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Nag Panchami 2024: इस साल कब मनाई जाएगी नागपंचमी, जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: कोमल Updated Mon, 03 Jun 2024 04:38 PM IST
सार

Nag Panchami 2024: हिंदू धर्म में सावन के महीने में नाग पंचमी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. सावन के महीने में भगवान शिव और उनके प्रिय सांपों की पूजा की जाती है. नाग पंचमी के दिन लोग नाग देवता की पूजा करते हैं.

कब है नागपंचमी
कब है नागपंचमी- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Nag Panchami 2024: हिंदू धर्म में सावन के महीने में नाग पंचमी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. सावन के महीने में भगवान शिव और उनके प्रिय सांपों की पूजा की जाती है. नाग पंचमी के दिन लोग नाग देवता की पूजा करते हैं. मान्यता है कि नाग देवता की पूजा करने से कुंडली में मौजूद सर्प दोष से मुक्ति मिलती है. वहीं, इस दिन सांपों की पूजा करने वालों की सांप के काटने से मृत्यु नहीं होती. आइए जानते हैं साल 2024 में नाग पंचमी कब है.
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नाग पंचमी 2024 तिथि

नाग पंचमी का दिन नाग देवता को समर्पित होता है. इसलिए इसे सांपों का त्योहार कहा जाता है. इस दिन लोग नाग देवता को दूध चढ़ाकर उनकी पूजा करते हैं. पंचांग के अनुसार, नाग पंचमी का त्योहार हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस साल नाग पंचमी का त्योहार 09 अगस्त 2024, शुक्रवार को पड़ रहा है।

नाग पंचमी 2024 शुभ मुहूर्त

सावन शुक्ल की पंचमी तिथि 9 अगस्त को सुबह 08:15 मिनट से शुरू होकर 10 अगस्त को सुबह 06:08 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में 9 अगस्त को ही नाग पंचमी मनाई जाएगी और पूजा-पाठ, व्रत आदि किए जाएंगे। इस दिन पूरे दिन  पूजा के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा। अगर आप अभिजीत मुहूर्त में पूजा करना चाहते हैं तो सुबह 06:16 से 07:05 बजे तक कर सकते हैं। वहीं दोपहर 12:13 से 01:02 बजे तक का मुहूर्त भी अच्छा है। प्रदोष काल में नाग पंचमी की पूजा के लिए आप शाम 06:33 से 08:22 बजे तक पूजा कर सकते हैं। वहीं रात्रि में पूजा का अंतिम समय 11:55 से 12:44 तक रहेगा।
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नाग पंचमी मुहूर्त

1. नाग पंचमी व्रत श्रावण शुक्ल पंचमी को किया जाता है।
2. यदि दूसरे दिन पंचमी तीन मुहूर्त से कम हो और पहले दिन तीन मुहूर्त से कम वाली चतुर्थी से युक्त हो तो यह व्रत पहले दिन ही किया जाता है।
3. ऐसी भी मान्यता है कि यदि पहले दिन पंचमी तीन मुहूर्त से अधिक वाली चतुर्थी से युक्त हो तो दूसरे दिन दो मुहूर्त वाली पंचमी को भी यह व्रत किया जा सकता है।

नाग पंचमी व्रत और पूजा विधि

1. इस व्रत के देवता आठ नाग माने गए हैं। इस दिन अनंत, वासुकी, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख नामक आठ नागों की पूजा की जाती है।

2. चतुर्थी को एक बार भोजन करें और पंचमी को व्रत करके शाम को भोजन करें।

3. पूजा के लिए लकड़ी की चौकी पर नाग का चित्र या मिट्टी की नाग प्रतिमा स्थापित की जाती है। 4. फिर नाग देवता को हल्दी, रोली (लाल सिंदूर), चावल और फूल चढ़ाए जाते हैं।

5. उसके बाद कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर लकड़ी के पटरे पर बैठे नाग देवता को अर्पित किया जाता है।

6. पूजा के बाद नाग देवता की आरती की जाती है।

7. सुविधा के लिए आप किसी सपेरे को कुछ दक्षिणा देकर यह दूध सांप को पिला सकते हैं।

8. अंत में नाग पंचमी की कथा अवश्य सुननी चाहिए।

नाग पंचमी का महत्व

1. हिंदू मान्यताओं के अनुसार प्राचीन काल से ही नागों को देवता के रूप में पूजा जाता रहा है। इसलिए नाग पंचमी के दिन नाग पूजा का बहुत महत्व है।

2. ऐसी भी मान्यता है कि जो व्यक्ति नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करता है उसे सांप के काटने का भय नहीं रहता।

3. मान्यता है कि इस दिन सांपों को दूध से स्नान कराकर उनकी पूजा करने और उन्हें दूध पिलाने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

4. सपेरों के लिए भी यह त्यौहार विशेष महत्व रखता है। इस दिन सांपों को दूध और पैसे दिए जाते हैं।

5. इस दिन घर के प्रवेश द्वार पर सांप का चित्र बनाने की भी परंपरा है। मान्यता है कि इससे घर सांपों की कृपा से सुरक्षित रहता है।

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