछ दिनों तक अशुद्ध रहते हैं। ऐसे समय में माता को भूलकर भी रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए।
- जहां नवजात शिशु और मां हो वहां रुद्राक्ष पहनने वाले लोगों को प्रवेश नहीं करना चाहिए।
- यदि रुद्राक्ष पहना है तो सूतक हटने के बाद ही नवजात शिशु या उसकी मां के पास जाएं या मां-बच्चे के कमरे में प्रवेश करने से पहले रुद्राक्ष उतार दें।
- रुद्राक्ष धारण करते समय गलती से भी धूम्रपान या मांसाहारी भोजन का सेवन न करें, इससे रुद्राक्ष अशुद्ध हो जाएगा और आपको लाभ की जगह हानि हो सकती है।
- सोते समय रुद्राक्ष को उतारकर तकिये के नीचे रखें, ऐसा करने से मन शांत रहता है और अच्छी नींद भी आती है।
- अगर आप किसी शव यात्रा में भी शामिल हों तो भी आपको रुद्राक्ष पहनकर नहीं जाना चाहिए। ऐसा करने से रुद्राक्ष अशुद्ध हो जाता है और इसका आपके जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
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रुद्राक्ष धारण करने के अन्य नियम 

- रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति प्रतिदिन भगवान शिव की आराधना करें। 
- किसी दूसरे का पहना हुआ रुद्राक्ष कभी न पहनें और न ही अपना रुद्राक्ष किसी और को पहनाएं।
- रुद्राक्ष की माला बनवाते समय ध्यान रखें कि उसमें कम से कम 27 मनके जरूर हों। 
- रुद्राक्ष को गंदे हाथों से कभी भी ना छुएं। स्नान करने के बाद ही रुद्राक्ष धारण करें। 
- रुद्राक्ष को हमेशा लाल या पीले रंग के धागे में ही धारण करें।  इसे कभी काले धागे में नहीं पहनें। 

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये खबर लोक मान्यताओं पर आधारित है। इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए jeevanjali उत्तरदायी नहीं है

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