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Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि का पांचवा दिन मां स्कंदमाता को है समर्पित, इन मंत्रों से करें मां की स्तुति
jeevanjali Published by: निधि Updated Fri, 12 Apr 2024 06:53 PM IST
सार
Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि की पंचमी तिथि 13 अप्रैल को है। यह नवरात्रि का पांचवां दिन है। इस दिन मां दुर्गा के पंचम स्वरूप मां स्कंदमाता का पूजन होता है।
Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि की पंचमी तिथि 13 अप्रैल को है। यह नवरात्रि का पांचवां दिन है। इस दिन मां दुर्गा के पंचम स्वरूप मां स्कंदमाता का पूजन होता है। धार्मिक मान्यता है कि स्कंदमाता की आराधना करने से भक्तों की समस्त प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। संतान प्राप्ति के लिए स्ंकदमाता की आराधना करना लाभकारी माना गया है। माता को लाल रंग प्रिय है इसलिए इनकी आराधना में लाल रंग के पुष्प जरूर अर्पित करना चाहिए।
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मां स्कंदमाता का स्वरूप
मां स्कंदमाता की गोद में भगवान स्कन्द बाल रूप में विराजित हैं। स्कंद मातृस्वरूपिणी देवी की चार भुजाएं हैं। मां का वर्ण पूर्णत: शुभ्र है और कमल के पुष्प पर विराजित रहती हैं। इन्हें विद्यावाहिनी दुर्गा देवी भी कहा जाता है। ऐसे करें पूजा
सबसे पहले मां स्कंदमाता को नमन करें।
पूजा में कुमकुम,अक्षत,पुष्प,फल आदि से पूजा करें।
चंदन लगाएं, माता के सामने घी का दीपक जलाएं।
मां को केले का भोग लगाएं।
मंत्र सहित मां की आराधना करें।
मां स्कंद माता की कथा पढ़ें या सुनें
मां की आरती गाएं।
अंत में प्रसाद ब्राह्मण को दें।
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मां स्कंदमाता की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, कहते हैं कि एक तारकासुर नामक राक्षस था। जिसकी मृत्यु केवल शिव पुत्र से ही संभव थी। तब मां पार्वती ने अपने पुत्र भगवान स्कन्द (कार्तिकेय का दूसरा नाम) को युद्ध के लिए प्रशिक्षित करने हेतु स्कन्द माता का रूप लिया और उन्होंने भगवान स्कन्द को युद्ध के लिए प्रशिक्षित किया था। स्कंदमाता से युद्ध प्रशिक्षिण लेने के पश्चात् भगवान स्कन्द ने तारकासुर का वध किया। माता स्कंदमाता का स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥