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Puja Path Niyam: रोजाना पूजा करने वाले लोग न करें ये गलतियां, वरना नहीं मिलेगा पूर्ण फल

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: निधि Updated Thu, 23 May 2024 06:00 AM IST
सार

Puja Path Niyam In Hindi:  हिंदू धर्म में हर दिन का विशेष महत्व होता है। सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। वार के अनुसार विशेष पूजा की जाती है।

Puja Path Niyam
Puja Path Niyam- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Puja Path Niyam In Hindi:  हिंदू धर्म में हर दिन का विशेष महत्व होता है। सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। वार के अनुसार विशेष पूजा की जाती है। हालांकि, त्योहारों के बिना भी घरों में सुबह-शाम पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दिन में दो बार पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि शाम के समय माता लक्ष्मी घर में आती हैं इसलिए पूजा करना शुभ माना जाता है।
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हिंदू धर्म में पूजा का विशेष महत्व है। सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवता को समर्पित होता है, इसलिए घरों में सुबह-शाम पूजा की जाती है। किसी भी देवी-देवता की पूजा करने से परिवार में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है और जीवन में भी शुभता आती है। भगवान का आशीर्वाद पाने के लिए सभी भक्त विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। हालाँकि, आपको अपनी पूजा का पुण्य फल तभी मिलेगा जब आप सही समय पर और सही नियमों के साथ पूजा करेंगे।

क्या है पूजा करने की सही विधि? 

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा के दौरान हमेशा मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए। इसके अलावा अपने दाहिने ओर घंटी, धूप, दीप, अगरबत्ती आदि रखनी चाहिए। इस दिशा में मुख रखकर पूजा करना शुभ माना जाता है। क्योंकि पूर्व दिशा शक्ति व शौर्य का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख रखकर पूजा करने से घर में बरकत होती है।
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आमतौर पर कुछ लोग किसी भी समय पूजा कर लेते हैं, ऐसा करना अशुभ माना जाता है। शास्त्रों में पूजा-पाठ से जुड़े कई नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है। इसी कड़ी में हम आपको पूजा से जुड़ें कुछ नियमों के बारे में बताने वाले हैं, जिनका पालन करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

सही समय पर करें पूजा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूजा को सही समय पर ही करना चाहिए। ऐसा करने से पूजा सफल मानी जाती है। प्रतिदिन 5 बार पूजा करनी चाहिए। पहली पूजा ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:30 से 5:00 बजे तक, दूसरी पूजा सुबह 09 बजे तक, वहीं मध्याह्न पूजा दोपहर 12 बजे तक, संध्या पूजा शाम 04:30 से 6:00 बजे तक और शयन पूजा रात 9:00 बजे तक कर सकते हैं।

इस समय न करें पूजा

शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति को कभी भी दोपहर के समय पूजा नहीं करनी चाहिए। विशेष रूप से दोपहर 12 बजे से लेकर 3 बजे तक पूजा न करें। इस समय पर पूजा करने से फल प्राप्त नहीं होता है।

पूजा करने की सही विधि जानें

पूजा के समय हमेशा अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें। ऐसी मान्यता है कि पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख रखकर पूजा करने से घर में खुशियां बनी रहती है। बरकत होती है। इस दौरान अपने दाहिने ओर घंटी, धूप, दीप, अगरबत्ती व पूजा सामग्री को रखें। इस बात का ध्यान रखें कि, बिना सिर ढके पूजा नहीं करनी चाहिए। 

 डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये खबर लोक मान्यताओं पर आधारित है। इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए जीवांजलि उत्तरदायी नहीं है
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