विज्ञापन
Home  dharm  vrat  varuthini ekadashi 2024 follow these ekadashi vrat rules to get benefits news in hindi

Varuthini Ekadashi: वरुथिनी एकादशी के दिन इन निमयों का पालन है जरूरी, पूजा के दौरान ध्यान रखें ये बातें

jeevanjali Published by: निधि Updated Thu, 25 Apr 2024 06:27 PM IST
सार

Varuthini Ekadashi 2024: वैशाख मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है।

वरूथिनी एकादशी 2024
वरूथिनी एकादशी 2024- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Varuthini Ekadashi 2024: वैशाख मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस बार वरुथिनी एकादशी 04 मई को है। इस दिन भगवान विष्णु के भक्त नियमित रूप से एकादशी व्रत रखते हैं और दान करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं, इसके अलावा विष्णु कृपा से मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में एकादशी व्रत से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है. तो आइए जानते हैं शुभ फल पाने के लिए इस दिन किन नियमों का पालन करना चाहिए... 

विज्ञापन
विज्ञापन
वरुथिनी एकादशी व्रत नियम

- जो भी व्यक्ति ब्रह्माण्ड का व्रत रखता है उसे इस दिन तामसिक भोजन और दर्शन से दूर रहना चाहिए। इस दिन व्रत रखने वाले जातक को अपने मन, वचन और कर्म तीर्थ को शुद्ध रखना आवश्यक है।

- इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। साथ ही वरूथिनी ब्रह्माण्ड के दिन भगवान विष्णु की किसी वस्तु का भोग लगाना। ब्लॉग मिश्रण समय में तुलसी के जहर को शामिल करें।
विज्ञापन

- इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि भगवान विष्णु की पूजा में पंचामृत, तुलसी का पत्ता, पीले फूल, दीपक, चंदन, केसर, हल्दी, धूप, गंध आदि का प्रयोग किया जाता है। साथ ही वरूथिनी एकादशी के दिन व्रत कथा का श्रवण करें।

- तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए उनकी पूजा में हर प्रकार से तुलसी का प्रयोग करना चाहिए। ऐसे में एकादशी के पूजा दिवस के साथ भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप, तुलसी की माला से जरूर करें। ऐसा करने से मन की सिद्धि होती है।

- एकादशी के दिन की पूजा का समापन भगवान विष्णु की आरती ''ओम जय जगदीश हरे'' से ही करना चाहिए। साथ ही इस दिन भगवान के सम्मुख घी का दीपक या कपूर से आरती करें। यह माना जाता है कि आरती करने से घर की नकारात्मकता दूर होती है।

- एकादशी के दिन व्रती और परिवार के अन्य सदस्य इस बात का ध्यान रखें कि वे बाल, नॉक, नॉक न करें। साथ ही इस दिन नहाने के साबुन का भी इस्तेमाल न करें।

- सिद्धांत यह है कि इस दिन घर में कपड़ा नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से घर में छोटे-मोटे बदमाश व्यापारी मौजूद हो सकते हैं, जिससे जीव हत्या का दोष लगता है।

यह भी पढ़ें- 
Shri Hari Stotram:जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं, जरूर करें श्री हरि स्तोत्र का पाठ
Parikrama Benefit: क्या है परिक्रमा करने का लाभ और सही तरीका जानिए
Kala Dhaga: जानें क्यों पैरों में पहनते हैं काला धागा, क्या है इसका भाग्य से कनेक्शन?
Astrology Tips: इन राशि वालों को कभी नहीं बांधना चाहिए लाल धागा, फायदे की जगह हो सकता है नुकसान
विज्ञापन