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Vivah Ke Upay: विवाह में हो रही है देरी तो रोजाना करें इन मंत्रो का जाप, जल्द बजेगी शहनाई

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: कोमल Updated Thu, 09 May 2024 02:11 PM IST
सार

Vivah Ke Upay: कई बार लोगों की कुंडली में कुछ योग ऐसे होते हैं जिनकी वजह  से उनके विवाह में बाधाएं आती हैं बहुत कोशिश करने के बाद भी उनकी शादी जल्दी तय नहीं हो पाती और कई बार तो शादी तय होने के बाद भी रिश्ता टूट जाता है

विवाह के उपाय
विवाह के उपाय- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Vivah Ke Upay: कई बार लोगों की कुंडली में कुछ योग ऐसे होते हैं जिनकी वजह  से उनके विवाह में बाधाएं आती हैं बहुत कोशिश करने के बाद भी उनकी शादी जल्दी तय नहीं हो पाती और कई बार तो शादी तय होने के बाद भी रिश्ता टूट जाता है  कुंडली में मांगलिक दोष, बृहस्पति और शुक्र की खराब स्थिति, सप्तमेश का कमजोर होना या नवमांश कुंडली में दोष जैसी समस्याएं विवाह में बाधा उत्पन्न करती हैं। अगर आप जल्द शादी करना चाहते हैं तो इन मंत्रों का जाप जरूर करें।

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विवाह के योग बनेंगे

अगर आप विवाह से जुड़ी किसी समस्या का सामना कर रहे हैं तो रोज सुबह स्नान करने के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। साथ ही मां पार्वती चालीसा का पाठ करें। शिव-पार्वती की पूजा में विशेष चीजें अर्पित करनी चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।यदि आपकी कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर है तो इसका मतलब है कि आपको विवाह से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। इससे छुटकारा पाने के लिए शुक्रवार के दिन गंगा जल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से कुंडली में शुक्र मजबूत होता है। अशुभ ग्रहों का प्रभाव भी कम हो जाता है।



शीघ्र विवाह के लिए मंत्र

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1. कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि ।

नन्द गोपसुतं देविपतिं मे कुरु ते नमः ॥

2. ॐ ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरूवे नम:

3. हे गौरी शंकरार्धांगि । यथा त्वं शंकरप्रिया ।|

तथा माँ कुरु कल्याणि । कान्त कांता सुदुर्लभाम्।।

4. ॐ देवेन्द्राणि नमस्तुभ्यं देवेन्द्रप्रिय भामिनि।

विवाहं भाग्यमारोग्यं शीघ्रं च देहि मे ।।

5. ॐ शं शंकराय सकल जन्मार्जित पाप विध्वंस नाय पुरुषार्थ

चतुस्टय लाभाय च पतिं मे देहि कुरु-कुरु स्वाहा ।।

6. ॐ देवेन्द्राणि नमस्तुभ्यं देवेन्द्रप्रिय भामिनि ।

विवाहं भाग्यमारोग्यं शीघ्रलाभं च देहि मे ॥

7. मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।

मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

8. ॐ सृष्टिकर्ता मम विवाह कुरु कुरु स्वाहा

9. क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा

10. ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः
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