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Masik Shivratri 2024: कब है ज्येष्ठ की मासिक शिवरात्रि? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: निधि Updated Fri, 31 May 2024 10:40 AM IST
सार

Masik Shivratri 2024:  हिंदू पंचांग के अनुसार, मासिक शिवरात्रि का व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है।

Masik Shivratri 2024
Masik Shivratri 2024- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Masik Shivratri 2024:  हिंदू पंचांग के अनुसार, मासिक शिवरात्रि का व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है। शिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करने का प्रावधान है। मासिक शिवरात्रि भगवान शिव शंकर को प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम तिथि मानी जाती है। धर्म शास्त्रों में मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि के दिन पूजा और व्रत करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों से बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और जिन लोगों पर भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं, उनके जीवन में कभी भी परेशानियां नहीं आती हैं। साथ ही उनकी कृपा से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। तो आइए आज जानते हैं ज्येष्ठ मास की शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में....
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मासिक शिवरात्रि 2024 तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 4 जून 2024 को रात्रि 10 बजकर 01 मिनट पर प्रारंभ होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन रविवार, 5 जून 2024 को शाम 07 बजकर 54 मिनट पर होगा। पंचांग पर नजर डालें तो इस साल ज्येष्ठ मास की मासिक शिवरात्रि 4 जून 2024 को मनाई जाएगी।

मासिक शिवरात्रि 2024 पूजा मुहूर्त

पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 4 जून 2024 को रात्रि 10:01 बजे हो रहा है, जो अगले दिन 5 जून 2024 को शाम 07:54 बजे समाप्त होगी.
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शिवरात्रि का महत्व

'धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवरात्रि भगवान शिव को बहुत प्रिय है। इस दिन विधि-विधान से पूजा और व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर करते हैं। शिवरात्रि पर व्रत और पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सकारात्मकता का संचार होता है। समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए शिवरात्रि के दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना बहुत ही शुभ और फलदायी माना जाता है।

मासिक शिवरात्रि पूजा विधि

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें। इसके बाद अपने घर के मंदिर को साफ करें और गंगाजल छिड़कें। इसके बाद भगवान शिव के सामने धूप-दीप जलाएं। अगर आपके घर में शिवलिंग है तो शिवलिंग का अभिषेक करें। इसके बाद शिव की प्रिय चीजें सफेद फूल, फल, बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि अर्पित करें। संभव हो तो इस दिन किसी शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव समेत पूरे शिव परिवार की पूजा करें और शिव का रुद्राभिषेक करें। पूजा पूरी होने के बाद शिव की आरती करें। शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव मंत्रों का जाप करें और शिव चालीसा का पाठ करें। इस दिन रात्रि जागरण कर पूजा करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। रात्रि जागरण कर शिव की पूजा करें और भजन-कीर्तन करते हुए रात गुजारें। अगले दिन सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद पूजा करें और अपना व्रत खोलें।

मासिक शिवरात्रि पर भूलकर भी न करें ये काम

- मासिक शिवरात्रि पर नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है।
- मासिक शिवरात्रि के दिन अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- इस आलवा इस दिन क्रोध करने से बचें, शांत मन से पूजा करें और किसी के लिए अपशब्दों का प्रयोग न करें।
- इस दिन भूलकर भी कोई तामसिक चीज या मांस-मदिरा का सेवन न करें।
- भगवान शिव को पशुपतिनाथ कहा जाता है, इस दिन भूलकर भी किसी पशु, पक्षी या बेजुबान जानवर को न सताएं।

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