Home›astrology› jupiter sun conjunction sun jupiter conjunction in taurus after 12 years know its effect on 12 zodiac signs
Guru-surya Yuti: 12 साल बाद वृषभ राशि में सूर्य-गुरु की युति! जानिए 12 राशियों पर क्या होगा इसका असर?
jeevanjali Published by: निधि Updated Fri, 03 May 2024 06:12 PM IST
सार
Guru-surya Yuti: वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति देवताओं के गुरु हैं और सूर्य ग्रहों के राजा हैं। देवगुरु बृहस्पति ने 12 साल के बाद वृषभ राशि में प्रवेश किया है जो कि शुक्र की राशि है और भौतिक सुख सुविधाओं की वृद्धि को दर्शाती है।
Guru-surya Yuti- फोटो : JEEVANJALI
विस्तार
Guru-surya Yuti: वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति देवताओं के गुरु हैं और सूर्य ग्रहों के राजा हैं। देवगुरु बृहस्पति ने 12 साल के बाद वृषभ राशि में प्रवेश किया है जो कि शुक्र की राशि है और भौतिक सुख सुविधाओं की वृद्धि को दर्शाती है। वहीं दूसरी ओर ग्रहों के राजा सूर्य 14 मई को वृषभ राशि में प्रवेश करने वाले है। ऐसे में ग्रहों के राजा और उनके गुरु बृहस्पति की वृषभ राशि में युति होगी। 12 साल बाद होने जा रही इस युति से सभी राशियों पर व्यापक प्रभाव होगा। आइये जानते है कि आपकी राशि पर इसका क्या प्रभाव होगा?
विज्ञापन
विज्ञापन
Guru-surya Yuti:- फोटो : JEEVANJALI
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति भाग्य और द्वादश भाव के स्वामी होते हैं एवं सूर्य पंचम भाव के स्वामी होते हैं अब सूर्य और गुरु आपके द्वितीय भाव में विराजमान होने वाले है। इस भाव से व्यक्ति की वाणी, कुटुंब का सुख और संचित धन का विचार किया जाता है। मेष राशि के जातकों को सूर्य और गुरु के इस योग से वाणी का लाभ होगा और आपकी पैतृक संपत्ति में वृद्धि होगी। इसके अलावा जो जातक व्यापार कर रहे हैं उनके व्यापार में भी अच्छी सफलताएं प्राप्त होने के योग दिखाई पड़ रहे हैं। आपकी संतान पक्ष के साथ आपके संबंध अच्छे होंगे। कोई पुरानी बीमारी खत्म हो सकती है और नई नौकरी भी प्राप्त हो सकती है।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति अष्टम और लाभ स्थान के स्वामी होते हैं वही सूर्य चतुर्थ भाव के स्वामी होते हैं और अब सूर्य और गुरु आपके प्रथम भाव में ही विराजमान होंगे। वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य और गुरु का प्रथम भाव में विराजमान होना किसी वरदान से कम नहीं है। इस समय आपके भाग्य में वृद्धि होगी। आपकी बुद्धि और शिक्षा का आपको लाभ प्राप्त होगा। आपका सरकारी नौकरी में चयन हो सकता है। इसके अलावा आपको अपने व्यवसाय में अत्यधिक लाभ होने की उम्मीद की जा सकती है। विदेशी संबंधों से भी आपको अच्छा मुनाफा प्राप्त होगा।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य तृतीय भाव के स्वामी होते हैं वहीं देवगुरु बृहस्पति सप्तम और दशम भाव के स्वामी होते हैं और अब सूर्य और बृहस्पति आपके द्वादश भाव में विराजमान होने जा रहे हैं। मिथुन राशि के जातकों को 14 मई से 14 जून तक अपने खर्चों में कमी करनी चाहिए। इस समय आपकी आर्थिक स्थिति थोड़ी खराब हो सकती है। आपको अपने क्रोध पर भी काबू रखना होगा और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी होगी। अगर आपको हड्डियों से जुड़ी या लीवर से जुड़ी कोई बीमारी है तो समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श करते रहना चाहिए। कार्य के सिलसिले में आपकी कुछ विदेश यात्राएं हो सकती है। कार्यस्थल पर आपको कुछ मानसिक कष्ट की अनुभूति भी प्राप्त हो सकती है।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति छठे और भाग्य स्थान के स्वामी होते हैं और सूर्य द्वितीय भाव के स्वामी है। सूर्य और गुरु कर्क राशि के जातकों के लिए अब लाभ स्थान में विराजमान होने जा रहे हैं। इस भाव से व्यक्ति की इच्छा पूर्ति का ज्ञान किया जाता है। कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य गुरु का यह योग असीम सफलता देने वाला रहने वाला है। आपको इस समय लाभ की प्राप्ति होगी। सरकारी नौकरी से आपको सम्मान प्राप्त होगा। आपके समाज और परिवार में आपकी बहुत इज्जत होगी। आपका कोई नया काम शुरू हो सकता है। शेयर मार्केट से आपको अच्छा मुनाफा होगा। आपके ससुराल से आपको धन लाभ हो सकता है। आपके मित्र जो विदेश में रहते हैं उनके माध्यम से भी आपकी कंपनी को कोई फायदा हो सकता है।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए सूर्य प्रथम भाव के स्वामी होते हैं। वहीं देवगुरु बृहस्पति पंचम और अष्टम भाव के स्वामी होते हैं और अब सूर्य और गुरु आपके दशम भाव में विराजमान होने जा रहे हैं। सिंह राशि के जातकों के लिए यह समय उनके कार्य क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने वाला होगा। आपको सम्मानित भी किया जा सकता है। इसके अलावा आपके पारिवारिक सुख में वृद्धि होगी। आप किसी नवीन संपत्ति को खरीद सकते हैं। आपके परिवार में किसी मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। इसके अलावा अगर आप अपने परिवार के व्यवसाय में रुचि रखते हैं तो आपको उसकी जिम्मेदारी भी दी जा सकती है।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति चतुर्थ और सप्तम भाव के स्वामी होते हैं एवं सूर्य द्वादश भाव के स्वामी होते हैं। सूर्य और गुरु का योग कन्या राशि के जातकों के लिए भाग्य स्थान में बनने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति के धर्म, धार्मिक यात्राएं, गुरु और उसके सेवा भाव को देखा जाता है। सूर्य और गुरु का यह संयोजन कन्या राशि के जातकों के मन में धार्मिक प्रवृत्ति को बढ़ाने वाला रहेगा। इस समय आपकी न सिर्फ धार्मिक यात्राएं होंगी बल्कि आपके मन में परोपकार की भावना भी जागृत होगी। आप अपने भाई बहनों के माध्यम से जन सेवा के कार्य में सफलता प्राप्त करेंगे। राजनीति में भी सूर्य और गुरु आपको अच्छी सफलता देने वाले रहेंगे। आपके पिता और गुरुओं का आशीर्वाद भी आपको अवश्य प्राप्त होगा।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति तृतीय और छठे भाव के स्वामी होते हैं वही सूर्य लाभ स्थान के स्वामी होते हैं और अब सूर्य और बृहस्पति आपके अष्टम भाव में विराजमान होने जा रहे हैं। तुला राशि के जातकों को इस समय अपनी वाणी पर संयम रखना होगा और मधुर वचनों का प्रयोग करना होगा। आपके परिवार के सदस्यों के साथ आपके कुछ मतभेद सामने उभर कर आ सकते हैं। इसके अलावा आपके भाई बहन का आचरण भी आपके विपरीत हो सकता है। अगर पैतृक संपत्ति को लेकर कोई विवाद चल रहा है तो कोर्ट कचहरी की नौबत आ सकती है। इस समय आपको ससुराल पक्ष से किसी भी प्रकार का आर्थिक लेनदेन नहीं करना चाहिए। अपनी आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ रखना चाहिए और बेकार के खर्चों को बंद कर देना चाहिए।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति द्वितीय और पंचम भाव के स्वामी होते हैं एवं सूर्य सप्तम भाव के स्वामी है। सूर्य और गुरु का यह योग अब आपके सप्तम भाव में होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति के वैवाहिक जीवन और साझेदारी का विचार किया जाता है। वृश्चिक राशि के जातकों को सूर्य गुरु के योग से वैवाहिक जीवन में अच्छी सफलता प्राप्त होगी। अगर आपकी पत्नी कोई नया काम शुरू करना चाहती है तो ईश्वर की कृपा से आपका काम हो जाएगा। इसके अलावा आपके व्यक्तित्व में भी एक अलग प्रकार का निखार देखने को प्राप्त होगा। आपकी वाणी प्रभावित होगी और समाज के प्रतिष्ठित लोगों में आपका उठना बैठना होगा। आपका व्यवसाय भी अच्छा रहेगा और शेयर मार्केट से भी आपको अच्छा मुनाफा प्राप्त होगा।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति प्रथम और चतुर्थ भाव के स्वामी होते हैं एवं सूर्य भाग्य स्थान के स्वामी होते हैं और अब सूर्य और गुरु का संयोजन आपके छठे भाव से होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति के रोग, ऋण, शत्रु का विचार किया जाता है। धनु राशि के जातकों को सूर्य गुरु के संयोजन से मिले-जुले परिणाम प्राप्त होंगे। सबसे पहले तो आपको अपनी सेहत का विशेष तौर से ख्याल रखना होगा। किडनी और डायबिटीज के पेशेंट डॉक्टर से भी परामर्श लेते रहें। आपके परिवार के किसी सदस्य की सेहत को लेकर आप परेशान हो सकते हैं। आप अगर कोई अच्छी नौकरी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपकी इच्छा पूरी हो सकती है। सूर्य गुरु के आशीर्वाद से विदेशी संबंधों से लाभ प्राप्त होगा। इस अवधि के दौरान यानी की 14 जून तक आपके भाई और आपके मित्र भी आपकी अच्छी मदद करने वाले होंगे।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति द्वादश और तृतीय भाव के स्वामी होते हैं और सूर्य अष्टम भाव के स्वामी होते हैं। सूर्य गुरु का यह संयोजन आपके पंचम भाव से होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति के प्रेम, शिक्षा, बुद्धि और संतान का विचार किया जाता है। सूर्य गुरु का यह योग मकर राशि के जातकों के लिए उत्तम रहने वाला है। आपकी संतान शैक्षणिक गतिविधियों में अथवा तो खेलकूद प्रतियोगिताओं में अच्छी सफलता प्राप्त करने वाली रहेगी। ऐसे विद्यार्थी जो सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं उन्हें सफलता प्राप्त हो सकती है। किसी बड़ी कंपनी में आप इंटरव्यू देने जा रहे हैं तो आपका सिलेक्शन भी हो सकता है। धर्म कर्म में आपकी रुचि बढ़ेगी और इस समय आपको भाग्य का भी साथ प्राप्त होगा।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य सप्तम भाव के स्वामी होते हैं वही देवगुरु बृहस्पति द्वितीय और लाभ स्थान के स्वामी होते हैं और अब कुंभ राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति और सूर्य चतुर्थ भाव में विराजमान होंगे। कुंभ राशि के जातकों के लिए यह समय बहुत अच्छा रहने वाला है। आपको अपनी वाणी के माध्यम से प्रसिद्धि प्राप्त हो सकती है। अगर आप सिनेमा, मीडिया या कम्युनिकेशन के फील्ड में काम करते हैं तो इस समय यह दोनों ग्रह आपको बहुत अच्छी सफलता देने वाले होंगे। अगर आप एक अच्छी और बड़ी नौकरी की तलाश में है तो आपकी यह तलाश भी पूरी हो सकती है।अगर आप कोई नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो भी सूर्य और बृहस्पति का यह संयोजन आपके लिए सफलता देने का काम करेगा।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए बृहस्पति प्रथम और दशम भाव के स्वामी होते हैं और सूर्य छठे भाव के स्वामी होते हैं और अब सूर्य बृहस्पति आपके तृतीय भाव में विराजमान होने जा रहे हैं। इस भाव से व्यक्ति के साहस और पराक्रम का ज्ञान किया जाता है। मीन राशि के जातकों को इस समय अत्यधिक उत्साह से बचना चाहिए। आप कोई ऐसा काम ना करें जिससे आने वाले समय में आपको परेशानी का सामना करना पड़े। मीन राशि के जातकों को इस समय अपने पिता के साथ कुछ मतभेदों का सामना करना पड़ सकता है। आपके शत्रु आपकी छवि को बिगाड़ने का प्रयास कर सकते हैं। आप अपनी मां की सेहत को लेकर भी थोड़े परेशान हो सकते हैं। आप अपने विदेशी संबंधों से जिस फायदे की उम्मीद कर रहे हैं वह फायदा फिलहाल 14 जून तक आपको प्राप्त नहीं होगा।