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Raksha Sutra: कितनी बार हाथ पर लपेटना चाहिए कलावा, जानिए

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: कोमल Updated Tue, 28 May 2024 07:08 AM IST
सार

Raksha Sutra: सनातन धर्म में कलावा बांधने की परंपरा के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे। लाल और पीले रंग का यह धागा शुभता और ईश्वर की कृपा का माध्यम माना जाता है। शास्त्रों में भी कलावे को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।

रक्षा सूत्र
रक्षा सूत्र- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Raksha Sutra: सनातन धर्म में कलावा बांधने की परंपरा के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे। लाल और पीले रंग का यह धागा शुभता और ईश्वर की कृपा का माध्यम माना जाता है। शास्त्रों में भी कलावे को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। आज भी कई लोगों को रक्षा सूत्र के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। जैसे इसे कब बांधना चाहिए, कब उतारना चाहिए और बांधते समय इसे कितनी बार लपेटना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने वाले इस रक्षा सूत्र के नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है, तभी इसका लाभ मिलेगा.
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लड़कियों और महिलाओं को किस हाथ पर बांधना चाहिए रक्षा सूत्र?

विवाहित महिलाओं, पुरुषों, और लड़कियों ज्योतिष शास्त्र के अनुसार के लिए रक्षा सूत्र बांधने के अलग-अलग नियम हैं। लड़कियों को शादी से पहले दाहिने हाथ में और शादी के बाद महिलाओं को बाएं हाथ में रक्षा सूत्र बांधना शुभ माना जाता है। इसके अलावा पुरुषों के लिए दाहिने हाथ पर ही रक्षा सूत्र बांधना शुभ माना जाता है।

रक्षा सूत्र बांधने का सही तरीका

धर्म शास्त्रों में रक्षा सूत्र बांधते समय कुछ नियम बताए गए हैं। जिस हाथ में आप रक्षा सूत्र बांध रहे हैं उस हाथ में सबसे पहले एक सिक्का या रुपया लें और उसकी मुट्ठी बंद कर लें। फिर इसके बाद अपने दूसरे हाथ को अपने सिर पर रखें। रक्षा सूत्र बांधने वाले व्यक्ति से कलाई पर तीन, पांच या सात बार रक्षा सूत्र लपेटें। फिर रक्षासूत्र बांधने के बाद अपने हाथ में रखी दक्षिणा उस व्यक्ति को उपहार में दे दें।
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कितने दिन तक कलावा पहनना चाहिए?

अक्सर कलावा बांधने के बाद हम सभी उसे उतारना भूल जाते हैं और वह काफी देर तक हाथ पर बंधा रहता है। इस तरह वह कला हमें अपनी ऊर्जा देना बंद कर देती है. इसलिए शास्त्रों में इसका वर्णन किया गया है कि इसे कितने दिनों तक धारण करना चाहिए। हाथ पर कलावा केवल 21 दिनों तक ही बांधना चाहिए। 21 दिन क्योंकि आमतौर पर इतने दिनों में कलावा का रंग उतरने लगता है और कभी भी फीके रंग वाला कलावा नहीं पहनना चाहिए।

किस दिन उतारना चाहिए रक्षा सूत्र?

जिस हाथ में रक्षा सूत्र बंधा हो उसे केवल मंगलवार या शनिवार को ही खोलना शुभ माना जाता है। रक्षा सूत्र खोलने के बाद घर के पूजा कक्ष में बैठकर दूसरा रक्षा सूत्र बंधवा लें। ऐसा करना आपके लिए शुभ रहेगा। इसके अलावा रक्षा सूत्र को उतारने के बाद उसे कभी भी इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है. जो आपके लिए अशुभ साबित हो सकता है. इसलिए पुराने रक्षा सूत्र को किसी पवित्र नदी या बहते जल में प्रवाहित कर दें। पीपल के पेड़ के नीचे रख सकते हैं.



भूलकर भी ना बांधे कलावा 

रंगीन कलावा बांधना अशुभ माना जाता है। इसलिए इसे हटा देना ही बेहतर है. 21 दिन के बाद आप किसी भी शुभ मुहूर्त में दोबारा हाथ में कलावा बंधवा सकते हैं। ऐसा भी कहा गया हैजब भी कलावा हाथ से नीचे उतरता है तो वह आपके भीतर और आपके आसपास की नकारात्मकता को लेकर ही नीचे उतरता है। इसलिए उस कलावा को दोबारा धारण नहीं करना चाहिए। हाथ से निकाला हुआ कलावा किसी बहती नदी में प्रवाहित करना शुभ होता है।

मौली या कलावा बांधने के नियम

1. पुरुषों और अविवाहित लड़कियों को अपने दाहिने हाथ में कलावा बांधना चाहिए।
2. विवाहित महिलाओं के लिए बाएं हाथ में कलावा बांधने का नियम है।
3. जिस हाथ में कलावा बांध रहे हों ध्यान दें उस हाथ की मुट्ठी बंद हो ।
4. कलावा बंधवाते समय दूसरा हाथ सिर पर होना चाहिए।
5. आप जहां भी मौली बांधें, एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि इस रक्षा सूत्र को केवल 3 बार ही लपेटना चाहिए।

कलावा बांधने का वैज्ञानिक कारण

कलावा बांधने का धार्मिक कारण तो आप समझ गए लेकिन आपको इसका वैज्ञानिक कारण भी समझना चाहिए। शरीर के अधिकांश हिस्सों तक पहुंचने वाली नसें कलाई से होकर गुजरती हैं। ऐसे में कलाई पर कलावा बांधने से नसों की कार्यप्रणाली नियंत्रित रहती है। शरीर में त्रिदोष यानी वात, पित्त और कफ संतुलित रहता है, जिससे कई बीमारियों से बचाव होता है।
 

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