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Jyeshtha Month 2024: 24 मई से शुरू हो रहा है ज्येष्ठ माह, जानिए इसका महत्व

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: निधि Updated Sun, 19 May 2024 04:16 PM IST
सार

Jyeshtha Month 2024: ज्येष्ठ माह में सबसे अधिक गर्मी होती है। यह महीना हिंदी कैलेंडर का तीसरा महीना है। ज्येष्ठ माह में जल संरक्षण को विशेष महत्व दिया जाता है। इस वर्ष 2024 में ज्येष्ठ माह 24 मई 2024 से शुरू हो रहा है, यह 23 जून 2024 को समाप्त होगा।

Jyeshtha Month 2024:
Jyeshtha Month 2024:- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Jyeshtha Month 2024: ज्येष्ठ माह में सबसे अधिक गर्मी होती है। यह महीना हिंदी कैलेंडर का तीसरा महीना है। ज्येष्ठ माह में जल संरक्षण को विशेष महत्व दिया जाता है। ज्येष्ठ माह के नौ दिनों में सबसे अधिक गर्मी होती है, इसे नौतपा कहा जाता है। इस दौरान सूर्य रोहिणी नक्षत्र, वृषभ राशि और मिथुन राशि में रहता है। इस दौरान सूर्य देव उत्तरायण में रहते हैं जिसे देवताओं का दिन कहा जाता है। ज्येष्ठ माह में जल के महत्व के कारण ही निर्जला एकादशी और गंगा दशहरा जैसे त्योहार मनाये जाते हैं जिनमें जल बचाने का संदेश दिया जाता है। इसके अलावा भगवान शनिदेव का जन्मदिन ज्येष्ठ माह में मनाया जाता है और भगवान हनुमान का प्रिय माह भी ज्येष्ठ माह ही है।
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 ज्येष्ठ माह 2024 कब से शुरू?

वैदिक पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 23 मई को शाम 07:22 बजे शुरू हो रही है. यह तिथि 24 मई को शाम 07:24 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार 24 मई से ज्येष्ठ मास प्रारंभ होकर 21 जून को समाप्त होगा।


ज्येष्ठ माह नाम कैसे पड़ा

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ज्येष्ठ या जेठ के महीने में गर्मी अपने चरम पर होती है। ये सबसे लंबे दिन होते हैं, इसलिए सूर्य की वरिष्ठता के कारण इस माह को ज्येष्ठ कहा जाता है। जेठ माह में धर्म को जल से जोड़ा गया है, ताकि जल का संरक्षण किया जा सके। जेठ माह में जल से संबंधित व्रत और त्योहार मनाये जाते हैं। जिनमें गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी प्रमुख हैं।

ज्येष्ठ माह का धार्मिक महत्व

- ज्येष्ठ माह में सूर्य अपने प्रचंड रूप में होता है, जिससे गर्मी बढ़ जाती है और जल का महत्व भी बढ़ जाता है। शास्त्रों में इस माह में जल संरक्षण पर विशेष जोर दिया गया है।

- ज्येष्ठ माह में जल दान करने का बहुत महत्व है। भीषण गर्मी में पानी की समस्या होती है, जिसके कारण कई लोगों को पीने का पानी नहीं मिल पाता है, इसलिए इस महीने जल का दान करना बहुत लाभकारी बताया गया है।

- जेठ के महीने में घर के किसी खुले स्थान या छत पर पक्षियों के लिए दाना और पानी रखना चाहिए। गर्मी के कारण नदियाँ और तालाब सूखने लगते हैं, जिससे पक्षियों को पानी नहीं मिल पाता है, इसलिए घर के बाहर या छत पर पक्षियों के लिए दाना-पानी रखें। ऐसा माना जाता है कि पक्षियों को दाना-पानी देना लाभकारी होता है।

- ज्येष्ठ माह में पवनपुत्र हनुमान की भगवान राम से मुलाकात हुई थी, जिसके कारण यह माह हनुमानजी की पूजा के लिए बहुत खास है। जेठ में श्रीराम के साथ हनुमानजी की पूजा करना शुभ रहता है। इस महीने में बड़ मंगलवार का त्योहार मनाया जाता है, जिसमें हनुमानजी की विशेष पूजा की जाती है।

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