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Vastu Dosh: क्यों होता है वास्तु दोष ? कैसे दूर करें वास्तु दोष

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: कोमल Updated Sun, 02 Jun 2024 05:06 AM IST
सार

Vastu Dosh: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर या भवन में विभिन्न प्रकार के दोषों के कारण नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जिन्हें वास्तु दोष कहा जाता है। इन दोषों के अनेक कारण हो सकते हैं

वास्तु दोष
वास्तु दोष- फोटो : jeevanjali

विस्तार


Vastu Dosh: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर या भवन में विभिन्न प्रकार के दोषों के कारण नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जिन्हें वास्तु दोष कहा जाता है। इन दोषों के अनेक कारण हो सकते हैं, चलिए आप को बताते हैं की वास्तु दोष के क्या कारण होते हैं?
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1. दिशाओं का गलत उपयोग:

-  घर का मुख्य द्वार दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पूर्व दिशा में नहीं होना चाहिए।
- बिस्तर का सिरहाना उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए।
- पूजा गृह को उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
- रसोई को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
- बाथरूम को उत्तर-पश्चिम या पश्चिम दिशा में रखना चाहिए।



2. गलत रंगों का प्रयोग:

- सोने के कमरे में नीले रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- दक्षिण दिशा में काले रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- पूजा गृह में लाल रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

3. वस्तुओं का गलत स्थान:

- घर में टूटी-फूटी वस्तुएं नहीं रखनी चाहिए।
- घर में कबाड़ इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए।
- घर के मुख्य द्वार पर कांटेदार पौधे नहीं लगाने चाहिए।
- दर्पण को सोने के कमरे के सामने नहीं रखना चाहिए।

4. वास्तु नियमों का अज्ञान:

- गृह निर्माण के समय वास्तु नियमों का पालन नहीं करना।
- घर में रंग-रोगन करते समय वास्तु नियमों का पालन नहीं करना।
- घर में फर्नीचर रखते समय वास्तु नियमों का पालन नहीं करना।

5. प्राकृतिक तत्वों का अभाव:

- घर में पर्याप्त प्राकृतिक प्रकाश का अभाव।
- घर में हवा का प्रवाह न होना।
- घर में जल तत्वों का अभाव।
- घर में पेड़-पौधों का अभाव।

वास्तु दोष दूर करने के उपाय:

- घर को प्रतिदिन साफ-सुथरा रखें। घर में कबाड़ इकट्ठा न होने दें।टूटी-फूटी वस्तुओं को घर से बाहर निकाल दें। घर में सामान को व्यवस्थित रखें।

- मुख्य द्वार को उत्तर-पूर्व या ईशान कोण में रखें। बिस्तर का सिरहाना उत्तर या पूर्व दिशा में रखें। पूजा गृह को उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में रखें।
रसोई को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें। बाथरूम को उत्तर-पश्चिम या पश्चिम दिशा में रखें।

- सोने के कमरे में हल्के नीले रंग का प्रयोग करें। दक्षिण दिशा में गहरे नीले रंग का प्रयोग करें। पूजा गृह में लाल रंग का प्रयोग करें।

- घर के मुख्य द्वार पर कांटेदार पौधे न लगाएं। दर्पण को सोने के कमरे के सामने न रखें। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को सोने के कमरे से दूर रखें।

- घर में पर्याप्त प्राकृतिक प्रकाश आने दें।घर में हवा का प्रवाह बनाए रखें। घर में जल तत्वों का समावेश करें, जैसे मछलीघर या फव्वारा। घर में पेड़-पौधे लगाएं।
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- धन-समृद्धि के लिए श्रीयंत्र का प्रयोग करें। ग्रहों के दोषों को दूर करने के लिए नवग्रह यंत्र का प्रयोग करें। घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए ऊर्जावर्धक यंत्र का प्रयोग करें।

- अपने ग्रहों को शांत करने के लिए ग्रह शांति पूजन करवाएं। नियमित रूप से वास्तु मंत्रों का जाप करें।

 

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