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Ganga Dussehra 2024: गंगा में स्नान करने से मिलती है 10 पापों से मुक्ति, जानें इस दिन का महत्व

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: निधि Updated Wed, 29 May 2024 08:30 AM IST
सार

Ganga Dussehra 2024: इस साल गंगा दशहरा का पर्व 16 जून 2024 दिन रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन शुभ समय सुबह 07 बजकर 08 मिनट से 10 बजकर 37 मिनट तक है। इस शुभ समय में गंगा में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलेगी।

Ganga Dussehra 2024
Ganga Dussehra 2024- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Ganga Dussehra 2024: हिंदू धर्म में गंगा जल को बहुत पवित्र और पूजनीय माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य और पूजा अनुष्ठान में गंगा जल का प्रयोग अवश्य किया जाता है। कोई भी शुभ कार्य बिना गंगाजल के पूरा नहीं होता। मां गंगा के धरती पर आगमन के दिन को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है। सभी पापों से मुक्ति पाने के लिए गंगा दशहरा के दिन गंगा के पवित्र जल में स्नान करना चाहिए। गंगा भवतारिणी हैं, इसलिए हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व माना जाता है। गंगा दशहरा रविवार, 16 जून 2024 को मनाया जाएगा। 
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पापमुक्त मां गंगा के स्वर्ग से धरती पर आने की कहानी विभिन्न हिंदू धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है। पौराणिक धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भागीरथ अपने पूर्वजों की आत्माओं को बचाने के लिए गंगा को धरती पर लाए थे। इसी कारण से गंगा को भागीरथी भी कहा जाता है।  

कहा जाता है कि मां गंगा के तेज वेग और प्रवाह को सुनकर ऋषि मार्कंडेय की तपस्या भंग हो रही थी। इसलिए ऋषि मार्कण्डेय ने मां गंगा को आत्मसात कर लिया। बाद में लोक कल्याण की भावना से ऋषि ने अपने दाहिने पैर के अंगूठे को धरती पर दबाकर मां गंगा को मुक्त कराया। गंगा दशहरा में 10 अंक का बहुत महत्व है।
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गंगा दशहरा तिथि 

इस साल गंगा दशहरा 16 जून 2024 दिन रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन गंगा स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त सर्वोत्तम है। इसके अलावा इस दिन शुभ समय सुबह 07 बजकर 08 मिनट से 10 बजकर 37 मिनट तक है।

गंगा स्नान का महत्व

गंगा दशहरा में 10 की संख्या का बहुत महत्व है। मनुष्य के सभी पापों का विनाश करने वाली मां गंगा में डुबकी लगाने से मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं।  ऐसी मान्यता है कि दशहरा के दिन गंगा में 10 डुबकी लगानी चाहिए। यहां दशहरा का मतलब 10 मनोवृत्तियों का हनन है। इसलिए मान्यता अनुसार मोक्षदायिनी मां गंगा में स्नान करने से 10 तरह के पाप नष्ट हो जाते हैं। 

गंगा दशहरा का दिन मां गंगा के अवतरण का दिवस

गंगा दशहरा का दिन गंगा जी के अवतरण का दिवस माना जाता है। मान्यता है  इस पावन दिन पर गंगा स्नान और गंगा पूजन करने से 10 प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। इन 10 प्रकार के पापों में तीन प्रकार के दैहिक पाप, चार प्रकार के वाणी द्वारा किए हुए पाप और तीन प्रकार के मानसिक पाप दूर होते हैं। 

गंगा दशहरा पर दान का महत्व

गंगा दशहरा पर स्नान, दान, जप, तप, व्रत आदि का बहुत महत्व बताया जाता है। गंगा दशहरा के दिन 10 प्रकार से स्नान करके, शिवलिंग का 10 की संख्या में गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य और फल इत्यादि से पूजन करना चाहिए। इसके अलावा इस दिन दान देते समय इस बात का खास तौर पर ख्याल रखना चाहिए कि आप जो भी दान करें उसकी संख्या दस होनी चाहिए।  गंगा पूजन के दौरान पूजा में लाई जाने वाली वस्तुओं की संख्या भी दस होनी चाहिए।  ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

गंगा दशहरा पर करें इस मंत्र का जाप

गंगा दशहरा के पावन पर्व पर मां गंगा की कृपा प्राप्त करने के लिए स्वयं श्री नारायण द्वारा बताए गए विशेष मंत्र का जप करना चाहिए। कहा जाता है इस मंत्र के जाप से मनुष्य के पाप नष्ट होते हैं और उसे परम पुण्य की प्राप्ति होती है। मंत्र इस प्रकार है- ''ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः'' 

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