विज्ञापन
Home  dharm  june purnima 2024 date when is jyeshtha purnima 2024 know the date puja method and importance

Jyeshtha Purnima 2024 Date: कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा? जानें तिथि, पूजा विधि और महत्व

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: निधि Updated Fri, 31 May 2024 11:39 AM IST
सार

Jyeshtha Purnima 2024: इस साल ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि 22 जून 2024, दिन  शनिवार को है।

Jyeshtha Purnima 2024
Jyeshtha Purnima 2024- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Jyeshtha Purnima 2024: हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। सभी पूर्णिमाओं में ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को विशेष माना गया है। इसमें दान और गंगा स्नान का अधिक महत्व माना गया है। इस दिन गंगा स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। भारत में कुछ जगहों पर ज्येष्ठ पूर्णिमा को वट पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। इस वर्ष ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि 22 जून 2024, शनिवार को है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है। इस तिथि को जेठ पूर्णिमा या जेठ पूर्णमासी भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व माना गया है। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन जीवन में सुख-समृद्धि के लिए व्रत और पूजा-पाठ किया जाता है। यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा को समर्पित है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, व्रत और दान-पुण्य करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से कुंडली में मौजूद चंद्र दोष दूर होता है। आइए जानते हैं ज्येष्ठ पूर्णिमा की तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में। 
विज्ञापन
विज्ञापन

कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा 2024?

हर माह में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि का बहुत महत्व होता है। साल 2024 में ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि जून माह में 22 जून 2024, शनिवार को पड़ रही है। जून माह में पड़ने वाली पूर्णिमा ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पड़ेगी। पूर्णिमा तिथि 21 जून को सुबह 07:31 बजे से शुरू होगी। जो 22 जून को सुबह 06:37 बजे समाप्त होगी।

ज्येष्ठ पूर्णिमा का महत्व

हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा का बहुत महत्व माना जाता है। भविष्य पुराण के अनुसार इस दिन पवित्र स्नान, दान और व्रत को विशेष महत्व दिया गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करती हैं।
विज्ञापन

पूर्णिमा व्रत विधि

पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान से पहले व्रत का संकल्प लें। पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें और स्नान से पूर्व वरुण देव को प्रणाम करें। स्नान के पश्चात सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। स्नान से निवृत्त होकर भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए और उन्हें नैवेद्य अर्पित करना चाहिए। अंत में ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दें।

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन जरूर करें ये उपाय

- ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी की मूर्ति पर 11 कौड़ियां चढ़ाएं और उन पर हल्दी का तिलक लगाएं। अगले दिन इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर उस जगह रखें जहां आप अपना पैसा रखते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से आपको देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी और घर में कभी भी पैसों की कमी नहीं होगी।

- ज्येष्ठ पूर्णिमा पर स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसे में आपको इस दिन स्नान जरूर करना चाहिए।

- यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर है तो ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद चंद्रमा से संबंधित चीजों का दान करना चाहिए। इस दिन आप सफेद कपड़े, चीनी, चावल, दही, चांदी, सफेद फूल, मोती आदि किसी ब्राह्मण को दान कर सकते हैं। इससे चंद्रमा मजबूत होता है, जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

- पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ में देवी लक्ष्मी का आगमन होता है। ऐसे में इस दिन सुबह स्नान करने के बाद कुछ मीठा चढ़ाने के बाद पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए। इससे देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी।

यह भी पढ़ें-
Raksha Sutra: कितनी बार हांथ पर लपेटना चाहिए कलावा, जानिए
Ganga Dussehra 2024: क्यों मनाया जाता है गंगा दशहरा, जानिए इसका पौराणिक महत्व
Benefits Of Wear Kaudi In Hand: क्यों धारण की जाती है हाथ में कौड़ी? जानिए इसे पहनने के लाभ

 
विज्ञापन