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Navratri 2024: कैसे करें मां आदिशक्ति के स्वागत की तैयारी, जानें पूजा सामग्री

jeevanjali Published by: निधि Updated Wed, 03 Apr 2024 02:42 PM IST
सार

Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि  09 अप्रैल से शुरू होने जा रही है. इन नौ दिनों को भक्त बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। नवरात्रि के दौरान देवी मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है।

Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि  09 अप्रैल से शुरू होने जा रही है
Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि  09 अप्रैल से शुरू होने जा रही है- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि  09 अप्रैल से शुरू होने जा रही है. इन नौ दिनों को भक्त बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। नवरात्रि के दौरान देवी मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है। जिसमें माता की चौकी सजाई जाती है और कलश स्थापित किया जाता है। इसलिए भक्त नवरात्रि के कुछ दिन पहले से ही देवी मां के स्वागत की तैयारियां शुरू कर देते हैं। नवरात्रि की तैयारी में कई चीजों की जरूरत होती है और सावधानी भी बरतनी चाहिए. तो आइए जानते हैं मां दुर्गा के स्वागत के लिए हमें कैसे तैयारी करनी चाहिए...
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नवरात्रि के दिन बहुत पवित्र होते हैं इसलिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। -नवरात्रि से एक दिन पहले पूरे घर की साफ-सफाई करें। -नवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ-सफाई करें और स्नान करने के बाद ही चौकी आदि स्थापित करने का काम शुरू करें। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है, इसकी तैयारी पहले से ही कर लें। आप तांबे, चांदी या मिट्टी का कलश ले सकते हैं। कलश में रखने के लिए दूर्वा, अक्षत, सुपारी, सिक्का जैसी आवश्यक सामग्री की आवश्यकता होगी। कलश के मुख पर बांधने के लिए कलावा, स्वस्तिक बनाने के लिए कुमकुम, गंगा जल, आम के पत्ते, नारियल और उसे लपेटने के लिए लाल रंग का कपड़ा, बोने के लिए जौ, साफ रेत या मिट्टी आदि पहले से ही ले आएं।
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देवी मां को विराजित करने के लिए एक लकड़ी का स्टूल और आसन के लिए लाल कपड़ा लें। - अब चौकी को गंगा जल से साफ कर उस पर आसन का कपड़ा बिछाएं, फिर मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें. पूजा करते समय सफेद या काले रंग के कपड़ों का प्रयोग न करें।
मिट्टी का चौकी इस प्रकार रखें कि पूजा करते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर रहे। इस दिशा में पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। देवी मां की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कुमकुम, कलावा, लौंग-कपूर, पूजा में इस्तेमाल होने वाली सुपारी, डंठल वाला पान का पत्ता, बताशा, देसी घी, अगरबत्ती, सूखी धूप, दीपक, बाती के लिए रुई आदि। लाल या पीला रंग माँ के लिए चुनरी.
अगर आप अखंड ज्योति प्रज्वलित करना चाहते हैं, तो उसके लिए पीतल या मिट्टी का पात्र लें। अगर आप मिट्टी के पात्र में ज्योति प्रज्वलित करना चाहते हैं तो पहले ही कुछ देर क लिए उसे पानी में भिगोकर रख दें। पानी से निकाल कर पात्र को कपड़े से पोंछ लें। पानी में भिगोकर रखने के बाद पात्र ज्यादा तेल नहीं सोखता है। अखंड ज्योति के लिए गाय के शुद्ध देशी घी का उपयोग करें। आप सरसों के तेल या तिल के तेल का प्रयोग भी कर सकते हैं, परंतु उसमें किसी प्रकार की मिलावट नहीं होनी चाहिए। अखंड ज्योति में रुई की बाती के स्थान पर कलावा (कच्चे सूत) की बाती का उपयोग करें। मां के पूजन में किसी प्रकार से प्लास्टिक के बर्तनों का उपयोग न करें।

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