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Mohini Ekadashi 2024: कब है मोहिनी एकादशी जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त

jeevanjali Published by: कोमल Updated Thu, 02 May 2024 05:00 PM IST
सार

Mohini Ekadashi 2024: सनातन धर्म में मोहिनी एकादशी का व्रत सबसे खास माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मोहिनी एकादशी सभी एकादशियों में सबसे खास और महत्वपूर्ण होती है। 

मोहिनी एकादशी
मोहिनी एकादशी- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Mohini Ekadashi 2024: सनातन धर्म में मोहिनी एकादशी का व्रत सबसे खास माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मोहिनी एकादशी सभी एकादशियों में सबसे खास और महत्वपूर्ण होती है। पंचांग के अनुसार हर साल मोहिनी एकादशी का व्रत वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है।  जो लोग मोहिनी एकादशी के दिन व्रत रखते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही जीवन के सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। भगवान विष्णु की कृपा से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मोहिनी एकादशी को मोक्ष दिलाने वाली एकादशी भी कहा जाता है। तो आज इस लेख में हम जानेंगे कि मोहिनी एकादशी कब है, शुभ तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व, तिथि और पारण का महत्व क्या है।
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मोहिनी एकादशी 2024 तिथि और समय

एकादशी तिथि आरंभ- 18 मई सुबह 11 बजकर 23 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त - 19 मई दोपहर 1 बजकर 50 मिनट पर
तिथि- उदया तिथि के अनुसार 19 मई को मोहिनी एकादशी है.
हरि वासर की समाप्ति का समय- 19 मई रात 8:22 मिनट से 

मोहिनी एकादशी 2024 पारण मुहूर्त

मोहिनी एकादशी का व्रत रखने वाले 20 मई को सुबह व्रत तोड़ सकते हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, 20 मई को सुबह 05:27 मिनट से सुबह 08:11 बजे तक

मोहिनी एकादशी का महत्व

पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत का कलश निकला। ऐसे में इसे लेकर देवताओं और दानवों के बीच अफरा-तफरी मच गई. देवताओं के लिए राक्षसों को हराना बहुत कठिन था। ऐसे में सभी देवता श्री हरि विष्णु के पास गए और उनसे इसका समाधान निकालने का अनुरोध किया। अनुरोध करने पर भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया। इसके बाद उन्होंने अपने रूप से राक्षसों को मोहित कर लिया और सारा अमृत पिला कर देवताओं को अमर कर दिया। इसी कारण से इसे मोहिनी एकादशी कहा जाता है। इस एकादशी का महत्व स्वयं श्रीकृष्ण ने महाराज युधिष्ठिर को बताया था। इस दिन मोहिनी एकादशी का व्रत पूरी श्रद्धा से करने से पुण्य और पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा दान देने से कई यज्ञों के बराबर पुण्य मिलता है। इसके साथ ही मोहिनी एकादशी का व्रत करने से एक हजार गाय दान करने के बराबर फल मिलता है। इस एकादशी का अधिक महत्व जानने के लिए आप सूर्य पुराण का पाठ कर सकते हैं।

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