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Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि से पहले करें ये पांच काम, मां दुर्गा होंगी प्रसन्न

jeevanjali Published by: निधि Updated Wed, 27 Mar 2024 02:15 PM IST
सार

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि व्रत का प्रारंभ होने वाला है। 9 अप्रैल से नवरात्रि व्रत रखे जाएंगे और 17 अप्रैल को व्रत खोलने के साथ चैत्र नवरात्रि समाप्त होगी। 

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि से पहले करें ये पांच काम
Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि से पहले करें ये पांच काम- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Chaitra Navratri 2024:  चैत्र नवरात्रि व्रत प्रारंभ होने वाला है। 9 अप्रैल से नवरात्रि व्रत रखे जाएंगे और 17 अप्रैल को व्रत खोलने के साथ चैत्र नवरात्रि समाप्त होगी। शक्ति की आराधना के इस पावन पर्व में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। मां के भक्त नौ दिनों तक नवरात्रि का व्रत रखते हैं। व्रत पहले दिन घटस्थापना से शुरू होता है और नौ दिनों के बाद व्रत पारण के साथ समाप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के स्वागत के लिए घर में विशेष तैयारियां करना बहुत शुभ होता है। नियमानुसार आपको ये तैयारियां भी करनी चाहिए.

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घर की करें साफ-सफाई

-नवरात्रि से पहले घर की साफ-सफाई करना बहुत जरूरी है। जहां स्वच्छता होती है, वहां देवी लक्ष्मी का वास होता है। इसके विपरीत जहां गंदगी होती है वहां गरीबी आती है। घर के मंदिर को अच्छी तरह साफ करें। मंदिर में खंडित मूर्तियां न रखें।

कलश स्थापना के स्थान पर इस रंग का करें प्रयोग

कलश स्थापना वाले स्थान पर माता की चौकी के पास हल्के रंग का प्रयोग करना वास्तु शास्त्र में शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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घर के मुख्य दरवाजे पर बनाएं यह निशान

किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले स्वास्तिक चिन्ह बनाया जाता है, इसलिए नवरात्रि शुरू होने से पहले घर और मंदिर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक चिन्ह बनाना शुभ होता है।

रसोई घर को रखें स्वच्छ

-नवरात्रि से पहले रसोई में लाल, पीले और नारंगी रंग का प्रयोग करें। इसके साथ ही यहां से तामसिक चीजें (लहसुन, प्याज आदि) हटा दें। वास्तु के नियमों के अनुसार रसोईघर को हमेशा साफ सुथरा रखना चाहिए।

घर की दक्षिण पूर्व दिशा को करें ठीक

शास्त्रों के अनुसार देवी का क्षेत्र दक्षिण दिशा में है इसलिए देवी की पूजा करते समय आपका मुख दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। पूर्व दिशा में पूजा करने से चेतना जागृत होती है जबकि दक्षिण दिशा में पूजा करने से मानसिक शांति मिलती है।

घर के उत्तर-पश्चिम कोना ठीक रखें

अशांति से मुक्ति और मन की शांति के लिए वायव्य कोण को व्यवस्थित रखें। इस स्थान का कारक ग्रह चंद्रमा है। यहां कुछ भी स्थिर नहीं रहता. इसलिए बाथरूम या गेस्ट रूम बनाएं. इस स्थान पर भी विशेष साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए।
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