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Swastika Puja Tips: स्वास्तिक बनाते समय न करें ये गलतियां, जानिए सही नियम

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: निधि Updated Sun, 12 May 2024 02:40 PM IST
सार

Swastika: हिंदू धर्म में स्वस्तिक चिन्ह को बहुत ही महत्वपूर्ण और शुभ चिन्ह माना जाता है। यह शुभ चिह्न प्रथम पूज्य भगवान गणेश का प्रतीक है।

Swastika
Swastika- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Swastika: हिंदू धर्म में स्वस्तिक चिन्ह को बहुत ही महत्वपूर्ण और शुभ चिन्ह माना जाता है। यह शुभ चिह्न प्रथम पूज्य भगवान गणेश का प्रतीक है। किसी भी शुभ कार्य में सबसे पहले भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है और उनका प्रतीक स्वस्तिक बनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि स्वस्तिक बनाने से व्यक्ति जिस क्षेत्र में काम करेगा उसमें उसे सफलता अवश्य मिलती है। स्वस्तिक चिन्ह नकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। शास्त्रों में स्वस्तिक का महत्व और इसे बनाते समय कुछ नियम बनाए गए हैं। जिसका पालन करना होगा.
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स्वस्तिक बनाते समय रखें इस एक बात का खास ध्यान
स्वस्तिक चिन्ह में बहुत अधिक ऊर्जा होती है। इसलिए स्वस्तिक को सदैव स्वच्छ एवं सुन्दर रखना चाहिए। इसे बनाते समय इसका उपयोग कभी भी फूड सप्लीमेंट के रूप में नहीं करना चाहिए। टेढ़ा स्वस्तिक चिन्ह शुभ नहीं माना जाता है।

हमेशा सीधा बनाए स्वस्तिक
स्वस्तिक चिन्ह कभी भी उल्टा नहीं बनाना चाहिए। इसके विपरीत उल्टा स्वस्तिक बनाने से पूजा और उसकी शक्तियों का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है।

बिना स्नान किए न बनाए स्वस्तिक का निशान
किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले उसे बनाते समय पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बिना स्नान किए कभी भी किसी अन्य वस्तु पर स्वस्तिक का निशान नहीं बनाना चाहिए।
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घर के  मुख्य द्वार पर जरूर बनाए स्वस्तिक
घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से स्वस्तिक का निशान बनाने से किसी की बुरी नजर नहीं लगती।

धार्मिक कार्यक्रम की शुरुआत स्वस्तिक के साथ
किसी भी विशेष आयोजन या धार्मिक कार्यों के दौरान पूजा स्थल पर स्वस्तिक बनाना शुभ होता है।

इश तरह से बनाए स्वस्तिक वैवाहिक समस्याएं होगी दूर
हल्दी से स्वस्तिक बनाने से वैवाहिक जीवन से जुड़ी समस्याएं बहुत जल्दी दूर हो जाती हैं।

इस दिशा में बनाए स्वस्तिक
वास्तु के अनुसार घर के मुख्य द्वार की दिशा पूर्व या उत्तर अत्यंत शुभ मानी जाती है। यदि किसी कारणवश आपके घर का मुख्य द्वार पूर्व या उत्तर दिशा में नहीं है तो सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए दरवाजे पर स्वस्तिक, श्रीगणेश और ॐ जैसे शुभ चिन्ह लगाना चाहिए।

स्वस्तिक मंत्र
ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः।
  स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।
  स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः।
  स्वस्ति नो ब्रिहस्पतिर्दधातु ॥
   ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥

स्वास्तिक से जुड़े नियम 

- स्वस्तिक सदैव सीधा बनाएं। घर में जिस स्थान पर स्वस्तिक बनाया जाए वह स्थान एकदम साफ-सुथरा और पवित्र होना चाहिए।
- घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है। मुख्य द्वार पर स्वस्तिक बनाने से भी वास्तु दोष दूर होते हैं।
- स्वास्तिक बनाने के लिए रोली, सिन्दूर, हल्दी, कुमकुम, चंदन का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन लाल और पीले रंग के अलावा किसी भी रंग से स्वास्तिक नहीं बनाना चाहिए।
- वैवाहिक समस्याओं को दूर करने के लिए पूजा करते समय हल्दी से स्वस्तिक बनाना चाहिए। शेष कामनाओं के लिए कुमकुम से स्वास्तिक बनाना चाहिए।

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