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Som Pradosh Vrat: साल के पहले सोम प्रदोष व्रत पर हो रहा है बहुत ही खास संयोग का निर्माण, मिलेगा बहुत लाभ
जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: कोमल Updated Tue, 14 May 2024 05:44 PM IST
सार
Som Pradosh Vrat: हर महीने कृष्ण और शुक्ल की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। ऐसे में वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 20 मई को है। यह दिन देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस दिन महादेव के साथ माता पार्वती की भी पूजा की जाती है।
सोम प्रदोष व्रत- फोटो : jeevanjali
विस्तार
Som Pradosh Vrat: हर महीने कृष्ण और शुक्ल की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। ऐसे में वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 20 मई को है। यह दिन देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस दिन महादेव के साथ माता पार्वती की भी पूजा की जाती है। साथ ही उनके लिए प्रदोष व्रत भी रखा जाता है। इस व्रत का पुण्य फल दिन-प्रतिदिन प्राप्त होता है। सोमवार के दिन पड़ने के कारण इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। सोम प्रदोष व्रत करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों के अनुसार सोम प्रदोष व्रत पर दुर्लभ शिववास योग बन रहा है। इस योग में महादेव की पूजा करने से साधक को सभी शुभ कार्यों में सफलता मिलेगी।
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शुभ समय
पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 20 मई को दोपहर 03:58 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 21 मई को शाम 05:39 मिनट पर समाप्त होगी. त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इसलिए प्रदोष व्रत 20 मई को रखा जाएगा. इस दिन प्रदोष काल शाम 07:08 मिनट से रात 09:12 मिनटतक है. इस दौरान भक्त अपने आराध्य भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।
शिववास
ज्योतिषियों के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव रात्रि 03:58 मिनट तक कैलाश पर रहेंगे। इसके बाद भगवान शिव नंदी पर सवार रहेंगे। शिव पुराण में निहित है कि जब भगवान शिव नंदी पर सवार हों तो रुद्राभिषेक करना अत्यंत शुभ होता है। इस दौरान भगवान शिव का अभिषेक करने से व्यक्ति को हर काम में सफलता मिलती है।
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सोम प्रदोष व्रत पर रुद्राभिषेक का संयोग
इस साल के पहले सोम प्रदोष व्रत पर रुद्राभिषेक का सुंदर संयोग बन रहा है। इस दिन कैलाश पर शिववास सुबह से दोपहर 3:58 बजे तक होता है। तभी से शिववास नंदी पर है। जो लोग अपनी और अपने परिवार की सुख, उन्नति और शांति के लिए सोम प्रदोष के दिन रुद्राभिषेक करना चाहते हैं, वे सुबह से ही यह कार्यक्रम शुरू कर सकते हैं।