विज्ञापन
Home  dharm  when is vat savitri vrat 2024 when is vat savitri vrat know the date and auspicious time

Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री व्रत है आज. जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और उपाय

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: कोमल Updated Thu, 06 Jun 2024 10:11 AM IST
सार

Vat Savitri Vrat 2024 Kab Hai: वट सावित्री व्रत जेष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस बार वट सावित्री व्रत 6 जून, गुरुवार को मनाया जाएगा। इसके साथ पौराणिक सत्यवान सावित्री की कथा जुड़ी हुई है।

वट सावित्री व्रत 2024:
वट सावित्री व्रत 2024:- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री व्रत जेष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस बार वट सावित्री व्रत 6 जून, गुरुवार को मनाया जाएगा। इसके साथ पौराणिक सत्यवान सावित्री की कथा जुड़ी हुई है। जिसमें सावित्री ने अपनी चतुराई और धर्म से यमराज से युद्ध किया और अपने पति सत्यवान के प्राण वापस ले आई। जिसके कारण यह व्रत लोकप्रिय है और विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए इसे जरूर रखती हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन


वट सावित्री व्रत सौभाग्य प्राप्ति के लिए भी बड़ा व्रत माना जाता है। हिंदू परंपरा में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए विभिन्न व्रत रखती हैं।  यह व्रत जेष्ठ माह के कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस बार वट सावित्री व्रत 6 जून, गुरुवार को पूरे दिन मनाया जाएगा। इस व्रत के साथ सत्यवान सावित्री की पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। जिसमें सावित्री ने अपने धर्म और सत्य के बल पर यमराज से युद्ध किया और अपने पति सत्यवान के प्राण वापस ले आई। इस व्रत को करने से सुखी और समृद्ध जीवन और संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।

वट सावित्री व्रत पूजा मुहूर्त - Vat Savitri Vrat Puja Muhurat

वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार अमावस्या तिथि का प्रारंभ 5 जून की शाम 5 बजकर 54 मिनट पर हो रहा है. इसका समापन 6 जून 2024 को शाम 6:07 मिनट पर होगा. उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष वट सावित्री व्रत 6 जून को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ समय सुबह 11:52 मिनट से दोपहर 12:48 मिनट तक रहेगा.
विज्ञापन



 

इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा क्यों की जाती है?

हिन्दू धर्म में वट वृक्ष की पूजा की जाती है। धर्मशास्त्र के अनुसार वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है। वट वृक्ष के तने में भगवान विष्णु और जड़ में ब्रह्मदेव का वास माना जाता है। शाखाओं में भगवान शिव का वास है। बरगद के पेड़ की लटकती शाखाओं को सावित्री का रूप माना जाता है। इसलिए संपूर्ण वृक्ष पूजनीय है। बरगद का पेड़ लंबे समय तक अक्षय रहता है। इसीलिए इसे अक्षयवट भी कहा जाता है। यही कारण है कि इस पेड़ को हिंदू धर्म में पूजनीय माना जाता है और इस पेड़ की पूजा करके विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।

वैज्ञानिक कारणों से बरगद के पेड़ का महत्व

वैज्ञानिक कारणों की बात करें तो वैज्ञानिक कारणों के अनुसार बरगद का पेड़ दुनिया के सभी पेड़ों से ज्यादा ऑक्सीजन देने वाला पेड़ है। साथ ही यह धरती की सारी गंदी और प्रदूषित हवा को सोख लेता है और हम सभी को शुद्ध ऑक्सीजन देता है। इसलिए उन्होंने आम लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि अगर ज्यादा से ज्यादा संख्या में पौधे काटे जाएं तो बरगद के पेड़ जरूर लगाने का प्रयास करें. इससे हमारी पृथ्वी और पर्यावरण के साथ-साथ हमारा धर्म भी बचेगा।

यह भी पढ़ें:-
Baby Name Inspired By Lord Shiva: भगवान शिव के नाम पर रखें अपने बच्चों का नाम, बरसेगी भोलेनाथ की कृपा
Names Of Sun: भगवान सूर्य के इन नामों का करें जाप, मिलेगा सूर्यदेव का आशीर्वाद
Surya Arghya Vidhi: सूर्यदेव को इस समय चढ़ाएं जल, कुंडली में सूर्य होगा बलवान
विज्ञापन