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Hanumanji Sindoor Story: हनुमान जी को क्यों इतना प्रिय है सिंदूर, जानिए पौराणिक कथा

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: कोमल Updated Tue, 21 May 2024 07:08 AM IST
सार

Hanumanji Sindoor Story:  रामायण के मुख्य पात्रों में हनुमान जी का नाम जरूर आता है और राम के बिना हनुमान जी अधूरे हैं। ऐसा कहा जाता है कि अगर आप भगवान राम की कृपा और कृपा पाना चाहते हैं तो आपको हनुमान जी को अवश्य प्रसन्न करना चाहिए।

हनुमानजी सिन्दूर कथा
हनुमानजी सिन्दूर कथा- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Hanumanji Sindoor Story:  रामायण के मुख्य पात्रों में हनुमान जी का नाम जरूर आता है और राम के बिना हनुमान जी अधूरे हैं। ऐसा कहा जाता है कि अगर आप भगवान राम की कृपा और कृपा पाना चाहते हैं तो आपको हनुमान जी को अवश्य प्रसन्न करना चाहिए। इससे भगवान राम स्वत: ही प्रसन्न हो जाएंगे और जीवन के दुखों से मुक्ति दिला देंगे। यह तो सभी जानते हैं कि  सिन्दूर के बिना हनुमान जी की पूजा अधूरी होती है और इसलिए भगवान हनुमान को  मंगलवार के दिन चोला  चढ़ाया जाता है। लेकिन क्या आपके मन में कभी ये सवाल आया है कि महिलाओं का ये सिन्दूर हनुमान जी को इतना प्रिय क्यों है? जिसे लगाने से वह प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। आज इसके जरिए हम आपको बताएंगे कि हनुमान जी को सिन्दूर क्यों पसंद है? आइए जानते हैं इसके पीछे छिपी पौराणिक कथा के बारे में।
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हनुमान जी को सिन्दूर प्रिय क्यों है?

पौराणिक कथा के अनुसार लंका से लौटने के बाद एक दिन जब माता सीता अपनी मांग में सिन्दूर भर रही थीं तो हनुमान जी ने उनसे इसका कारण पूछा। हनुमान जी के इस सवाल का जवाब देते हुए माता सीता ने कहा कि वह प्रभु श्री राम की लंबी उम्र की कामना के लिए माथे पर सिन्दूर लगाती हैं।माता सीता की ये बातें सुनकर हनुमान जी ने सोचा कि यदि थोड़ा सा सिन्दूर लगाने से प्रभु को इतनी ही लाभ होता है तो पूरे शरीर पर सिन्दूर लगाने से प्रभु श्री राम अमर हो जायेंगे। उस दिन से हनुमान जी अपने शरीर पर सिन्दूर का लेप लगाने लगे। तभी से हनुमान जी को सिन्दूर चढ़ाने की परम्परा भी प्रचलित हो गई।

नारंगी सिन्दूर ही क्यों चढ़ाया जाता है?

सिन्दूर मुख्यतः दो प्रकार का होता है- लाल और नारंगी। मान्यता है कि हनुमानजी को नारंगी सिन्दूर ही लगाना चाहिए। दरअसल, लाल सिन्दूर श्रृंगार और सुहाग का प्रतीक माना जाता है। वहीं नारंगी सिन्दूर समर्पण को दर्शाता है। चूँकि हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं इसलिए उन्हें लाल नहीं बल्कि नारंगी सिन्दूर लगाने की सलाह दी जाती है।
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सिन्दूर चढ़ाने और लगाने में क्या अंतर है?

कहा जाता है कि हनुमान जी को सिन्दूर चढ़ाने और सिन्दूर लगाने में अंतर होता है। सिन्दूर चढ़ाने का मतलब है हनुमान जी के सामने सिन्दूर चढ़ाना और अगर आप उन्हें सिर्फ सिन्दूर ही चढ़ा रहे हैं तो लाल रंग का सिन्दूर भी चढ़ा सकते हैं।सिन्दूर लगाना यानि हनुमान जी के शरीर पर सिन्दूर का तिलक लगाना या सिन्दूर का लेप लगाना। अगर आप हनुमान जी के शरीर पर सिन्दूर लगाते हैं तो नारंगी सिन्दूर का ही प्रयोग करें।

हनुमानजी को सिन्दूर चढ़ाने के फायदे

ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी को लाल सिन्दूर चढ़ाने से वैवाहिक जीवन में सुख, सौभाग्य और शीघ्र विवाह के योग जैसे लाभ मिलते हैं। शरीर पर नारंगी सिन्दूर लगाने से आध्यात्मिकता की प्राप्ति होती है और हनुमान जी का आशीर्वाद मिलता है।इतना ही नहीं, नारंगी सिन्दूर लगाने से हनुमान जी के साथ-साथ श्री राम का भी आशीर्वाद मिलता है। सभी प्रकार के भय और रोगों से मुक्ति मिलती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को हनुमान जी का लगाया हुआ सिन्दूर घर लाना चाहिए और उसे तिलक की तरह अपने ऊपर लगाना चाहिए, इससे भाग्योदय होता है और बजरंगबली की कृपा प्राप्त होती है।

हनुमान जी को कैसे लगाएं सिन्दूर?

मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करते समय उन्हें सिन्दूर अवश्य अर्पित करें। क्योंकि इससे वह प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं। लेकिन इससे पहले आपको सिन्दूर चढ़ाने का सही तरीका पता होना चाहिए। हनुमानजी को सिन्दूर चढ़ाने से पहले चमेली के तेल में सिन्दूर मिलाकर लेप बना लें। अगर आपके पास चमेली का तेल नहीं है तो आप देसी घी में भी सिन्दूर मिला सकते हैं। इसके बाद इस लेप को हनुमान जी को लगाएं। इससे वह खुश होंगे.

 
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