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Nadi Me Sikke Kyu Dalte Hai: नदियों में क्यों फेंके जाते हैं सिक्के? जानिए क्या है धार्मिक महत्व

jeevanjali Published by: कोमल Updated Tue, 27 Feb 2024 06:46 PM IST
सार

Nadi Me Sikke Kyu Dalte Hai : भारत में नदियों से जुड़ी कई मान्यताएं हैं। गंगा, यमुना, नर्मदा और अन्य पवित्र नदियों में सिक्के फेंकने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। प्राचीन काल से ही लोग नदियों में सिक्के फेंककर हाथ मिलाते हैं।

नदियों में क्यों डाले जाते हैं सिक्के
नदियों में क्यों डाले जाते हैं सिक्के- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Nadi Me Sikke Kyu Dalte Hai : भारत में नदियों से जुड़ी कई मान्यताएं हैं। गंगा, यमुना, नर्मदा और अन्य पवित्र नदियों में सिक्के फेंकने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। प्राचीन काल से ही लोग नदियों में सिक्के फेंककर हाथ जोड़ते  हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि लोग ऐसा क्यों करते हैं, इसके पीछे धार्मिक महत्व और वैज्ञानिक महत्व क्या है? आपको बता दें कि हिंदू धर्म में दक्षिणा देना पूजा का एक हिस्सा माना जाता है। यह प्रथा वैदिक परंपरा का हिस्सा रही है। नर्मदा नदी सहित तीर्थ स्थलों पर कोई खाली हाथ नहीं जाता। वहां कुछ चढ़ाना चाहिए.
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क्या है धार्मिक महत्व?

नदियों में स्नान करने से हमारा शरीर शुद्ध हो जाता है। जिससे व्यक्ति नदियों का ऋणी हो जाता है। इस कर्ज को उतारने के लिए नदियों में सिक्के फेंकने की परंपरा रही है। शास्त्रों में भी बताया गया है कि यदि आप जलस्रोतों पर जा रहे हैं तो वहां से 5 मुट्ठी गाद, मिट्टी और पत्थर निकाल लें।



सिक्के नदियों में फेंकने का वैज्ञानिक महत्व

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प्राचीन काल में ऋषि-मुनियों एवं विद्वानों ने सामाजिक एवं धार्मिक व्यवस्था के लिये सिद्धान्तों का प्रतिपादन किया था। नदियों, तालाबों या अन्य जल स्रोतों का पानी पीने के लिए उपयोगी और पवित्र माना जाता है, इसलिए पहले पानी को शुद्ध करने के लिए सोने, चांदी और तांबे के सिक्के नदियों में डाले जाते थे। इन सिक्कों का उपयोग नदियों में मिलाकर पानी को शुद्ध करने के लिए किया जाता था।
 

अब कौन से सिक्के डालें

आज के समय में सोने, चांदी और तांबे के सिक्कों की जगह लोहे और एल्युमीनियम के सिक्कों ने ले ली है। आजकल लोग इन धातुओं से बने सिक्के नदियों में फेंक रहे हैं, जिससे नदी का पानी शुद्ध होने के बजाय प्रदूषित हो रहा है। इसलिए अगर आपको इसे गिराना ही है तो नदी के बीच में सोने, चांदी या तांबे के तार या किसी अन्य धातु का टुकड़ा गिरा दें। चालू मुद्रा के सिक्कों को नदी के किनारे रखें, उन्हें पानी में न बहाएं।

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