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Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को क्यों चढ़ाया जाता है धतूरा, जानिए वजह

jeevanjali Published by: कोमल Updated Tue, 20 Feb 2024 03:54 PM IST
सार

Mahashivratri 2024: हिंदू धर्म में भोलेनाथ को देवों के देव महादेव कहा जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था। शिवरात्रि हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है।

महाशिवरात्रि2024
महाशिवरात्रि2024- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Mahashivratri 2024: हिंदू धर्म में भोलेनाथ को देवों के देव महादेव कहा जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था। शिवरात्रि हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस बार महाशिवरात्रि का त्योहार 8 मार्च 2024, शुक्रवार को मनाया जाएगा। शिवरात्रि के दिन बड़ी संख्या में भगवान शिव के भक्त शिव मंदिर पहुंचते हैं और शिवलिंग का अभिषेक करते हैं और उस पर बेलपत्र, आक, भांग और धतूरा चढ़ाते हैं। . हम बता रहे हैं भगवान भोलेनाथ को धतूरा चढ़ाने के पीछे की वजह के बारे में।
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ज्योतिषीय समाधान

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान शिव को धतूरा चढ़ाने से व्यक्ति की कुंडली में राहु से संबंधित दोष जैसे काल सर्प और पितृ दोष को काफी हद तक कम किया जा सकता है।



पौराणिक कथा

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सनातन धर्म के धार्मिक ग्रंथ शिव पुराण के अनुसार जब समुद्र मंथन हुआ तो समुद्र से निकली वस्तुओं को राक्षसों और देवताओं के बीच बांट दिया गया। जब भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान निकले हलाहल विष को पिया तो उनका कंठ नीला पड़ गया और वे व्याकुल और अचेत हो गए, जिसे देखकर सभी देवी-देवता सशंकित हो गए।

आदिशक्ति ने मार्ग सुझाया

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, उस समय आदिशक्ति प्रकट हुईं और उन्होंने भगवान शिव को बचाने के लिए जड़ी-बूटियों और जल से उनका अभिषेक करने की सलाह दी। जैसे ही देवी-देवताओं ने भांग, धतूरा, बेल आदि जड़ी-बूटियों से युक्त जल से भगवान शिव का लगातार अभिषेक किया तो भोलेनाथ के मस्तिष्क का तापमान धीरे-धीरे कम हो गया और वे स्वस्थ हो गए। तभी से भोलेनाथ को धतूरा चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है।

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