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Mahabharata: दुश्मनी की अनोखी दास्तान, बचपन के दोस्त द्रुपद और द्रोणाचार्य कैसे बन गए दुश्मन?

jeevanjali Published by: निधि Updated Sat, 30 Mar 2024 06:53 PM IST
सार

Mahabharata: महाभारत में कथाओं की कोई कमी नहीं है, एक ऐसी ही कथा है द्रुपद और द्रोणाचार्य के अहंकार की, दरअसल आपको बता दे की द्रोणाचार्य का वध द्रुपद के पुत्र ने ही किया था लेकिन क्या आपको यह पता है,

Mahabharata: महाभारत
Mahabharata: महाभारत- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Mahabharata: महाभारत में कथाओं की कोई कमी नहीं है, एक ऐसी ही कथा है द्रुपद और द्रोणाचार्य के अहंकार की, दरअसल आपको बता दे की द्रोणाचार्य का वध द्रुपद के पुत्र ने ही किया था लेकिन क्या आपको यह पता है, द्रुपद और द्रोण एक ही आश्रम में साथ साथ पढ़ते थे।बचपन में जब दोनों बालक थे तो द्रुपद ने खेल खेल में द्रोण से वादा किया की जब वो राजा बन जायेगे तो आधा राज्य उन्हें दे देंगे।

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समय अपनी गति से आगे बढ़ चला।एक दिन ऐसा आया जब बालक युवा हुए और द्रुपद राजा हो गए, द्रोणाचार्य को एक दिन याद आया की उनका मित्र तो अब राजा हो गया है तो वादे के मुताबिक वो उनके पास गए और राज्य की कामना की।द्रुपद में अहंकार आ चुका था और यही कारण था उसने द्रोणाचार्य की मदद करना तो दूर उसका ठीक से सत्कार भी नहीं किया। द्रोणाचार्य का सभा में अपमान हुआ।द्रुपद ने कहा की मित्रता तो बराबर वाले में की जाती है।

बचपन की बात को क्या दिल से लगाना !इसके बाद द्रोणाचार्य अपमान का घूंट पीकर हस्तिनापुर की और बढ़ चले, गंगा पुत्र भीष्म ने उन्हें कौरवों और पांडवों का शिष्य बना दिया।जब शिक्षा पूरी हुई तो उन्होनें गुरु दक्षिणा में पांचाल माँगा। सबसे पहले कौरवों ने हमला किया लेकिन वो हार गए। बाद में पांडवों ने हमला किया और द्रुपद को बंदी बनाया गया।द्रोणाचार्य ने उसका कोई अहित नहीं किया, सिर्फ उसे अपने वचन की याद दिलाई और आधा राज्य ले लिया जिसका राजा उन्होंने अपने बलशाली पुत्र अश्वत्थामा को बना दिया।उसके बाद द्रुपद ने एक ऋषि के कहने पर एक ऐसा पुत्र प्राप्ति हवन किया जो द्रोणाचार्य का वध कर सके और बाद में धृष्टद्युम्नः ने द्रोणाचार्य का वध किया।
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