विज्ञापन
Home  dharm  puja ghanti benefits how many times should the bell be rung in the temple know the importance and benefits o

Puja Ghanti Benefits: मंदिर में कितनी बार बजानी चाहिए घंटी, जानिए घंटी बजाने का महत्व और लाभ

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: कोमल Updated Tue, 11 Jun 2024 05:26 PM IST
सार

Puja Ghanti Benefits: मंदिरों में या फिर घर में भी पूजा के दौरान घंटियों का इस्तेमाल किया जाता है। घंटी बजाने की परंपरा काफी पुरानी है। माना जाता है कि घंटी बजाने से भगवान प्रसन्न होते हैं और आपकी बात सुनते हैं।

मंदिर में घंटी बजाने के लाभ
मंदिर में घंटी बजाने के लाभ- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Puja Ghanti Benefits: मंदिरों में या फिर घर में भी पूजा के दौरान घंटियों का इस्तेमाल किया जाता है। घंटी बजाने की परंपरा काफी पुरानी है। माना जाता है कि घंटी बजाने से भगवान प्रसन्न होते हैं और आपकी बात सुनते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मंदिर में घंटी बजाने का सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारण भी है।
विज्ञापन
विज्ञापन

मंदिरों में घंटी क्यों लगाई जाती है?

ऐसा माना जाता है कि, अगर आप प्रवेश के समय इसे बजाते हैं तो मंदिर में प्रवेश करते ही आपके शरीर की सभी परेशानियां दूर होने लगती हैं और आपका मन भी शुद्ध हो जाता है। घंटी बजाने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है, जिससे आपके आस-पास अच्छा माहौल बनता है। मंदिर में प्रवेश करने से पहले घंटी बजाने से शरीर और मन शुद्ध होता है, जिससे आप प्रवेश के समय भगवान के दर्शन शुद्ध भाव से कर पाते हैं।

घंटी बजाने के फायदे

घंटी बजाने से उत्पन्न ध्वनि आपके शरीर के सातों चक्रों को सक्रिय करती है। घंटी की यह ध्वनि मस्तिष्क के दाएं और बाएं लोब के बीच सामंजस्य स्थापित करती है। यह ध्वनि देवताओं के सिद्धांत को बनाए रखती है और बुरी ऊर्जाओं को दूर भगाती है। घंटी की ध्वनि शरीर के भीतर सभी नकारात्मक विचारों और बुराइयों को दूर करती है।
विज्ञापन


घंटी बजाने का धार्मिक महत्व

घंटी बजाने से देवताओं की मूर्ति में चेतना जागृत होती है। ऐसा कहा जाता है कि देवताओं को घंटी, शंख और घड़ियाल आदि की ध्वनि पसंद होती है। घंटी बजाने से देवी-देवता पूजा करने वाले व्यक्ति की प्रार्थना को ध्यान से सुनते हैं। जिससे पूजा का प्रभाव बढ़ जाता है। घंटी बजाने से देवताओं के समक्ष आपकी उपस्थिति दर्ज होती है। स्कंद पुराण के अनुसार घंटी से उत्पन्न ध्वनि 'ॐ' की ध्वनि के समान होती है, इसलिए ऐसा माना जाता है कि जब कोई मंदिर में घंटी बजाता है, तो उसे 'ॐ' के उच्चारण के समान ही पुण्य मिलता है।

घंटी बजाने का वैज्ञानिक कारण

घंटी बजाने में भौतिकी का नियम काम करता है। वैज्ञानिकों के अनुसार जब घंटी बजाई जाती है तो उसकी ध्वनि से वातावरण में तेज कंपन पैदा होता है। जो वातावरण के कारण न सिर्फ आस-पास बल्कि काफी दूर तक भी जाता है। जिससे फायदा यह होता है कि वातावरण में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस और सूक्ष्म जीव घंटी के कंपन के प्रभाव से नष्ट हो जाते हैं और हमारे आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है। इतना ही नहीं घंटी बजाने से उत्पन्न ध्वनि सात सेकंड तक गूंजती रहती है। घंटी की प्रतिध्वनि से हमारे शरीर के सातों चक्र कुछ देर के लिए सक्रिय हो जाते हैं जिससे नकारात्मक विचार खत्म हो जाते हैं और शरीर सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है।

कितनी बार घंटी बजानी चाहिए?

मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी को धीरे-धीरे 3 या 5 बार बजाया जाता है। घंटी को कभी भी तेज, तेज या बार-बार नहीं बजाया जाता। दूसरी बात, मंदिर से बाहर निकलते समय भी घंटी नहीं बजाई जाती।
यह भी पढ़ें:-
Palmistry: हस्तरेखा में इन रेखाओं को माना जाता है बेहद अशुभ, व्यक्ति के जीवन में लाती हैं दुर्भाग्य
Upnayan Sanskar: क्या होता है उपनयन संस्कार जानिए महत्व और संस्कार विधि
Worshipping Trees: हिंदू धर्म में पेड़ों की पूजा का क्या है महत्व जानिए

 
विज्ञापन