विज्ञापन
Home  mythology  ram katha  who gave the news of dasharatha s death to bharata bharata remained unaware of this big news

Valmiki Ramayana Part 142: भरत को दशरथ की मृत्यु का समाचार किसने दिया? इस खबर से अनजान क्यों रह गए भरत

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: निधि Updated Wed, 29 May 2024 01:07 PM IST
सार

Valmiki Ramayana Part 142: अपने यशस्वी पुत्र भरत को छाती से लगाकर कैकेयी ने उनका मस्तक सुंघा। वही भरत ने अपनी माँ से महाराज दशरथ के बारे में प्रश्न किया। कैकेयी राज्य के लोभ से मोहित हो रही थी। 

Valmiki Ramayana
Valmiki Ramayana- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Valmiki Ramayana Part 142: वाल्मीकि रामायण के पिछले लेख में आपने पढ़ा कि भरत ने अपने ननिहाल में एक बुरा सपना देखा और उसी दिन दूत उन्हे अयोध्या ले जाने के लिए प्रस्तुत हो जाते है। दूत उन्हें कुछ नहीं बताते है वो बस वसिष्ठ की आज्ञा के पालन करते है और भरत के साथ अयोध्या के लिए रवाना हो जाते है। पुरुषसिंह भरत मार्ग में सात रातें व्यतीत करके आठवें दिन अयोध्यापुरी का दर्शन कर सके थे। भरत मन-ही-मन बहुत खिन्न थे। उनका हृदय शिथिल हो रहा था। वे डरे हुए थे और उनकी सारी इन्द्रियाँ क्षुब्ध हो उठी थीं, इसी अवस्था में उन्होंने शीघ्रतापूर्वक इक्ष्वाकुवंशी राजाओं द्वारा पालित अयोध्यापुरी में प्रवेश किया। भरत का हृदय एकाग्र नहीं था। 
विज्ञापन
विज्ञापन


वे घबराये हुए थे। अतः उन रघुकुलनन्दन भरत ने साथ आये हुए द्वारपालों को सत्कारपूर्वक लौटा दिया और उन्होंने दीन-हृदय से पिता के भवन में प्रवेश किया। तदनन्तर पिता के घर में पिता को न देखकर भरत माता का दर्शन करने के लिये अपनी माता के महल में गये। अपने परदेश गये हुए पुत्र को घर आया देख उस समय कैकेयी हर्ष से भर गयी और अपने सुवर्णमय आसन को छोड़ उछलकर खड़ी हो गयी। धर्मात्मा भरत ने अपने उस घर में प्रवेश करके देखा कि सारा घर श्रीहीन हो रहा है, फिर उन्होंने माता के शुभ चरणों का स्पर्श किया। 
विज्ञापन

भरत को दशरथ की मृत्यु का समाचार कैकेयी ने दिया

अपने यशस्वी पुत्र भरत को छाती से लगाकर कैकेयी ने उनका मस्तक सुंघा। वही भरत ने अपनी माँ से महाराज दशरथ के बारे में प्रश्न किया। कैकेयी राज्य के लोभ से मोहित हो रही थी। वह राजा का वृत्तान्त न जानने वाले भरत से उस घोर अप्रिय समाचार को प्रिय-सा समझती हुई इस प्रकार बताने लगी। बेटा ! तुम्हारे पिता महाराज दशरथ बड़े महात्मा, तेजस्वी, यज्ञशील और सत्पुरुषों के आश्रयदाता थे। एक दिन समस्त प्राणियों की जो गति होती है, उसी गति को वे भी प्राप्त हुए हैं। भरत धार्मिक कुल में उत्पन्न हुए थे और उनका हृदय शुद्ध था। 

माता की बात सुनकर वे पितृशोक से अत्यन्त पीड़ित हो सहसा पृथ्वी पर गिर पड़े और हाय , मैं मारा गया इस प्रकार अत्यन्त दीन और दुःखमय वचन कहकर रोने लगे। पराक्रमी महाबाहु भरत अपनी भुजाओं को बारम्बार पृथ्वी पर पटककर गिरने और लोटने लगे। उन महा-तेजस्वी राजकुमार की चेतना भ्रान्त और व्याकुल हो गयी। वे पिता की मृत्यु से दुःखी और शोक से व्याकुलचित्त होकर विलाप करने लगे। 

 भरत क्यों गिर पड़े भूमि पर?

विजयी वीरों में श्रेष्ठ भरत अपने सुन्दर मुख वस्त्र से ढककर अपने कण्ठस्वर के साथ आँसू गिराकर मन ही-मन अत्यन्त पीड़ित हो पृथ्वी पर पड़कर विलाप करने लगे। देवतुल्य हो भरत शोक से व्याकुल वन में फरसे से काटे गये साखू के तने की भाँति पृथ्वी पर पड़े थे, मतवाले हाथी के समान पुष्ट तथा चन्द्रमा या सूर्य के समान तेजस्वी अपने शोकाकुल पुत्र को इस तरह भूमि पर पड़ा देख माता कैकेयी ने उन्हें उठाया। भरत पृथ्वी पर लोटते-पोटते बहुत देर तक रोते रहे। 

तत्पश्चात् अधिकाधिक शोक से आकुल होकर वे माता से इस प्रकार बोले, मैंने तो यह सोचा था कि महाराज श्रीराम का राज्याभिषेक करेंगे और स्वयं यज्ञ का अनुष्ठान करेंगे। यही सोचकर मैंने बड़े हर्ष के साथ वहाँ से यात्रा की थी। किंतु यहाँ आने पर सारी बातें मेरी आशा के विपरीत हो गयीं। मेरा हृदय फटा जा रहा है; क्योंकि सदा अपने प्रिय और हित में लगे रहने वाले पिताजी को मैं नहीं देख रहा हूँ। 

 राजा दशरथ को आखिरी क्या हुआ?

महाराज को ऐसा कौन-सा रोग हो गया था, जिससे वे मेरे आने के पहले ही चल बसे? श्रीराम आदि सब भाई धन्य हैं, जिन्होंने स्वयं उपस्थित रहकर पिताजी का अन्त्येष्टि-संस्कार किया। निश्चय ही मेरे पूज्य पिता यशस्वी महाराज को मेरे यहाँ आने का कुछ पता नहीं है, अन्यथा वे शीघ्र ही मेरे मस्तक को झुकाकर उसे प्यार से सूंघते।

यह भी पढ़ें:-
Valmiki Ramayana Part 141: ऋषि वशिष्ठ के आदेश पर भरत को लेने पहुंचे दूत! उस रात भरत ने भी एक बुरा स्वप्न देखा

Valmiki Ramayana Part 140: जिस राज्य में कोई राजा न हो उस राज्य की क्या दुर्दशा होती है? पढ़ें

Valmiki Ramayana Part 139: कौसल्या ने क्यों कहे कैकेयी से कड़वे वचन? जानिए आगे क्या हुआ

विज्ञापन