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Benefits Of Chanting Sundarkand Path: सुंदरकांड पाठ के क्या हैं फायदे, जानिए पूजा विधि और महत्व

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: निधि Updated Fri, 24 May 2024 08:30 AM IST
सार

Benefits Of Chanting Sundarkand Path: हिंदू धर्म में सुंदरकांड पाठ का विशेष महत्व है। सुन्दरकण्ठ ग्रन्थ में भगवान हनुमान के बारे में विस्तार से बताया गया है।

Benefits Of Chanting Sundarkand Path
Benefits Of Chanting Sundarkand Path- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Benefits Of Chanting Sundarkand Path: हिंदू धर्म में सुंदरकांड पाठ का विशेष महत्व है। सुंदरकांड ग्रन्थ में भगवान हनुमान के बारे में विस्तार से बताया गया है। तुलसीदास द्वारा रचित सुंदरकांड सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति नियमित अंतराल पर घर में सुंदरकांड का पाठ करता है उसे भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए जानते हैं कि सुंदरकांड का पाठ इतना महत्वपूर्ण क्यों है और इसे करने की पूजा विधि क्या है?

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जानिए क्या है सुंदरकांड का महत्व

हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता हैं। इन्हें बल, बुद्धि और कृपा प्रदान करने वाला माना जाता है। सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति को अपने जीवन में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं। जो भी व्यक्ति प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करता है उसकी एकाग्रता और आत्मविश्वास बढ़ता है। सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा आती है। ऐसे में उनके द्वारा किए गए किसी भी काम का परिणाम हमेशा सकारात्मक ही मिलता है। इसलिए हर घर में सुंदरकांड का पाठ करने की सलाह दी जाती है। नियमित रूप से सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति से नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं।

इस विधि से करें सुंदरकांड का पाठ 

- अगर आप विशेष फल की प्राप्ति के लिए सुंदरकांड का पाठ कर रहे हैं तो इसकी शुरूआत मंगलवार या शनिवार के दिन से करें।
-सुंदरकांड का पाठ शुरू करने से पहले स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
-सुंदरकांड का पाठ करने से पहले पूजा स्थल पर रखी हनुमानजी की मूर्ति की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए। साथ ही सीता-राम की मूर्तियां भी हनुमान जी पास रखें।
- हनुमानजी की पूजा फल-फूल, मिठाई और सिंदूर से करें।
- सुंदरकांड का पाठ शुरू करने से पहले गणेश वंदना बहुत जरूर करें।
- सुंदरकांड करते समय तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस की भी पूजा करनी चाहिए।



ऐसे में चलिए हैं सुंदरकांड का पाठ एक दिन में कितनी बार करना चाहिए और इसके महत्व के बारे में... 

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सुंदरकांड का पाठ करते समय इन नियम का रखें ध्यान (Sunderkand Path Ke Niyam)

इस दिन करें सुंदरकांड का पाठ 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सुंदरकांड का पाठ आप 11, 21, 31, 41 दिन तक कर सकते हैं। सुंदरकांड का पाठ करने के लिए सबसे पहले हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें। ध्यान रखें कि हनुमान जी की मूर्ति ऐसी होनी चाहिए जिसमें भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण की तस्वीर हो।

सुंदरकांड का पाठ कितने दिनों में खत्म कर सकते है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सुंदरकांड का पाठ आप 11, 21, 31, 41 दिन तक कर सकते हैं। सुंदरकांड का पाठ करने के लिए सबसे पहले हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें। ध्यान रहे कि हनुमान जी की प्रतिमा ऐसी होनी चाहिए, जिसमें प्रभु श्री राम, माता सीता व लक्ष्मण की तस्वीर हो।

हनुमान की आराधना के समय इन बातों को रखें याद 

- जिस समय आप पहले दिन पूजा करते हैं, उसी समय अन्य दिनों में भी पूजा करें.
- यह भी ध्यान रखें कि पहले दिन पूरी पूजा उसी स्थान और आसन पर बैठकर करें जिस पर आपने पूजा की थी।
-हनुमान जी की पूजा करते समय शरीर के साथ मन की स्वच्छता का भी पूरा ध्यान रखें।
- जिस स्थान पर आप पूजा कर रहे हैं वहां पूरी तरह से स्वच्छ और शांतिपूर्ण वातावरण होना चाहिए।
- अगर आप ऊपर बताई गई बातों को ध्यान में रखकर सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा करते हैं तो 21 दिनों के अंदर ही आपको सकारात्मकता नजर आने लगती है।

सुंदर कांड का पाठ करने से मिलती है सफलता

- सुंदर कांड के पाठ में हनुमान जी की माता सीता की खोज में सफलता का वर्णन है इसलिए सफलता पाने के लिए भी इस कांड का पाठ किया जाता है। इस कांड का पाठ करने से बिगड़े काम भी बनने लगते हैं। विषम परिस्थितियों में भी सुंदर कांड का पाठ लाभकारी होता है।

- सुंदर कांड में हनुमान जी की शक्ति और विजय का वर्णन किया गया है। अत: इस कांड का पाठ करने से मनुष्य को भय से मुक्ति मिलती है। जिससे उसका आत्मविश्वास मजबूत होता है. इस कांड का पाठ करने से हनुमान जी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।

-  सुंदर कांड के पाठ से आध्यात्मिक और मानसिक शांति मिलती है। इस पाठ को करने से मानसिक शक्ति मिलती है। जिसके कारण आप अपनी बुद्धि के बल पर कोई भी कार्य करने में सक्षम होते हैं।

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