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Tulsi Puja: किस दिन नहीं करनी चाहिए तुलसी पूजा, जानिए वजह

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: कोमल Updated Sun, 09 Jun 2024 08:09 AM IST
सार

Tulsi Puja:  हिंदू धर्म में तुलसी को सबसे पवित्र और शुभ माना जाता है, इसलिए लगभग हर घर के आंगन में तुलसी का पौधा देखने को मिल जाता है।  इससे घर का वातावरण भी शुद्ध रहता है। साथ ही यह घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश का द्वार खोलता है।

तुलसी के नियम
तुलसी के नियम- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Tulsi Puja: हिंदू धर्म में तुलसी को सबसे पवित्र और शुभ माना जाता है, इसलिए लगभग हर घर के आंगन में तुलसी का पौधा देखने को मिल जाता है।  इससे घर का वातावरण भी शुद्ध रहता है। साथ ही यह घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश का द्वार खोलता है। इसके अलावा तुलसी का पौधा सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। आपको बता दें कि कुछ महिलाएं रोज सुबह नहाने के बाद तुलसी की पूजा करती हैं क्योंकि यह पौधा भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है। कहा जाता है कि तुलसी की पूजा करने से आपको भगवान विष्णु की कृपा मिलती रहती है। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि किस दिन तुलसी माता की पूजा नहीं करनी चाहिए।
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इस दिन न करें तुलसी की पूजा

वैसे तो तुलसी की पूजा और नियमित जल चढ़ाने का नियम है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मंगलवार, रविवार और एकादशी के दिन तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाना वर्जित है। साथ ही इसकी पूजा भी नहीं करनी चाहिए। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रविवार और एकादशी के दिन माता लक्ष्मी श्री हरि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। ऐसे में रविवार और एकादशी के दिन तुलसी को जल चढ़ाकर व्रत तोड़ा जाता है। इस कारण से इन दो दिनों में तुलसी के पौधे को जल नहीं देना चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है। इसके अलावा मंगलवार को तुलसी को जल चढ़ाने से भगवान शिव नाराज हो सकते हैं।


इस दिन तुलसी के पत्ते न तोड़ें

द्वादशी, चंद्र ग्रहण, सूर्य ग्रहण और सूर्यास्त के बाद तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। क्योंकि इन तिथियों पर तुलसी जी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इसलिए इन तिथियों पर तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।
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तुलसी पूजा के नियम

सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और अपने इष्ट देव का ध्यान करके दिन की शुरुआत करें।

इसके बाद स्नान करके साफ कपड़े पहनें।

तुलसी को जल चढ़ाएं।

तुलसी को सिंदूर लगाएं और फूल चढ़ाएं।

तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं।

तुलसी स्तोत्र का पाठ करें और तुलसी की आरती करें।

इसके बाद फल और मिठाई का भोग लगाएं।

अंत में प्रसाद बांटें।

तुलसी पूजा के लाभ

तुलसी की पूजा करने से हमेशा बरकत होती है।

भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

तुलसी की पूजा करने से घर में खुशियां आती हैं।

तुलसी की पूजा करने से दुखों से छुटकारा मिलता है।

तुलसी की पूजा करने से बुरी शक्तियां दूर होती हैं।
 

तुलसी पूजा का महत्व

सनातन धर्म में तुलसी पूजा का बहुत महत्व है। मान्यता है कि प्रतिदिन तुलसी की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है और व्यक्ति को जीवन में कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। साथ ही घर में देवी लक्ष्मी का वास होता है।
 

तुलसी पूजा की विधि

सुबह उठकर स्नान करें और अपने आराध्य देव की पूजा करें।

इसके बाद तुलसी जी को प्रणाम करते हुए शुद्ध जल अर्पित करें।

इसके बाद तुलसी जी के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं।

चावल की एक छोटी सी ढेरी बनाएं और उसके ऊपर दीपक रखें।

इसके बाद तुलसी मां की सात परिक्रमा करें।

अब तुलसी के सामने आसन बिछाएं और उस पर बैठकर तुलसी जी के मंत्रों का जाप करें और अंत में तुलसी जी को प्रणाम करें।
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