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Dharma According To Ramayana: रामायण का अनुसार जानें धर्म की परिभाणा क्या है

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: कोमल Updated Wed, 08 May 2024 06:01 PM IST
सार

Dharma According To Ramayana: हिंदू धर्म के दो महान महाकाव्यों में से एक है रामायण , दूसरा महाभारत है। रामायण एक संस्कृत महाकाव्य है, जिसकी रचना महर्षि वाल्मिकी ने की थी। 

रामायण
रामायण- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Dharma According To Ramayana: हिंदू धर्म के दो महान महाकाव्यों में से एक है रामायण , दूसरा महाभारत है।   रामायण एक संस्कृत महाकाव्य है, जिसकी रचना महर्षि वाल्मिकी ने की थी।  रामायण भगवान राम की जीवन कहानी है, जिन्हें भगवान विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है। आइए आज हम आपको बताते हैं कि इस महाकाव्य के अनुसार धर्म का क्या अर्थ है।
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रामायण के अनुसार धर्म क्या है?

मर्यादा पुरूषोत्तम राम

भगवान राम को धर्म का अवतार माना जाता है। वे सदैव सच्चे, न्यायप्रिय, दयालु और कर्तव्यपरायण होते हैं। वे अपनी बात पर कायम रहते हैं, चाहे परिणाम कुछ भी हो। वे अपने परिवार और लोगों के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं। ये अपने शत्रुओं के प्रति भी दयालु होते हैं।

कर्मयोग

रामायण में कर्मयोग को धर्म का महत्वपूर्ण पहलू बताया गया है। इसका अर्थ है परिणामों की चिंता किए बिना अपने कर्तव्यों का पालन करना। भगवान राम कर्मयोग के सर्वोत्तम उदाहरण हैं। वनवास जैसी कठिन परिस्थिति में भी वे अपने कर्तव्य का पालन करते हैं।

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त्याग करना

त्याग को भी धर्म का एक महत्वपूर्ण गुण माना गया है। इसका अर्थ है अपनी इच्छाओं और सुखों को त्यागना और स्वयं को दूसरों के लिए समर्पित करना। भगवान राम त्याग के प्रतीक हैं। वह अपनी माता कैकेयी के वचन को पूरा करने के लिए राजसी सुख त्याग कर वनवास चले जाते हैं।

नीति

नीति का अर्थ है सही और गलत में अंतर करना। रामायण में नैतिकता को धर्म का अनिवार्य अंग माना गया है। भगवान राम सदैव नैतिकता के मार्ग पर चलते हैं। ये हर परिस्थिति में सही निर्णय लेते हैं।

समाज कल्याण

रामायण में धर्म का अर्थ केवल व्यक्तिगत मोक्ष तक ही सीमित नहीं है। इसका मतलब समाज के कल्याण के लिए काम करना भी है। भगवान राम लोगों की सेवा करना और उन्हें कष्टों से मुक्ति दिलाना अपने जीवन का लक्ष्य बनाते हैं।

रामायण के अनुसार धर्म का अर्थ केवल आध्यात्मिकता नहीं है, बल्कि यह व्यक्तिगत आचरण, सामाजिक कर्तव्य और नैतिक मूल्यों का संयोजन है। यह सत्यता, न्याय, दया, कर्तव्यपरायणता, त्याग, नैतिकता और सामाजिक कल्याण जैसे गुणों को बढ़ावा देता है। रामायण हमें सिखाती है कि धर्म का पालन करके हम बेहतर जीवन जी सकते हैं और समाज को बेहतर बना सकते हैं।

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