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Bhaum Pradosh 2024: 04 जून को रखा जाएगा भौम प्रदोष व्रत, इस विधि से करें भगवान शिव शंकर की आराधना

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: निधि Updated Thu, 30 May 2024 08:00 AM IST
सार

Bhaum Pradosh 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार भगवान शिव का प्रिय व्रत प्रदोष व्रत हर माह की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है।

Bhaum Pradosh 2024
Bhaum Pradosh 2024- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Bhaum Pradosh 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार भगवान शिव का प्रिय व्रत प्रदोष व्रत हर माह की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। प्रत्येक प्रदोष व्रत पर भगवान भोलेनाथ की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के परिवार को सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करते हैं। अलग-अलग दिन पड़ने के कारण प्रदोष का नाम भी अलग-अलग रखा गया है। अगर प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ता है तो इसे सोम प्रदोष कहते हैं। मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहते हैं। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। जो व्यक्ति इस दिन नियम और श्रद्धा से व्रत रखता है, उसके कष्टों का नाश होता है। त्रयोदशी तिथि को प्रदोष काल में माता पार्वती और भगवान भोले शंकर की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं इस माह कब है प्रदोष व्रत और क्या है इसकी पूजा विधि....
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कब है भौम प्रदोष व्रत?

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 04 जून, मंगलवार को पड़ रही है। मंगलवार होने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा। मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान भोलेनाथ के साथ हनुमान जी की भी पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन जो लोग प्रदोष व्रत कथा पढ़ते या सुनते हैं उनके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

इस पूजा विधि से प्रसन्न होंगे महादेव 

प्रदोष व्रत करने के लिए सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान करें। इसके बाद भगवान शिव को बेलपत्र, चावल, फूल, धूप, दीप, फल, पान, सुपारी आदि अर्पित करें। मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत में भगवान शिव-पार्वती के साथ मंगल देवता की पूजा करना न भूलें। भौम प्रदोष व्रत के दिन मंगल देवता के 21 नामों का भक्ति भाव से जाप करें और जीवन में सौभाग्य की कामना करें। व्रत के साथ-साथ मंगल प्रदोष की कथा अवश्य सुनें या सुनाएं।
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भौम प्रदोष व्रत के दिन करें इन मंत्रों का जाप 

धार्मिक मान्यता है कि भौम प्रदोष के दिन भगवान शिव के साथ हनुमान जी की पूजा करने से मंगल ग्रह से जुड़े दोषों से मुक्ति मिलती है। कहा जाता है कि इस दिन हनुमान जी से जुड़े कुछ मंत्रोंका जाप करने से संकट दूर होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आइए जानते हैं उन मंत्रों के बारे में...

ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति का मंत्र

मनोजवं मारुतुल्यवेगं जितेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये।।

बल और पराक्रम प्राप्ति का मंत्र

अतुलित बलधामं, हेमशैलाभदेहमं। दनुजवनकृशानुं, ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुण निधानं, वानराणामधीशम्। रघुपतिप्रिय भक्तं वातजातम् नमामि।।

रोग और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने का मंत्र

ओम नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसहांरणाय,
सर्वरोगाय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

भौम प्रदोष व्रत के दौरान पढ़ें ये 21 नाम

- मंगल
- भूमिपुत्र
- ऋणहर्ता
- धनप्रदा
- स्थिरासन
- महाकाय
- सर्वकामार्थ साधक
- लोहित
- लोहिताक्ष
-  सामगानंकृपाकर
- धरात्मज
- कुंजा
- भूमिजा
- भूमिनंदन
- अंगारक
- भौम
- यम
- सर्वरोगहारक
- वृष्टिकर्ता
- पापहर्ता
- सर्वकामफलदाता। 

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