गायत्री जयंती के दिन छात्र सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करने के बाद पूजा स्थल पर पूर्व दिशा में मुख करके बैठें। बैठने के लिए कुशा या लाल रंग के आसन का उपयोग करें।
ब्रह्म मुहूर्त यानी सूर्योदय से पहले गायत्री मंत्र का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है। आप गायत्री मंत्र का जाप दोपहर के समय भी कर सकते हैं। इसके अलावा आप सूर्यास्त से पहले और सूर्यास्त के डेढ़ घंटे बाद तक गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं। इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए। इस मंत्र का जाप मन में करना भी बहुत अच्छा माना जाता है। लेकिन इस मंत्र का जाप तेज आवाज में नहीं करना चाहिए। पीले कपड़े पहनकर इस मंत्र का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है। गायत्री मंत्र का जाप करने से सभी दुख दूर होते हैं। मन शांत रहता है और एकाग्रता बढ़ती है। ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है।
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।