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Jyeshtha Vinayak Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी पर इस विधि से करें भगवान गणेश की पूजा, दूर होंगे सभी संकट

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: निधि Updated Sat, 01 Jun 2024 07:00 AM IST
सार

Jyeshtha Vinayak Chaturthi 2024: कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक या वरद चतुर्थी माना जाता है। इस बार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी 10 जून को पड़ रही है।

Jyeshtha Vinayak Chaturthi 2024
Jyeshtha Vinayak Chaturthi 2024- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Jyeshtha Vinayak Chaturthi 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में दो चतुर्थी होती हैं, जो भगवान श्री गणेशजी को समर्पित होती हैं। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक या वरद चतुर्थी माना जाता है। इस बार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी 10 जून को पड़ रही है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश को चतुर्थी तिथि बहुत प्रिय है, इसीलिए चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करने से ज्ञान और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं, उनकी पूजा करने से व्यक्ति के जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। गणेशजी विघ्नहर्ता हैं, उनकी पूजा करने से मनुष्य के कार्यों में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करने से व्यापार में भी समृद्धि आती है।
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विनायक चतुर्थी पूजा विधि

- शास्त्रों के अनुसार विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा दोपहर को मध्याह्न काल में करनी चाहिए। 
- पूजा करने के लिए सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें और भगवान गणेश के सामने व्रत करने का संकल्प लें।
- दोपहर को मध्याह्न काल में भगवान गणेश की पूजा करें फिर दूर्वा अर्पित करके मोदक का प्रसाद लगाएं एवं दीप-धूप से उनकी आरती कर लें। 
- पूजन करने के समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। 
- गणेश चतुर्थी की पूजा में किसी भी व्यक्ति को नीले और काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए इनकी पूजा में लाल और पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना गया है।
- पूर्व या उत्तर मुख होकर पूजा करना लाभदायक माना गया है। 
- सुख-समृद्धि के लिए जितना हो सके गणेशजी के मंत्र 'ॐ गं गणपतये नमः' या  'वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा' का जप करें।
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विनायक चतुर्थी पर ऐसे करें गणेश जी की पूजा 

कहते हैं भगवान गणेश को सिंदूर बहुत प्रिय है, इसलिए विनायक चतुर्थी पर पूजा करते समय गणेश जी को लाल सिंदूर का तिलक लगाएं और खुद भी लगाएं। साथ ही सिंदूर चढ़ाते समय नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें-

"सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। 
शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥ " 

गणेश जी की पूजा करते समय इन बातों का रखें ध्यान

- मान्यता के अनुसार जब आप भगवान गणेश की पूजा में दीपक जलाते हैं तो बार-बार उसका स्थान न बदलें और न ही उसे गणेश जी के सिंहासन पर रखें। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।

- विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी की स्थापना करने के बाद उन्हें अकेला न छोड़ें, वहां कोई न कोई अवश्य होना चाहिए। इसके अलावा गणेश जी की पूजा और व्रत के दौरान मन, कर्म और वाणी से पवित्र रहें। साथ ही ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करें।

- गणेश जी की पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से आप गणेश जी के क्रोध के भागी बन सकते हैं। पौराणिक मान्यता है कि गणेश जी ने तुलसी को श्राप देकर अपनी पूजा से वर्जित कर दिया था।

- विनायक चतुर्थी व्रत के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि आप फलाहार में नमक का सेवन बिल्कुल न करें। साथ ही इस दिन काले कपड़े न पहनें, काला रंग नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है।

- सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि विनायक चतुर्थी पूजा के दौरान गणेश जी को इस तरह स्थापित करना चाहिए कि उनकी पीठ दिखाई न दे। ऐसा माना जाता है कि उनकी पीठ देखने से दरिद्रता आती है।

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