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Som Pradosh Vrat: भगवान शिव की पूजा करते समय इन बातों का रखें ध्यान

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: निधि Updated Mon, 13 May 2024 03:59 PM IST
सार

Som Pradosh Vrat: वैशाख के महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 20 मई 2024 दिन सोमवार को रखा जाएगा। शिव पूजा करते समय आपको इन बातों का भी ध्यान रखना चाहिए।
 

Som Pradosh Vrat
Som Pradosh Vrat- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Som Pradosh Vrat: सोमवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के लिए रखा जाता है। मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। लेकिन भगवान शिव की पूजा में कुछ विशेष नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। वैशाख के महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 20 मई 2024 दिन सोमवार को रखा जाएगा।  शिव पूजा करते समय आपको इन बातों का भी ध्यान रखना चाहिए।
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भगवान शिव की पूजा करते समय इन बातों का रखें ध्यान

टूट हुए अक्षत
शिव पूजा में भगवान शिव को टूटे हुए और अक्षत नहीं चढ़ाने चाहिए। टूटा हुआ चावल अधूरा और अशुद्ध होता है इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं चढ़ाया जाता है। इसलिए पूजा में प्रयोग की जाने वाली वस्तुएं अक्षुण्ण होनी चाहिए।
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भूलकर भी न चढ़ाए तुलसी 
भगवान शिव को भूलकर भी तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए। हिंदू धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है और सभी प्रकार की पूजा और शुभ कार्यों में इसका उपयोग किया जाता है, लेकिन भगवान शिव को तुलसी चढ़ाना वर्जित है। पूजा में भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाना चाहिए। तुलसी माता का संबंध भगवान विष्णु से है।

शंख का इस्तेमाल वर्जित
शिव पूजा में शंख का प्रयोग वर्जित माना गया है। दरअसल इसके पीछे एक पौराणिक कहानी है. भगवान शिव ने शंखचूड़ नामक राक्षस का वध किया था, जो भगवान विष्णु का भक्त था। शंख को उसी राक्षस का प्रतीक माना जाता है इसलिए भगवान शिव की पूजा में शंख का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

शिव शंकर को न चढ़ाए कुमकुम
भोलेनाथ को कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए। कुमकुम सौभाग्य का प्रतीक है जबकि भगवान शिव वैरागी हैं इसलिए भगवान शिव को कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा शिवलिंग पर हल्दी भी न चढ़ाएं।

शिवलिंग पर न  करें नारियल पानी से अभिषेक
शिव आराधना के समय शिवलिंग पर नारियल पानी से अभिषेक नहीं करना चाहिए। नारियल देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है जिनका संबंध भगवान विष्णु से है।

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