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Budh Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा? जानिए तिथि और इसका महत्व

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: निधि Updated Tue, 21 May 2024 08:30 AM IST
सार

Buddha Purnima 2024: इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा 23 मई 2024 को मनाई जाएगी। यह बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, इसे बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है।

Buddha Purnima 2024
Buddha Purnima 2024- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Buddha Purnima 2024: हर साल वैशाख मास की पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध की जयंती का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। बौद्ध धर्म के अनुसार भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख पूर्णिमा तिथि को हुआ था। हिंदू धर्म में भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है, इसलिए इस तिथि पर हिंदू और बौद्ध दोनों धर्मों के अनुयायी इस त्योहार को बड़ी श्रद्धा के साथ मनाते हैं। इस साल बौद्ध पूर्णिमा का त्योहार 23 मई को मनाया जाएगा. इसी दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगेगा. ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान बुद्ध और चंद्रदेव की भी पूजा की जाएगी.
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बुद्ध पूर्णिमा तिथि

बुद्ध पूर्णिमा तिथि 22 मई की शाम 6 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी। इस तिथि का समापन 23 मई गुरुवार के दिन शाम 7 बजकर 22 मिनट पर होगा। इसके अनुसार वैशाख पूर्णिमा 23 मई को होगी, इसलिए बुद्ध पूर्णिमा 23 मई को मनाई जाएगी।

बुद्ध पूर्णिमा 2024 शुभ योग

बुद्ध पूर्णिमा  का दिन सभी के लिए बहुत खास है। इस बार यह तिथि और भी खास होने वाली है क्योंकि इस दिन शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान शिव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इसके साथ ही बुद्ध पूर्णिमा पर शुक्र-सूर्य की युति से शुक्रादित्य योग, राजभंग योग का भी निर्माण होगा।
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ज्योतिष दृष्टि से भी यह दिन खास है इस दिन वृषभ राशि में गुरु-शुक्र की युति से गजलक्ष्मी राजयोग, गुरु और सूर्य की युति से गुरु आदित्य योग का संयोग बन रहा है। मान्यता है कि गजलक्ष्मी राजयोग में किए गए कार्यों से धन और सफलता मिलती है।

बुद्ध पूर्णिमा का महत्व

वैशाख मास की पूर्णिमा को वैशाखी पूर्णिमा,पीपल पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार वैशाख पूर्णिमा सभी में श्रेष्ठ मानी गई है। प्रत्येक माह की पूर्णिमा जगत के पालनकर्ता श्री हरि विष्णु भगवान को समर्पित होती है। भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना गया है। जिन्हें इसी पावन तिथि के दिन बिहार के पवित्र तीर्थ स्थान बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी। वैशाख माह को पवित्र माह माना गया है। इसके चलते हज़ारों श्रद्धालु पवित्र तीर्थ स्थलों में स्नान,दान कर पुण्य अर्जित करते हैं। पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्त्व माना गया है।

गौतम बुद्ध के चार सूत्र 

गौतम बुद्ध ने चार सूत्र दिए उन्हें 'चार आर्य सत्य ' के नाम से जाना जाता है। पहला दुःख है दूसरा दुःख का कारण तीसरा दुःख का निदान और चौथा मार्ग वह है जिससे दुःख का निवारण होता है। भगवान बुद्ध का अष्टांगिक मार्ग वह माध्यम है जो दुःख के निदान का मार्ग बताता है।

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