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Puja Path Niyam: किस समय नहीं करना चाहिए पूजा पाठ? जानिए वजह

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: कोमल Updated Tue, 11 Jun 2024 04:29 PM IST
सार

Puja Path Niyam:  हिंदू घरों में प्रतिदिन सुबह-शाम पूजा और आरती की जाती है। शास्त्रों में पूजा से जुड़े कई नियम बताए गए हैं। अगर इन नियमों का पालन न किया जाए तो व्यक्ति को पूजा का विपरीत फल मिल सकता है।

पूजा के नियम
पूजा के नियम- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Puja Path Niyam:  हिंदू घरों में प्रतिदिन सुबह-शाम पूजा और आरती की जाती है। शास्त्रों में पूजा से जुड़े कई नियम बताए गए हैं। अगर इन नियमों का पालन न किया जाए तो व्यक्ति को पूजा का विपरीत फल मिल सकता है। पूजा के अन्य नियमों की तरह शास्त्रों में पूजा का भी समय निर्धारित किया गया है। आइए जानते हैं किस समय पूजा करने से विपरीत फल प्राप्त होते हैं।
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किस समय नहीं करना चाहिए पूजा ?

शास्त्रों के अनुसार दोपहर में पूजा नहीं करनी चाहिए। यह समय पूजा के लिए वर्जित माना गया है। इस समय की गई पूजा को भगवान स्वीकार नहीं करते हैं। इसलिए दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक पूजा नहीं करनी चाहिए। इस समय न की गई पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है।वहीं अगर आपने आरती कर ली है तो इसके बाद पूजा की रस्म न करें। मान्यता है कि पूजा के अंत में आरती की जाती है और इसके बाद देवी-देवता शयन में चले जाते हैं। महिलाओं को कभी भी ऐसे समय में पूजा नहीं करनी चाहिए जब मासिक धर्म चल रहा हो। इस दौरान न तो मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करें और न ही घर पर पूजा करें। साथ ही मासिक धर्म के दौरान देवी-देवताओं की मूर्तियों, पवित्र पेड़-पौधों और पूजा सामग्री को भी नहीं छूना चाहिए।

इन बातों का भी रखें ध्यान

शाम की आरती के बाद भी पूजा नहीं करनी चाहिए। क्योंकि हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस समय देवी-देवता सो जाते हैं। इसलिए इस समय की गई पूजा का भी कोई फल नहीं मिलता।
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सूतक काल में न करें पूजा

शास्त्रों के अनुसार जब घर में किसी का जन्म या मृत्यु होती है तो इस समय पूजा वर्जित मानी जाती है। सूतक खत्म होने के बाद ही पूजा की जाती है। इस दौरान भगवान की मूर्ति को छूना भी वर्जित माना जाता है।

पूजा के लिए कौन सा समय शुभ होता है?

शास्त्रों के अनुसार पूजा के लिए सबसे अच्छा समय सुबह का माना जाता है। इस समय की गई पूजा सीधे भगवान तक पहुंचती है।

पहली पूजा - ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4:30 से 5:00 बजे के बीच
दूसरी पूजा - सुबह 9 बजे तक
मध्याह्न पूजा - दोपहर 12 बजे तक
संध्या पूजा - शाम 4:30 से 6:00 बजे के बीच
शयन पूजा - रात 9:00 बजे

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