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Guru Asta 2024: 3 मई को वृषभ राशि में अस्त होंगे बृहस्पति, जानिए 12 राशियों पर क्या होगा असर?

jeevanjali Published by: निधि Updated Mon, 29 Apr 2024 11:33 AM IST
सार

Guru Asta 2024: बृहस्पति 3 मई को वृषभ राशि में सूर्य के करीब आने से अस्त हो जाएंगे और इस समय आपको अपने जीवन में कुछ चीजों का ध्यान रखना होगा। गुरु 2 जून तक वृषभ राशि में अस्त रहेंगे। 

guru ke gochar
guru ke gochar- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Guru Asta 2024:   वैदिक ज्योतिष में देवगुरु बृहस्पति का बड़ा महत्व है। यह सबसे शुभ ग्रह कह गए हैं और बृहस्पति जब अस्त होते हैं तो सभी शुभ कार्य और मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है। बृहस्पति 3 मई को वृषभ राशि में सूर्य के करीब आने से अस्त हो जाएंगे और इस समय आपको अपने जीवन में कुछ चीजों का ध्यान रखना होगा। गुरु 2 जून तक वृषभ राशि में अस्त रहेंगे। इस दौरान किसी भी प्रकार का शुभ कार्य अनुकूल नहीं माना जाएगा। बृहस्पति जब अस्त होंगे तो इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर होगा। आइये जानते है कि आपकी राशि पर इसका क्या प्रभाव होगा?
 
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मेष राशि 
मेष राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति भाग्य स्थान और द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और मेष राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति उनके द्वितीय भाव में अस्त होने जा रहे हैं। इस भाव में विराजमान देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि आपके छठे भाव, अष्टम भाव और दशम भाव पर जा रही है। मेष राशि के जातकों को बृहस्पति के अस्त होने से करियर के मामलों में कुछ अच्छी तरक्की प्राप्त हो सकती है। ऐसे व्यक्ति जो काफी समय से अपनी नौकरी बदलना चाहते थे उन्हें नई नौकरी के अवसर प्राप्त हो सकते हैं। अगर आप शिक्षक हैं, ज्योतिषी हैं, किसी मंदिर के पुजारी हैं तो इस समय देवगुरु बृहस्पति के अस्त होने से आपको अच्छी प्रसिद्धि प्राप्त हो सकती है। आपको विदेशी संबंधों से भी फायदा प्राप्त होने की संभावनाएं दिखाई दे रही है। आपके वैवाहिक जीवन के लिए भी देवगुरु बृहस्पति का अस्त होना फायदेमंद रहेगा। 
 
वृषभ राशि 
वृषभ राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति अष्टम और लाभ स्थान के स्वामी होते हैं और अब देवगुरु बृहस्पति आपके प्रथम भाव में ही सूर्य के द्वारा अस्त हो रहे हैं। इस भाव में विराजमान देव गुरु बृहस्पति की दृष्टि आपके पंचम, सप्तम और भाग्य स्थान पर जा रही है। देवगुरु बृहस्पति जब वृषभ राशि में अस्त होंगे तो इस राशि के जातकों को स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं सामने दिखाई पड़ सकती हैं। आपको अपने खर्चों में भी थोड़ी कमी करनी होगी क्योंकि आपको आर्थिक मोर्चे पर कुछ असफलताओं का सामना करना पड़ सकता है। वृषभ राशि के जातकों को अपने वैवाहिक जीवन में भी थोड़ा सावधान रहना होगा। अपने जीवनसाथी से किसी भी प्रकार की बहस करने से आपको बचना चाहिए। वृषभ राशि के जातकों को इस समय अपने पिता के साथ कुछ मतभेदों का सामना करना पड़ सकता है। धार्मिक यात्राओं के योग बने हुए हैं।
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 मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति सप्तम और दशम भाव के स्वामी होते हैं और अब बृहस्पति आपके द्वादश भाव में विराजमान होकर सूर्य के द्वारा अस्त हो जाएंगे। इस भाव में विराजमान बृहस्पति की दृष्टि आपके चतुर्थ, छठे और अष्टम भाव पर जा रही है। जब बृहस्पति वृषभ राशि में अस्त होंगे तो मिथुन राशि के जातकों को अपने व्यक्तिगत रिश्ते में कुछ नुकसान उठाने की संभावनाएं नजर आ रही है। इस दौरान आपको अपनी आर्थिक स्थिति को भी अच्छा बनाए रखना होगा क्योंकि आपके जीवन में खर्च बहुत अधिक बढ़ने वाले है। इसके अलावा आपको कोई अचानक से बड़ा नुकसान हो सकता है। अगर आप बीमार हैं या आपको लीवर से जुड़ी कोई बीमारी है तो भी बृहस्पति के अस्त होने के दौरान आपको अपने स्वास्थ्य का बेहद ख्याल रखने की आवश्यकता है। 
 
कर्क राशि
 कर्क राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति छठे और भाग्य स्थान के स्वामी होते हैं और अब आपके लाभ स्थान में देवगुरु बृहस्पति सूर्य के द्वारा अस्त हो रहे हैं। इस भाव में विराजमान देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि आपके तृतीय, पंचम और सप्तम भाव पर जा रही है। कर्क राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति के अस्त होने से उनके जीवन में लाभ की परिस्थितियों का निर्माण होने जा रहा है। आप जितनी मेहनत करेंगे उससे अधिक मुनाफा आपको प्राप्त होने की संभावना है। ऐसे जातक जो अपने व्यवसाय का विस्तार करना चाहते हैं उनके लिए परिस्थिति अनुकूल होंगी। आपकी पारिवारिक स्थिति में सुधार होगा। आपकी मां की सेहत को लेकर अब आपकी चिंताएं थोड़ी कम होगी। संतान पक्ष से भी आपके संबंध अच्छे होंगे। आपके साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी। आप साझेदारी में कोई नया काम शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा आपको किसी सरकारी पद की प्राप्ति भी हो सकती है। 
 

 
सिंह राशि 
सिंह राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति आपके पंचम और अष्टम भाव के स्वामी होते हैं और अब देवगुरु बृहस्पति आपके दशम भाव यानी कि कर्म भाव में अस्त होने जा रहे हैं। बृहस्पति जब वृषभ राशि में सूर्य के द्वारा अस्त होंगे तो सिंह राशि के जातक अपने करियर को लेकर कुछ परेशान हो सकते हैं।  ऐसा हो सकता है कि वर्तमान में आप जहां नौकरी करते हैं वहां आप अपने काम से संतुष्ट न हो। आपके सीनियर्स के साथ आपके मतभेद खुलकर सामने आ सकते हैं। इसके अलावा सरकारी काम में जो जातक हैं उन्हें सरकार के द्वारा कुछ दंड भी दिया जा सकता है। सिंह राशि के जातकों को पैतृक संपत्ति के मामले में थोड़ा सावधान रहने की आवश्यकता है। इसके अलावा जब देवगुरु बृहस्पति जब अस्त होंगे तो आपके शत्रु आपकी छवि को ख़राब करने के लिए षडयंत्र कर सकते हैं इसलिए आपको अपने शत्रुओं से भी सावधान रहना चाहिए।
 
 कन्या राशि 
कन्या राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति चतुर्थ और सप्तम भाव के स्वामी होते हैं और अब देवगुरु बृहस्पति आपके नवम भाव में अस्त होने जा रहे हैं। इस भाव में विराजमान बृहस्पति की दृष्टि आपके प्रथम भाव, तृतीय भाव और पंचम भाव पर जा रही है। कन्या राशि के जातकों के लिए जब बृहस्पति अस्त होंगे तो उन्हें भाग्य के मामलों में कमी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा आपके पारिवारिक सुख में भी कमी हो सकती है। इस समय आपकी व्यर्थ की यात्राएं हो सकती हैं जिसके कारण आपको काफी थकान होगी। भाई बहनों के साथ संबंध में कुछ कड़वाहट आ सकती है। कन्या राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति का अस्त होना करियर के लिहाज से भी अच्छा नहीं कहा जा सकता। इसके अलावा संतान पक्ष से भी आपके मतभेद उभर सकते हैं। 
 
 
तुला राशि 
तुला राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति तृतीय और छठे भाव के स्वामी होते हैं और अब देवगुरु बृहस्पति आपके अष्टम भाव में अस्त होने जा रहे हैं। इस भाव में विराजमान देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि आपके द्वादश, द्वितीय और चतुर्थ भाव पर जा रही है। तुला राशि के जातकों के लिए जब देवगुरु बृहस्पति अस्त होंगे तो उन्हें अचानक से किसी गुप्त धन की प्राप्ति हो सकती है। इसके अलावा आपके जो विदेशी संबंध है उनसे आपको फायदा हो सकता है। ऐसे छात्र जो रिसर्च के लिए विदेश जाना चाहते हैं उनकी इच्छा भी पूरी हो सकती है। अगर आप समुद्री व्यापार करते हैं तो आपके लिए देवगुरु बृहस्पति का अस्त होना अच्छा माना जा सकता है। आपके वैवाहिक जीवन में भी खुशियां वापस लौट आएगी। आपके परिवार में किसी का विवाह भी तय हो सकता है। आपकी धार्मिक यात्राएं देवगुरु बृहस्पति के अस्त होने से बढ़ सकती है।
 
 
वृश्चिक राशि 
वृश्चिक राशि  के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति द्वितीय और पंचम भाव के स्वामी होते हैं और अब सप्तम भाव में बृहस्पति अस्त होने जा रहे हैं। सप्तम भाव में विराजमान देव गुरु बृहस्पति आपके लाभ स्था,  प्रथम स्थान और तृतीय स्थान को देख रहे हैं। वृश्चिक राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति का अस्त होना कुछ चुनौतियां जीवन में लेकर आ सकता है। वृश्चिक राशि के जातकों को अपने वैवाहिक जीवन में कुछ मतभेदों का सामना करना पड़ सकता है और सामंजस्य बनाए रखने के लिए आपको मधुर वाणी का प्रयोग करना चाहिए। आपके कार्य स्थल पर आपको कुछ दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा अगर आप व्यापार करते हैं तो आपके व्यापार में कुछ धन हानि की संभावनाएं बनती हुई नजर आ रही है। आपकी सामाजिक मान प्रतिष्ठा को भी धूमिल करने का प्रयास इस समय किया जा सकता है। भाई बहनों की तरफ से संबंधों में कुछ कड़वाहट बढ़ सकती है। परिवार में मतभेद भी उत्पन्न हो सकते हैं। 
 
 
धनु राशि 
धनु राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति प्रथम और चतुर्थ भाव के स्वामी होते हैं और अब देवगुरु बृहस्पति छठे भाव में सूर्य के द्वारा अस्त हो रहे हैं। इस भाव में विराजमान बृहस्पति की दृष्टि आपके दशम भाव, द्वादश भाव और द्वितीय भाव पर जा रही है। धनु राशि के जातकों के लिए जब देवगुरु बृहस्पति अस्त होंगे तो उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं घर सकती हैं. इसके अलावा आपके कार्यों में देरी हो सकती है जिससे आपको कुछ मानसिक कष्ट की अनुभूति भी हो सकती है। आपको जिस लाभ की उम्मीद है वह लाभ आपको फिलहाल प्राप्त नहीं होगा। अगर आपके कार्य स्थल की बात करें तो इस समय आपको अपने सीनियर्स को खुश करने के लिए अत्यधिक मेहनत करने की आवश्यकता पड़ेगी। आपके कुटुंब में किसी बात को लेकर विवाद भी हो सकता है। इसके अलावा आपको अपनी वाणी का भी ध्यान रखना चाहिए। बृहस्पति के अस्त होने के बाद आपकी वाणी में कड़वाहट आ सकती है। जिससे आपके कई रिश्ते खत्म हो सकते हैं। पत्नी की सेहत का भी ख्याल रखना चाहिए।

मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति द्वादश और तृतीय भाव के स्वामी होते हैं और अब देवगुरु बृहस्पति आपके पंचम भाव में अस्त होने जा रहे हैं। देवगुरु बृहस्पति इस भाव में विराजमान होकर आपके भाग्य स्थान, लाभ स्थान और प्रथम स्थान को देख रहे हैं। मकर राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति जब अस्त होंगे तो उन्हें शेयर मार्केट से अच्छा मुनाफा प्राप्त होगा। अगर आप अपना नया काम शुरू करना चाहते हैं तो आपको अपने पिता से कोई आर्थिक मदद प्राप्त हो सकती है। इसके अलावा विदेश में जो आपके मित्र रहते हैं वह इस समय आपके लिए काफी मददगार साबित होंगे। मकर राशि के जातकों को बृहस्पति के अस्त होने से उनके भाग्य का साथ मिलेगा। आपके व्यक्तित्व में एक अलग प्रकार का निखार आएगा। आपको समाज और परिवार में मान सम्मान की प्राप्ति होगी। आपके परिवार के लोग आपके अनुकूल आचरण करेंगे। इसके अलावा आपकी संतान के विदेश जाने की संभावनाएं भी नजर आ रही है।
 
 कुंभ राशि 
कुम्भ राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति द्वितीय और लाभ स्थान के स्वामी होते हैं और बृहस्पति आपके चतुर्थ भाव में सूर्य के द्वारा अस्त हो रहे हैं। इस भाव में विराजमान बृहस्पति की दृष्टि आपके अष्टम, दशम और द्वादश भाव पर जा रही है। बृहस्पति जब अस्त होंगे तो कुंभ राशि के जातकों को धन संबंधी मामलों में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं। पैतृक संपत्ति को लेकर अगर कोई विवाद चल रहा है तो वह विवाद और अधिक गहरा सकता है। इसके अलावा आपके जीवन में अचानक से कोई दुर्घटना भी आ सकती है। परिवार के किसी सदस्य की सेहत को लेकर आप परेशान हो सकते हैं। आप व्यापार में जिस मुनाफे की उम्मीद कर रहे हैं वह मुनाफा फिलहाल आपको प्राप्त नहीं होगा। इसके अलावा आपका स्थानांतरण भी किया जा सकता है।
 
मीन राशि 
मीन राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति प्रथम और दशम भाव के स्वामी होते हैं और आपके तीसरे भाव में वह सूर्य के द्वारा अस्त होने जा रहे हैं। इस भाव में विराजमान देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि आपके सप्तम, नवम और लाभ स्थान पर जा रही है। मीन राशि के जातकों के लिए जब देवगुरु बृहस्पति अस्त होंगे तो उनके भाग्य में कुछ कमी हो सकती है और आप जिस सफलता की उम्मीद अपने जीवन में फिलहाल कर रहे हैं वह आपको इस समय प्राप्त नहीं होगी। ऐसे जातक जिनका विवाह तय नहीं हो रहा है उनका विवाह तय हो सकता है। आपके प्रेम संबंधों के लिए बृहस्पति का अस्त होना अच्छा नहीं कहा जा सकता है।  इस समय आपके प्रेमी के साथ आपके कुछ मतभेद उभर कर सामने आ सकते हैं। किसी पर भी विश्वास नहीं करना है। आपको अपने मन की बात किसी से भी नहीं कहनी है। इसके अलावा आपके पिता के साथ कुछ मतभेद हो सकते हैं।

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