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Ayodhya Ram Mandir: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सिर्फ 84 सेकेंड का शुभ मुहूर्त

jeevanjali Published by: निधि Updated Mon, 22 Jan 2024 11:20 AM IST
सार

Ayodhya Ram Mandir: 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सिर्फ 84 सेकेंड का बेहद सूक्ष्म मुहूर्त होगा.जिसमें रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

अयोध्या राम मंदिर: रामलला
अयोध्या राम मंदिर: रामलला- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Ayodhya Ram Mandir: 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सिर्फ 84 सेकेंड का बेहद सूक्ष्म मुहूर्त होगा.जिसमें रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने देशभर के विद्वानों और शीर्ष ज्योतिषियों से रामलला के अभिषेक का समय निर्धारित करने को कहा था।
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इनमें से काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ द्वारा चुना गया मुहूर्त सबसे सटीक माना जा रहा है और उसी दिन रामलला की स्थापना की जाएगी। ऐसा माना जाता है कि यह शुभ मुहूर्त केवल 84 सेकंड तक रहता है, यानी 12:29 मिनट 8 सेकंड से 12:30 मिनट 32 सेकंड तक।

रामलला के अभिषेक के अनुष्ठान की पूरी जिम्मेदारी काशी के वैदिक ब्राह्मणों पर है। काशी से ही हवन, पूजन और प्राण प्रतिष्ठा समारोह की सामग्री अयोध्या जाएगी। काशी से ब्राह्मणों का पहला जत्था 26 दिसंबर को रवाना होगा। इसके साथ ही यज्ञ कुंड व पूजन मंडप का कार्य भी आरंभ हो जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में चारों वेदों के साथ ही कृष्ण यजुर्वेदी शाखा के 51 वैदिक ब्राह्मण काशी से रवाना होंगे।
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राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से देशभर के विद्वानों और शीर्ष ज्योतिषियों से भगवान रामलला के अभिषेक का समय निर्धारित करने को कहा गया था। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए देश भर से 5 मुहूर्त प्रस्तावित किए गए थे। जिसमें से काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने जो शुभ मुहूर्त निकाला है, उसी समय रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन और राम मंदिर के शिलान्यास का शुभ मुहुर्त निकालने वाले गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि में रामलला की मूर्ति की स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त में बहुत ही सूक्ष्म शुभ मुहुर्त है. मेष लग्न में वृश्चिक नवांश.

रामलला के अभिषेक के अनुष्ठान की पूरी जिम्मेदारी काशी के वैदिक ब्राह्मणों पर है। काशी से ही हवन, पूजन और प्राण प्रतिष्ठा समारोह की सामग्री अयोध्या जाएगी। काशी से ब्राह्मणों का पहला जत्था 26 दिसंबर को रवाना होगा। इसके साथ ही यज्ञ कुंड व पूजन मंडप का कार्य भी आरंभ हो जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में चारों वेदों के साथ ही कृष्ण यजुर्वेदी शाखा के 51 वैदिक ब्राह्मण काशी से रवाना होंगे।

पंडित अरुण दीक्षित ने बताया कि प्राणप्रतिष्ठा मुहूर्त को भव्य बनाने के लिए कोई अन्य पूजा छूट न जाए, इसलिए शास्त्रों के अध्ययन के साथ-साथ देशभर के विद्वानों से संपर्क किया जा रहा है। रामलला के अभिषेक के लिए अयोध्या में आठ तरह के मंडप बनाए जाएंगे। काशी से अयोध्या जाने वाले वैदिक चारों वेदों का पारायण करेंगे। इसके साथ ही अयोध्या पूजन के लिए काशी से 108 कलश पंचगव्य, 10 प्रकार की समिधा, सहस्त्रच्छिद्राभिषेक के लिए घड़ा, तीर्थों का जल, नवरत्न, पंचरत्न, पारा और सप्तधान्य जाएंगे।

कर्मकांडी पं. के मार्गदर्शन में लक्ष्मीकांत दीक्षित के अनुसार देशभर से 121 वैदिक ब्राह्मण प्राण प्रतिष्ठा मुहूर्त संपन्न कराएंगे। उन्हें कांची के शंकराचार्य शंकर जयेंद्र सरस्वती ने इसके लिए चुना है।
16 जनवरी को सरयू में जलयात्रा के साथ प्राण प्रतिष्ठा शुरू होगी। पहले दिन भगवान की मूर्ति को नगर भ्रमण कराया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा समारोह 17 जनवरी को गणेश पूजन के साथ शुरू होगा। 22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा होगी। पहली आरती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उतारेंगे।


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