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Baglamukhi Jayanti 2024: जीवन में सुख-समृद्धि के लिए इस विधि से करें मां बगलामुखी की पूजा

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: निधि Updated Tue, 14 May 2024 02:20 PM IST
सार

Baglamukhi Jayanti 2024: वैशाख शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि बुधवार को मां बगलामुखी की जयंती मनाई जा रही है।

Baglamukhi Jayanti 2024
Baglamukhi Jayanti 2024- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Baglamukhi Jayanti 2024: वैशाख शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि बुधवार को मां बगलामुखी की जयंती मनाई जा रही है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मां बगलामुखी को पीतांबरा, बगला, ब्रह्मास्त्र विद्या के नाम से भी जाना जाता है। देवी मां की पूजा करने से जीवन में सभी प्रकार की बाधाओं और पापों से मुक्ति मिलती है। देवी मां की पूजा में पीले रंग की सामग्री रखने से शुभ लाभ मिलता है। मां बगलामुखी जयंती बुधवार, 15 मई 2024 को है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख शुक्ल पक्ष की अष्टमी को देवी बगलामुखी का अवतरण दिवस माना जाता है। इस दिन देवी बगलामुखी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। मां बगलामुखी देवी दुर्गा का अवतार हैं। मां बगलामुखी को अलौकिक सौंदर्य और शक्ति का संगम माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां बगलामुखी की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है और हर संकट दूर हो जाता है। धर्म शास्त्रों में भी शत्रुओं से रक्षा के लिए मां बगलामुखी की पूजा को सर्वोत्तम माना गया है। ऐसे में आइए जानते हैं 15 मई को मां बगलामुखी की पूजा विधि के बारे में...
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मां बगलामुखी पूजा-विधि 

देवी बगलामुखी को पीला रंग अत्यंत प्रिय है। ऐसे में देवी बगलामुखी जयंती के दिन सुबह स्नान करने के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें। जिस स्थान पर पूजा करनी हो उस स्थान को गंगा जल छिड़क कर शुद्ध कर लें। इसके बाद एक चौकी रखकर मां बगलामुखी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें. अपने हाथ में पीले चावल, हल्दी, पीले फूल और दक्षिणा लें और माता बगलामुखी व्रत का संकल्प करें। साथ ही देवी को हल्दी की माला पहनाएं। पीले फल और पीले फूल चढ़ाएं। पीले रंग की चुनरी चढ़ाएं. इसके बाद धूप, दीप और अगरबत्ती लगाएं। फिर पीली मिठाई का भोग लगाएं. अगले दिन पूजा करने के बाद ही भोजन करें।
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शत्रुओं पर विजय दिलाने वाली देवी
दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या हैं मां बगलामुखी। इनकी कृपा से साधक का जीवन हर प्रकार की बाधाओं से मुक्त हो जाता है। सारे ब्रह्माण्ड की शक्ति मिलकर भी इनका मुकाबला नहीं कर सकती।  माता बगलामुखी की पूजा करने से शत्रुओं की पराजय होती है और सभी तरह के वाद-विवाद में विजय प्राप्त होती है। मां बगलामुखी की पूजा से लाभ शत्रुनाश, वाकसिद्धि, वाद-विवाद में विजय आदि के लिए मां बगलामुखी की साधना काफी शुभ एवं लाभ पहुंचाने वाली है।  बगलामुखी मां की उपासना से हर प्रकार के तंत्र से निजात मिलती है।

इन मंत्रों का करें जाप 
 
ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै सर्व दुष्टानाम वाचं मुखं पदम् स्तम्भय जिह्वाम कीलय-कीलय बुद्धिम विनाशाय ह्लीं ॐ नम:
इस मंत्र को मां का विशेष मंत्र माना जाता है। मां के इस मंत्र का जप करने से मां प्रसन्न होती हैं और सभी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं।

बगलामुखी मंत्र
मां बगलामुखी की जयंती पर उनकी पूजा करते समय इस मंत्र का जप करना उपयोगी होता है।

 'ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्वां कीलय कीलय बुद्धिं नाशय ह्लीं ॐ स्वाहा'। 

ॐ ह्लीं ह्लीं ह्लीं बगले सर्व भयं हर:
इस मंत्र को मां बगलामुखी का भय नाशक मंत्र कहा जाता है। इस मंत्र के जप से भय दूर हो जाता है। जिन लोगों को किसी भी चीज से डर लगता है, उन्हें नियमित मां बगलामुखी के इस भयनाशक मंत्र का जप करना चाहिए।

ॐ बगलामुखी देव्यै ह्लीं ह्रीं क्लीं शत्रु नाशं कुरु
इस मंत्र को मां बगलामुखी का शत्रु नाशक मंत्र कहा जाता है। जिन व्यक्तियों को अपने शत्रुओं से भय रहता है उन्हें इस मंत्र का जप करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति इस मंत्र का नियमित जप करते हैं, उनका शत्रु भी कुछ नहीं बिगाड़ पाते हैं। इस मंत्र के नियमित जप से मां बगलामुखी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। 

ॐ ह्लीं श्रीं ह्लीं पीतांबरे तंत्र बाधां नाशय नाशय
मां बगलामुखी का यह मंत्र काफी प्रभावशाली है। इस मंत्र को जादू-टोना नाशक मंत्र कहा जाता है। जिन जातकों पर भूत-प्रेत या कोई बुरा साया होता है, उन्हें इस मंत्र का नियमित जप करना चाहिए। इस मंत्र के जप करने से व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है और उसके ऊपर से भूत-प्रेत का साया हट जाता है।

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