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Gayatri Jayanti 2024: गायत्री जयंती पर इस विधि से करें पूजा, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: निधि Updated Tue, 04 Jun 2024 08:00 AM IST
सार

Gayatri Jayanti 2024: गायत्री जयंती 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गायत्री जयंती मनाई जाती है। इस साल गायत्री जयंती 17 जून 2024, सोमवार को है।

Gayatri Jayanti 2024
Gayatri Jayanti 2024- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Gayatri Jayanti 2024: गायत्री जयंती 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गायत्री जयंती मनाई जाती है। इस साल गायत्री जयंती 17 जून 2024, सोमवार को है। इस दिन मां गायत्री की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। धर्म शास्त्रों में मां गायत्री को वेद माता के नाम से जाना जाता है। इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से मानसिक शांति मिलती है और तनाव दूर होता है। कहा जाता है कि जिन लोगों पर मां गायत्री की कृपा होती है उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ऐसे में विशेष कृपा पाने के लिए गायत्री जयंती के पावन अवसर पर आपको मां गायत्री की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए और गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए, इसके बाद गायत्री माता की आरती के साथ पूजा का समापन करना चाहिए। इससे आपके सभी दुख-दर्द दूर हो जाएंगे। यहां गायत्री मां की आरती और मंत्र हिंदी में दिए जा रहे हैं, यहां से आप इन्हें पूजा के दौरान पढ़ सकते हैं.... 
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गायत्री जयंती पर इस विधि से करें पूजा

गायत्री जयंती पर सुबह जल्दी उठें. इस दिन स्नान करके साफ कपड़े पहनें. मंदिर की सफाई करें. घर और मंदिर को गंगाजल से शुद्ध करें. इसके बाद एक चौकी पर पीला या लाल रंग का कपड़ा बिछाएं. देवी गायत्री की मूर्ति स्थापित करें. मां गायत्री को फूल चढ़ाएं. दीप और धूप जलाएं. हाथ में गंगाजल लेकर व्रत और पूजा का संकल्प लें. इसके बाद मां गायत्री का ध्यान करें. गायत्री मंत्र का जाप करें. आरती करें. इसके बाद मां को भोग लगाएं. मां गायत्री को सात्विक चीजों का ही भोग लगाएं. अब प्रसाद सभी में बांट दें. इस दिन पूजा और व्रत करने से सुख और शांति की प्राप्ति होती है.

गायत्री जंयती पर छात्र करें ये उपाय

गायत्री जयंती के दिन छात्र सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करने के बाद पूजा स्थल पर पूर्व दिशा में मुख करके बैठें। बैठने के लिए कुशा या लाल रंग के आसन का उपयोग करें।

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गायत्री मंत्र जाप करने की विधि

ब्रह्म मुहूर्त यानी सूर्योदय से पहले गायत्री मंत्र का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है। आप गायत्री मंत्र का जाप दोपहर के समय भी कर सकते हैं। इसके अलावा आप सूर्यास्त से पहले और सूर्यास्त के डेढ़ घंटे बाद तक गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं। इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए। इस मंत्र का जाप मन में करना भी बहुत अच्छा माना जाता है। लेकिन इस मंत्र का जाप तेज आवाज में नहीं करना चाहिए। पीले कपड़े पहनकर इस मंत्र का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है। गायत्री मंत्र का जाप करने से सभी दुख दूर होते हैं। मन शांत रहता है और एकाग्रता बढ़ती है। ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है।

गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। 

गायत्री माता की आरती

जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता ।
सत् मार्ग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता॥ जयति जय गायत्री…

आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जगपालक कर्त्री।
दु:ख शोक, भय, क्लेश कलश दारिद्र दैन्य हत्री॥ जयति जय गायत्री…

ब्रह्म रूपिणी, प्रणात पालिन जगत धातृ अम्बे।
भव भयहारी, जन-हितकारी, सुखदा जगदम्बे॥ जयति जय गायत्री…

भय हारिणी, भवतारिणी, अनघेअज आनन्द राशि।
अविकारी, अखहरी, अविचलित, अमले, अविनाशी॥ जयति जय गायत्री…

कामधेनु सतचित आनन्द जय गंगा गीता।
सविता की शाश्वती, शक्ति तुम सावित्री सीता॥ जयति जय गायत्री…

ऋग, यजु साम, अथर्व प्रणयनी, प्रणव महामहिमे।
कुण्डलिनी सहस्त्र सुषुमन शोभा गुण गरिमे॥ जयति जय गायत्री…

स्वाहा, स्वधा, शची ब्रह्माणी राधा रुद्राणी।
जय सतरूपा, वाणी, विद्या, कमला कल्याणी॥ जयति जय गायत्री…

जननी हम हैं दीन-हीन, दु:ख-दरिद्र के घेरे।
यदपि कुटिल, कपटी कपूत तउ बालक हैं तेरे॥ जयति जय गायत्री…

स्नेहसनी करुणामय माता चरण शरण दीजै।
विलख रहे हम शिशु सुत तेरे दया दृष्टि कीजै॥ जयति जय गायत्री…

काम, क्रोध, मद, लोभ, दम्भ, दुर्भाव द्वेष हरिये।
शुद्ध बुद्धि निष्पाप हृदय मन को पवित्र करिये॥ जयति जय गायत्री…

जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता।
सत् मार्ग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता॥

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