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Ganga Dussehra 2024 Date: कब है गंगा दशहरा,जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त
जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: कोमल Updated Fri, 24 May 2024 06:07 AM IST
सार
Ganga Dussehra 2024 Date: गंगा नदी को हिंदू धर्म में देवी के रूप में पूजा जाता है। आपको बता दें कि शास्त्रों में मां गंगा को मोक्षदायिनी कहा गया है। धार्मिक मान्यता है कि जो भी व्यक्ति गंगा में डुबकी लगाता है, उसके सारे पाप कट जाते हैं
गंगा दशहरा 2024- फोटो : jeevanjali
विस्तार
Ganga Dussehra 2024 Date: गंगा नदी को हिंदू धर्म में देवी के रूप में पूजा जाता है। आपको बता दें कि शास्त्रों में मां गंगा को मोक्षदायिनी कहा गया है। धार्मिक मान्यता है कि जो भी व्यक्ति गंगा में डुबकी लगाता है, उसके सारे पाप कट जाते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद भी मिलता है। गंगा दशहरा का त्योहार हिंदू धर्म में मां गंगा की आराधना के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार यह पर्व ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस साल कब मनाया जाएगा गंगा दशहरा।
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गंगा दशहरा 2024 तारीख और शुभ समय
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून को सुबह 02:32 मिनट पर शुरू होगी और 17 जून को सुबह 04:43 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में गंगा दशहरा 16 जून को मनाया जाएगा.
गंगा दशहरा 2024 शुभ योग
पंचांग में बताया गया है कि गंगा दशहरा के दिन सुबह 11 बजकर 13 मिनट तक हस्त नक्षत्र रहेगा और उसके बाद चित्रा नक्षत्र शुरू हो जाएगा. साथ ही इस खास दिन पर सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहा है, जो पूजा के लिए सर्वोत्तम माने गए हैं। इस शुभ समय पर पूजा करने से पूर्ण फल मिलता है।
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गंगा दशहरा का महत्व
धार्मिक ग्रंथों में मां गंगा को मोक्षदायिनी बताया गया है। ऐसे में गंगा दशहरा के दिन पवित्र स्नान करने से रोग-दोष आदि से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। धार्मिक ग्रंथों में यह भी कहा गया है कि गंगा नदी की उत्पत्ति भगवान शिव की जटाओं से हुई है। ऐसे में इस खास दिन पर भगवान शिव की विधिवत पूजा करने से भी विशेष लाभ मिलता है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इस खास दिन पर पितरों को तर्पण देना भी लाभकारी होता है। इस दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति को अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा मां गंगा का आशीर्वाद भी मिलता है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को फल, जूते, चप्पल, छाते, घड़े और कपड़े दान करने की परंपरा है। इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने से व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन गंगा स्नान करने से सभी प्रकार के पापों, रोगों, दोषों और विपत्तियों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गंगा दशहरा पूजा विधि
गंगा दशहरा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर देवी-देवताओं का ध्यान करके दिन की शुरुआत करें।
इसके बाद पवित्र नदी में स्नान करें। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो घर पर ही नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगा जल मिलाकर स्नान करें।
अब तांबे के लोटे में जल लें, उसमें गंगा जल, अक्षत और फूल डालें और सूर्य देव को अर्घ्य दें.
साथ ही दीपदान भी करें.
इसके बाद गंगा आरती करें और मंत्रों का जाप करें।
अपनी श्रद्धा के अनुसार गरीबों को अन्न, धन और वस्त्र का दान करें।
पौराणिक कथाओं के अनुसार मां गंगा का जन्म ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को हस्त नक्षत्र में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि भागीरथ अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए गंगा को धरती पर लाए थे। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर माँ गंगा प्रकट हुईं और भगीरथ ने उनसे पृथ्वी पर आने का अनुरोध किया। माँ गंगा ने कहा, “मैं पृथ्वी पर आने के लिए तैयार हूँ, लेकिन मेरी तेज़ धारा पृथ्वी पर विनाश लाएगी। जिस पर भगीरथ ने उनसे उपाय पूछा और गंगा ने शिव जी को उपाय बताया। ऐसा माना जाता है कि मां गंगा के उग्र प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं में कैद कर लिया था ताकि पृथ्वी को प्रलय से बचाया जा सके।