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Ram Navami 2024: 500 साल बाद अयोध्या में मनाई जाएगी रामनवमी, जानें क्या कुछ होगा खास

jeevanjali Published by: कोमल Updated Thu, 11 Apr 2024 05:29 PM IST
सार

Ram Navami 2024: प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में रामलला की यह पहली रामनवमी कई मायनों में ऐतिहासिक होगी. इस साल की रामनवमी बेहद खास होगी 

राम नवमी 2024
राम नवमी 2024- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Ram Navami 2024:  प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में रामलला की यह पहली रामनवमी कई मायनों में ऐतिहासिक होगी. इस साल की रामनवमी बेहद खास होगी क्योंकि 500 साल बाद अयोध्या के राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामनवमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा. इसकी तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं. रामनवमी का विशेष आकर्षण रामलला का सूर्य तिलक होगा. रामनवमी के दिन ठीक 12 बजे सूर्य की किरणें रामलला के माथे पर पड़ेंगी, जिससे उन्हें सूर्य तिलक लगेगा.
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रामनवमी पर क्या कुछ होगा खास 

करीब चार मिनट तक सूर्य की किरणें रामलला के चेहरे पर रहेंगी. यह गोलाकार सूर्य तिलक 75 मिमी का होगा। फिलहाल वैज्ञानिक रामलला का सूर्य तिलक करने की तैयारी में जुटे हुए हैं. इसके लिए राम मंदिर में उपकरण लगाए जा रहे हैं, जल्द ही इसका ट्रायल भी किया जाएगा.दरअसल, भगवान राम को सूर्यवंशी माना जाता है। ऐसे में राम मंदिर निर्माण के समय यह प्रस्ताव रखा गया कि वैज्ञानिक विधि से ऐसी व्यवस्था की जाए कि रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें सीधे रामलला की मूर्ति पर पड़े मानो उनका अभिषेक कर रही हों.इसके लिए सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट, रूड़की के वैज्ञानिकों ने दर्पण, लेंस और पीतल का उपयोग करके एक अनूठी प्रणाली बनाई है। इसके लिए किसी बैटरी या बिजली की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस साल रामनवमी का त्योहार 17 अप्रैल 2024 को मनाया जाएगा. इस दिन राम मंदिर में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. जिसमें कई शास्त्रीय गायक भाग लेंगे और बधाई एवं भक्ति गीत गाये जायेंगे. रामनवमी के दिन राम मंदिर को 50 क्विंटल देशी-विदेशी फूलों से सजाया जाएगा.

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इस तरह से होगा  सूर्य तिलक

सूरज की रोशनी तीसरी मंजिल पर पहले दर्पण पर पड़ेगी और तीन ऊपरी और दो दूसरे दर्पण से गुजरने के बाद सीधे भूतल पर आखिरी दर्पण पर पड़ेगी। इसके साथ ही रामलला की मूर्ति के मस्तक पर सूर्य की किरणों का तिलक लगाया जाएगा. यह रामलला के माथे पर दो से तीन मिनट तक रहेगा. यह भव्य दृश्य रामनवमी की दोपहर में देखने को मिलेगा, जब माना जाता है कि भगवान राम का जन्म हुआ था.
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