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5 Dosh in Kundali: कुंडली में ये पांच दोष माने जाते हैं बेहद खतरनाक, हो जाती है बुरे समय की शुरुआत

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: निधि Updated Tue, 14 May 2024 03:37 PM IST
सार

Kundali Dosh Remedies:  कुंडली किसी भी व्यक्ति के जन्म समय, तारीख, नाम आदि के आधार पर बनाई जाती है। ज्योतिष शास्त्र में इन्हीं ग्रहों और नक्षत्रों की गणना के आधार पर राशिफल का आकलन किया जाता है।

Kundali Dosh Remedies:
Kundali Dosh Remedies:- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Kundali Dosh Remedies:  कुंडली किसी भी व्यक्ति के जन्म समय, तारीख, नाम आदि के आधार पर बनाई जाती है। ज्योतिष शास्त्र में इन्हीं ग्रहों और नक्षत्रों की गणना के आधार पर राशिफल का आकलन किया जाता है। कुंडली में ग्रहों की युति और स्थिति के अनुसार शुभ और अशुभ योग बताए जाते हैं। कुंडली में मौजूद गुण और दोष व्यक्ति के जीवन पर बड़ा प्रभाव डालते हैं। जब किसी की कुंडली में कोई भी ग्रह किसी अशुभ ग्रह के साथ युति करता है तो कुंडली में दोष का निर्माण होता है। कुंडली में पांच ऐसे दोष बताए गए हैं, जो बेहद खतरनाक माने जाते हैं। इन दोषों के कारण व्यक्ति को अपने जीवन में कष्टकारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ये दोष व्यक्ति के निजी जीवन, आर्थिक स्थिति और यहां तक कि कार्यस्थल पर भी प्रभाव डालते हैं। जानिए कौन से हैं वो पांच योग.
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काल सर्पदोष  (kaal sarp dosh)

कुंडली में बनने वाले अशुभ दोषों में से कालसर्प दोष का नाम सुनकर ही लोग डर जाते हैं। जब किसी की कुंडली में राहु और केतु एक साथ आ जाते हैं या सभी शुभ ग्रह राहु और केतु की धुरी के भीतर होते हैं तो कालसर्प दोष बनता है। ज्योतिष शास्त्र में बारह प्रकार के कालसर्प दोष बताए गए हैं। इस दोष के कारण व्यक्ति को अपने जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यदि किसी की कुंडली में कालसर्प दोष है तो उसे कार्यों में बाधा, असफलता, तनाव, परिवार में कलह आदि का सामना करना पड़ता है। इस दोष के कारण व्यक्ति को गुप्त शत्रुओं का भय बना रहता है। यदि समय रहते इस दोष का निवारण न किया जाए तो व्यक्ति को अपना जीवन संघर्षमय व्यतीत करना पड़ता है।

कालसर्प दोष के अशुभ प्रभावों से बचने के उपाय-

अगर किसी की कुंडली में कालसर्प दोष है तो उसे दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए। इसके साथ ही भगवान गणेश और शिव जी की पूजा करनी चाहिए। शिवलिंग का दूध और मिश्री से अभिषेक करने के साथ ही शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इसके अलावा आप किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेकर कालसर्प दोष दूर करने के लिए अनुष्ठान भी करवा सकते हैं।
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मंगल दोष या कुज दोष (Mangal dosh)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब किसी की कुंडली में कुज यानी मंगल लग्न, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में स्थित होता है तो कुंडली में मंगल दोष होता है। यह दोष विवाह के लिए बहुत अशुभ माना जाता है। विवाह में बाधाएं और वैवाहिक जीवन में कलह मंगल दोष के सामान्य अशुभ प्रभाव हैं, लेकिन जब यह दोष मजबूत होता है तो तलाक की नौबत आ सकती है। कुछ उपाय करके इस दोष के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है।

मंगल दोष के प्रभाव से बचने के उपाय-

अगर किसी की कुंडली में मंगल दोष है तो उसे हनुमान जी और मंगल देव की पूजा करनी चाहिए और मंगल मंत्र "ॐ भोमाय नमः" का जाप भी करना चाहिए। मंगल दोष के कारण वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए शिव और पार्वती की संयुक्त रूप से पूजा करनी चाहिए।

पितृ दोष (Pitra Dosh)

ज्योतिष के अनुसार माना जाता है कि जब किसी की कुंडली में सूर्य, चंद्र, शनि या राहु एक ही घर में उपस्थित हो तो पितृ दोष लगता है। कहा जाता है कि जिन लोगों से उनके पितर नाराज होते हैं उनकी कुंडली में पितृदोष का निर्माण होता है। ऐसी स्थिति में जातक को कार्यक्षेत्र और निजी जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पितृ दोष के कारण घर में मांगलिक कार्य संपन्न नहीं हो पाते हैं और आर्थिक रूप से हानि का सामना करना पड़ता है।

पितृ दोष निवारण के उपाय- 

यदि किसी की कुंडली में पितृ दोष लगा हो तो उसे अपने पितरों के निमित्त दान करना चाहिए और पिंड दान, श्राद्ध व पितृदोष निवारण जैसे धार्मिक अनुष्ठान करवाने चाहिए। अपने पितरों से भूल के लिए क्षमा याचना करनी चाहिए। 

गुरु चांडाल दोष (Guru chandal Dosh)

कुंडली के अशुभ दोषों में से गुरु चांडाल दोष को भी बहुत नुकसानदायक माना जाता है। किसी भी जातक की कुंडली में राहु और बृहस्पति के एक साथ होने से गुरु चांडाल दोष का निर्माण होता है। ज्योतिष के अनुसार, इस दोष के कारण कुंडली के अन्य शुभ योग नष्ट हो जाते हैं, जिसके कारण व्यक्ति के अपने जीवन में अत्यंत कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। गुरु चांडाल दोष के कारण व्यक्ति का धन व्यर्थ के कार्यों में खर्च होता है साथ ही ऐसे व्यक्ति को पाचनतंत्र से जुड़ी गंभीर समस्याएं होने की आशंका रहती है। 

गुरु चांडाल दोष के प्रभाव से बचने के उपाय-

यदि किसी की कुंडली में गुरु  चांडाल दोष लगा हो तो उसे प्रत्येक गुरुवार के दिन बृहस्पतिदेव और भगवान श्री हरि विष्णु का पूजन करना चाहिए। बृहस्पतिवार के दिन पीली चीजों से गुड़, चने की दाल आदि का दान करना चाहिए। गाय को पीला भोजन करवाना चाहिए। इसके अलावा प्रतिदिन गायंत्री मंत्र या ऊं गुरुवे नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। मान्यता है कि इससे गुरु चांडाल योग के अशुभ प्रभावों से मुक्ति प्राप्त होती है।

केमद्रुम दोष (KemDrum Dosh)

यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा जिस घर में उपस्थित हो और इस घर के आगे और पीछे कोई शुभ ग्रह न हो तो ऐसी स्थिति में केमद्रुम दोष लगता है। यह दोष चंद्रमा से संबंधित होने के कारण व्यक्ति के मन पर प्रभाव डालता है, क्योंकि ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक बताया गया है। इस दोष को कारण व्यक्ति स्वयं को बहुत ही अकेला महसूस करता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को अवसाद हो सकता है। 

केमद्रुम दोष के अशुभ प्रभावों से बचने के उपाय-

यदि किसी की कुंडली में केमद्रुम दोष लगा हो तो उसे सोमवार का व्रत करना चाहिए साथ ही चंद्रमा के मंत्र ''ऊं सौं सोमाय नमः'' मंत्र का जाप करना चाहिए। प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर कच्चे दूध में काले तिल को मिलाकर अभिषेक करना चाहिए। 

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