ज्योतिषाचार्य के अनुसार पूजा चाहे सुबह हो या शाम, समय का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। हिंदू धर्म में दिन में पांच बार देवी-देवताओं की पूजा करना अधिक फलदायी माना जाता है। ऐसे में सुबह की पूजा ब्रह्म मुहूर्त में 5 से 6 बजे तक करनी चाहिए। वहीं शाम को सूर्यास्त से एक घंटा पहले से लेकर सूर्यास्त के एक घंटे बाद तक का समय सर्वोत्तम माना जाता है। शाम की पूजा कभी भी रात के समय नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से देवता नाराज हो जाते हैं, जिससे आर्थिक संकट आ सकता है।
शास्त्रों के अनुसार फूल भगवान को बहुत प्रिय हैं। ऐसे में लोग ताजे फूल तोड़कर भगवान को अर्पित करते हैं। ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। लेकिन शाम की पूजा के दौरान भगवान को फूल चढ़ाने से बचना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार शाम के समय फूल तोड़ना शुभ नहीं होता है। ऐसा करने से जीवन में बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
हिंदू धर्म में पूजा या अनुष्ठान में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल करना बहुत शुभ माना जाता है, लेकिन शाम के समय तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए और न ही शाम की पूजा में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल करना चाहिए। यदि आप शाम की पूजा में तुलसी का प्रयोग करते हैं तो आपको जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आपको बता दें कि सूर्यास्त के बाद तुलसी को छूना भी वर्जित माना जाता है।
यह भी पढ़ें-
Shri Hari Stotram:जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं, जरूर करें श्री हरि स्तोत्र का पाठ
Parikrama Benefit: क्या है परिक्रमा करने का लाभ और सही तरीका जानिए
Kala Dhaga: जानें क्यों पैरों में पहनते हैं काला धागा, क्या है इसका भाग्य से कनेक्शन?
Astrology Tips: इन राशि वालों को कभी नहीं बांधना चाहिए लाल धागा, फायदे की जगह हो सकता है नुकसान