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Kalashtami 2024: कालाष्टमी क्या होती है जानिए पूजा विधि,नियम और राशि अनुसार मंत्र

jeevanjali Published by: निधि Updated Sun, 28 Apr 2024 05:51 PM IST
सार

Kalashtami 2024:कालाष्टमी हिन्दू धर्म में भगवान काल भैरव को समर्पित एक महत्वपूर्ण दिन होता है। यह हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

Kalashtami 2024
Kalashtami 2024- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Kalashtami 2024:कालाष्टमी हिन्दू धर्म में भगवान काल भैरव को समर्पित एक महत्वपूर्ण दिन होता है। यह हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह माना जाता है कि भगवान काल भैरव का जन्म इसी तिथि को हुआ था। हिन्दू धर्म में अष्टमी तिथि को देवी-देवताओं की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।कालाष्टमी के दिन भगवान काल भैरव की पूजा करने से भक्तों के कष्टों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

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कालाष्टमी के दिन कुछ लोग व्रत भी रखते हैं। अगर आप भी इस दिन व्रत करते हैं तो आप को व्रत के नियम पता होने चाहिए 

- सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें।  
- स्वच्छ वस्त्र धारण करें। 
- भगवान काल भैरव की पूजा करना सच्चे मन से करें। 
- व्रत कथा का श्रवण करना। 
- फलाहार ग्रहण करना।  
- रात्रि में जागरण करना।  
- दूसरे दिन सुबह पूजा के बाद व्रत का पारण करना

कालाष्टमी पूजन विधि:

कालाष्टमी के दिन भगवान काल भैरव की पूजा इस प्रकार की जाती है:

- एक चौकी स्थापित करें और उस पर भगवान काल भैरव की प्रतिमा या चित्र रखें।
- चौकी को फूलों, मालाओं और दीपों से सजाएं।
- भगवान काल भैरव को जल, दूध, घी, शहद, फल और मिठाई अर्पित करें।
- धूप और अगरबत्ती जलाएं।
- भगवान काल भैरव के मंत्रों का जाप करें।
- "काल भैरव स्तोत्र" का पाठ करें।
- भगवान काल भैरव से अपनी मनोकामना व्यक्त करें।

कालाष्टमी पर किस मन्त्र का जाप करें 

कालाष्टमी के दिन भगवान काल भैरव की पूजा के लिए अनेक मंत्र प्रचलित हैं। आप अपनी इच्छानुसार इनमें से किसी भी मंत्र का जाप कर सकते हैं:

मूल मंत्र:

ॐ कालभैरवाय नमः

यह मंत्र भगवान काल भैरव का सबसे सरल और मूल मंत्र है। इस मंत्र का जाप करने से भगवान काल भैरव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

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अष्टाक्षर मंत्र:

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टि-वर्धनं नावः नमो भगवते रुद्राय रुद्राय नमः

यह मंत्र भगवान रुद्र का मंत्र है, जिन्हें भगवान काल भैरव का भी रूप माना जाता है। इस मंत्र का जाप करने से भगवान रुद्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आरोग्य, धन और समृद्धि प्रदान करते हैं।

षडाक्षर मंत्र:

ॐ षट्भुजाय नमः
यह मंत्र भगवान काल भैरव के छह भुजाओं का प्रतीक है। इस मंत्र का जाप करने से भगवान काल भैरव की शक्ति प्राप्त होती है और भक्तों के शत्रुओं का नाश होता है।

पंचाक्षर मंत्र:

ॐ कालभैरव नमः
यह मंत्र भगवान काल भैरव का संक्षिप्त मंत्र है। इस मंत्र का जाप करने से भगवान काल भैरव की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं।

बीज मंत्र:

ॐ ह्रीं कालह्रीं नमः
यह मंत्र भगवान काल भैरव की शक्ति का बीज मंत्र है। इस मंत्र का जाप करने से भगवान काल भैरव की असीम शक्ति प्राप्त होती है और भक्तों के सभी कार्य सिद्ध होते हैं।

मंत्र जाप करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:

मंत्र जाप करने से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
शांत और एकाग्रचित्त होकर मंत्र का जाप करें।
मंत्र जाप की संख्या में एकाग्रता और निरंतरता बनाए रखें।
मंत्र जाप के बाद भगवान काल भैरव को भोग अर्पित करें और उनका ध्यान करें।

कालाष्टमी के दिन आप अपनी राशि के अनुसार भी मंत्र का जाप कर सकते हैं।

मेष राशि: ॐ क्रां क्रीं क्रौं काल भैरवाय नमः
वृषभ राशि: ॐ हीं हूं ह्रीं काल भैरवाय नमः
मिथुन राशि: ॐ नं नमः काल भैरवाय नमः
कर्क राशि: ॐ डं डुं देवी काल भैरवाय नमः
सिंह राशि: ॐ फं फूपं फट् काल भैरवाय नमः
कन्या राशि: ॐ षं षुं षट् काल भैरवाय नमः
तुला राशि: ॐ रं रीं रौं काल भैरवाय नमः
वृश्चिक राशि: ॐ लं लीं लूं काल भैरवाय नमः
धनु राशि: ॐ वं वीं वोः काल भैरवाय नमः
मकर राशि: ॐ शं षुं शंभु काल भैरवाय नमः
कुंभ राशि: ॐ सं सिं सौं काल भैरवाय नमः
मीन राशि: ॐ हं हीं हूं काल भैरवाय नमः
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