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Budh Grah Upay: बुधवार के दिन इस तरह करें बुध ग्रह को मजबूत, मिलेगा लाभ

jeevanjali Published by: कोमल Updated Sun, 05 May 2024 05:56 PM IST
सार

Budh Grah Upay: बुधवार का दिन बुध ग्रह और भगवान गणेश जी को समर्पित है। इस दिन  भगवान गणेश और बुध ग्रह की पूजा करने का विधान है। बुध ग्रह को बुद्धि और विवेक का कारक भी माना जाता है। इसके साथ ही बुध को ग्रहों का राजकुमार भी कहा जाता है।

बुध ग्रह उपाय
बुध ग्रह उपाय- फोटो : jeevanjali

विस्तार


Budh Grah Upay: बुधवार का दिन बुध ग्रह और भगवान गणेश जी को समर्पित है। इस दिन  भगवान गणेश और बुध ग्रह की पूजा करने का विधान है। बुध ग्रह को बुद्धि और विवेक का कारक भी माना जाता है। इसके साथ ही बुध को ग्रहों का राजकुमार भी कहा जाता है। ऐसे में अगर आपकी कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति ठीक रहत है, तो आपको जीवन में व्यापार और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलती है। वहीं जिस व्यक्ति के जीवन में बुध ग्रह कमजोर रहता है उन्हें बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसके साथ ही ज्योतिषियों के अनुसार जिस व्यक्ति के कुंडली में बुध ग्रह कमजोर रहता है उसके जीवन में  अस्थिरता बनी रहती है। अगर आप भी इन समस्याओं से जूझ रहे हैं  और इनसे छुटकारा पाना चाहते हैं, तो बुधवार के दिन पूजा के दौरान सच्चे मन से बुध स्तोत्र का पाठ करें। ऐसी मान्यता है कि बुध स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में आने वाले सभी दुख दूर होते हैं और जीवन में भी खुशियां आती हैं। इसके साथ ही बुध स्तोत्र का पाठ करने से  कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है। 
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बुध स्तोत्र (Budh Stotram )


''पीताम्बर: पीतवपु किरीटी, चतुर्भुजो देवदु:खापहर्ता ।

धर्मस्य धृक सोमसुत: सदा मे, सिंहाधिरुढ़ो वरदो बुधश्च ।।

प्रियंगुकनकश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम ।

सौम्यं सौम्यगुणोपेतं नमामि शशिनन्दनम ।।

सोमसुनुर्बुधश्चैव सौम्य: सौम्यगुणान्वित: ।

सदा शान्त: सदा क्षेमो नमामि शशिनन्दनम ।।

उत्पातरूपी जगतां चन्द्रपुत्रो महाद्युति: ।

सूर्यप्रियकरोविद्वान पीडां हरतु मे बुधं ।।

शिरीषपुष्पसंकाशं कपिलीशो युवा पुन: ।

सोमपुत्रो बुधश्चैव सदा शान्तिं प्रयच्छतु ।।

श्याम: शिरालश्चकलाविधिज्ञ:, कौतूहली कोमलवाग्विलासी ।

रजोधिको मध्यमरूपधृक स्या-दाताम्रनेत्रो द्विजराजपुत्र:।।

अहो चन्द्रासुत श्रीमन मागधर्मासमुदभव: ।

अत्रिगोत्रश्चतुर्बाहु: खड्गखेटकधारक: ।।

गदाधरो नृसिंहस्थ: स्वर्णनाभसमन्वित: ।

केतकीद्रुमपत्राभ: इन्द्रविष्णुप्रपूजित: ।।

ज्ञेयो बुध: पण्डितश्च रोहिणेयश्च सोमज: ।

कुमारो राजपुत्रश्च शैशवे शशिनन्दन: ।।

गुरुपुत्रश्च तारेयो विबुधो बोधनस्तथा ।

सौम्य: सौम्यगुणोपेतो रत्नदानफलप्रद: ।।

एतानि बुधनामानि प्रात: काले पठेन्नर: ।

बुद्धिर्विवृद्धितां याति बुधपीडा न जायते'' ।।


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