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Ganesha Puja: भगवान गणेश को सभी देवी-देवताओं में सबसे पहले क्यों पूजा जाता है? पढ़ें कहानी

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: निधि Updated Tue, 04 Jun 2024 08:30 AM IST
सार

Ganesha Puja: हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है।

Ganesha Puja
Ganesha Puja- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Ganesha Puja: हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है। भगवान गणेश की पूजा के बिना कोई भी बड़ा व्रत, त्यौहार, विवाह और अनुष्ठान शुरू नहीं किया जा सकता। भगवान गणेश सभी देवी-देवताओं में प्रथम पूज्य देवता हैं। शास्त्रों के अनुसार अगर किसी भी शुभ कार्य में भगवान गणेश की पूजा नहीं की जाती है तो वह कार्य कभी सफल नहीं होता। भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले करने के पीछे शास्त्रों में कई कथाएं प्रचलित हैं।
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ऐसे बने गणेशजी अग्रपूज्य देवता

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार स्नान करने से पहले माता पार्वती ने अपने पुत्र गणेश को आदेश दिया कि जब तक वह स्नान करके बाहर न आ जाएं तब तक किसी को भी अंदर न आने दें। बालक गणेश ने अपनी माता की आज्ञा का पालन किया और बाहर पहरा देने लगे। जब भगवान शिव वहां आए तो बालक ने उन्हें अंदर आने से रोक दिया और कहा कि मेरी माता अंदर स्नान कर रही हैं आप अंदर नहीं जा सकते। शिवजी ने गणेश को बहुत समझाया कि पार्वती मेरी पत्नी हैं। लेकिन गणेश नहीं माने तब शिवजी को बहुत क्रोध आया और उन्होंने अपने त्रिशूल से गणेश की गर्दन काट दी और अंदर चले गए जब पार्वतीजी ने शिवजी को अंदर देखा तो बोली आप अंदर कैसे आ गए। मैं तो गणेश को बाहर बैठा कर गई थी। तब शिवजी ने कहा कि मैंने उसे मार दिया है। तब पार्वतीजी ने उग्र रूप धारण कर लिया और कहा कि मैं यहां से तभी जाऊंगी जब आप मेरे पुत्र को जीवित कर देंगे अन्यथा नहीं। शिवजी ने पार्वतीजी को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन पार्वतीजी नहीं मानी विष्णुजी ने तुरंत गरुड़जी को आदेश दिया कि ऐसे बालक को खोजो और उसकी गर्दन तुरंत लेकर आओ। बहुत खोजने के बाद गरुड़जी को एक हथिनी मिली जो अपने बालक की तरफ पीठ करके सो रही थी। गरुड़जी तुरंत उस बालक का सिर लेकर शिवजी के पास आये। शिवजी ने वह सिर गणेशजी के सिर पर रखकर उन्हें जीवनदान दिया और साथ ही उन्हें वरदान दिया कि आज से कहीं भी की जाने वाली पूजा में सबसे पहले गणेशजी की पूजा की जाएगी। इसलिए हम जो भी कार्य करें, सबसे पहले गणेशजी की पूजा करनी चाहिए, अन्यथा पूजा सफल नहीं होती।
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भगवान गणेश से जुड़ी दूसरी पौराणिक कहानी

गणेश जी को सबसे पहले पूजे जाने के पीछे एक और कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार एक बार शिव जी के दोनों पुत्र बालक गणेश और कार्तिकेय इस बात पर बहस करने लगे कि अपने माता-पिता से सबसे अधिक प्रेम कौन करता है। जब भगवान शिव को इस बात का पता चला तो उन्होंने दोनों के बीच हो रही बहस को शांत करने के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित करने का विचार किया। इसमें सभी देवी-देवता उपस्थित हुए। इसके बाद भगवान शिव ने कहा कि जो भी उनके वाहन पर सवार होकर पृथ्वी का चक्कर लगाकर सबसे पहले आएगा, वही विजेता होगा। पिता की बात सुनते ही कार्तिकेय तुरंत अपने वाहन मोर पर सवार होकर पृथ्वी का चक्कर लगाने के लिए निकल पड़े। भगवान गणेश भी अपने वाहन मूषक के साथ तैयार हो गए, तभी उनके मन में विचार आया कि क्यों न अपने माता-पिता का चक्कर लगाया जाए। इस संसार में माता-पिता से बड़ा कोई नहीं है। तब भगवान गणेश ने अपने माता-पिता की सात परिक्रमा की। जब कार्तिकेय पृथ्वी का चक्कर लगाकर वापस लौटे तो सभी देवी-देवताओं ने भगवान गणेश को विजेता घोषित कर दिया। तभी से किसी भी पूजा या धार्मिक अनुष्ठान में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाने लगी।

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