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Hindu Marriage: हिन्दु धर्म में विवाह कितने प्रकार के होते हैं , जानिए

jeevanjali Published by: कोमल Updated Thu, 02 May 2024 06:24 PM IST
सार

Hindu Marriage:  सनातन धर्म में विवाह को महत्वपूर्ण संस्कारों में गिना जाता है। इसलिए हिंदू विवाह में वैदिक मंत्रों और कई परंपराओं के साथ विवाह संपन्न कराया जाता है। हिंदू धर्म में विवाह के मुख्य आठ प्रकार बताए गए हैं।

हिंदू विवाह
हिंदू विवाह- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Hindu Marriage:  सनातन धर्म में विवाह को महत्वपूर्ण संस्कारों में गिना जाता है। इसलिए हिंदू विवाह में वैदिक मंत्रों और कई परंपराओं के साथ विवाह संपन्न कराया जाता है। हिंदू धर्म में विवाह के मुख्य आठ प्रकार बताए गए हैं। इन विवाहों में ब्रह्म विवाह को सर्वोत्तम स्थान तथा पैशाची विवाह को निम्नतम स्थान दिया गया है। आइए जानते हैं कौन सी हैं ये आठ शादियां।
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हिंदू धर्म में 8 प्रकार के विवाह

1. अर्श विवाह: धर्म के लिए दूल्हे से एक या दो जोड़ी गाय-बैल लेकर पूरे रीति-रिवाज के साथ कन्या को उसे सौंप देना अर्श विवाह कहलाता है। इस ऋषि का संबंध विवाह से है।

2. देव विवाह : यज्ञ में विधिपूर्वक अनुष्ठान करते हुए ऋत्विजों को सजाकर कन्यादान करना देव विवाह कहलाता है। इस विवाह में लड़की की सहमति से उसे किसी उद्देश्य, सेवा, धार्मिक कार्य या मूल्य के लिए दूल्हे को सौंप दिया जाता है।

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3. ब्रह्म विवाह : अच्छे चरित्र और अच्छे परिवार वाले वर से उसकी सहमति से और वैदिक रीति से कन्या का विवाह करना ब्रह्म विवाह कहलाता है। दूल्हा-दुल्हन की ओर से किसी भी तरह की कोई जबरदस्ती नहीं की जाती है। यह विवाह कुल और कुल का विशेष ध्यान रखते हुए शुभ मुहूर्त में किया जाता है।



4.गंधर्व विवाह : जो विवाह वर-वधू की आपसी इच्छा से होता है, उसे गंधर्व विवाह कहते हैं। ये आजकल की लव मैरिज की तरह है.

5. राक्षसी विवाह : लड़की के पिता या परिवार को धन या अन्य संपत्ति देकर स्वेच्छा से किसी लड़की को गोद लेना राक्षसी विवाह कहलाता है। इसमें लड़की की इच्छा या नापसंद का ध्यान नहीं रखा जाता.

6. पैसाच विवाह: सोती हुई, नशे में धुत, मानसिक रूप से कमजोर लड़की की हालत का फायदा उठाकर उसे ले जाना और फिर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाकर उससे विवाह करना पैशाच विवाह कहलाता है। कहा जाता है कि यह शादी सबसे निम्न गुणवत्ता वाली थी।

7. प्रजापत्य विवाह : पूजा के बाद यदि पिता यह कहकर कन्या का दान कर दे कि 'तुम दोनों मिलकर गृहस्थ धर्म का पालन करो' तो यह विवाह प्रजापत्य विवाह कहलाता है। याज्ञवल्क्य के अनुसार इस विवाह से उत्पन्न संतान उनकी पीढ़ियों को पवित्र करेगी। है।

8.रक्षा विवाह : जब किसी कन्या को पीटा जाता है और बलपूर्वक अपहरण कर विवाह किया जाता है तो वह रक्षा विवाह होता है। रावण ने इसी प्रकार सीता से विवाह करने का प्रयास किया था।


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