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Vinayaka Chaturthi 2024: कब मनाई जाएगी विनायक चतुर्थी, जानिए तिथि, और शुभ मुहूर्त

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: कोमल Updated Tue, 28 May 2024 05:06 AM IST
सार

Vinayaka Chaturthi 2024: हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है। जीवन की परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए इस दिन व्रत भी रखा जाता है। मान्यता के अनुसार भगवान गणेश की चतुर्थी के दिन पूजा करने से वे बहुत प्रसन्न होते हैं

विनायक चतुर्थी
विनायक चतुर्थी- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Vinayaka Chaturthi 2024: हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है। जीवन की परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए इस दिन व्रत भी रखा जाता है। मान्यता के अनुसार भगवान गणेश की चतुर्थी के दिन पूजा करने से वे बहुत प्रसन्न होते हैं और भक्तों को अपना आशीर्वाद देते हैं। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त क्या है।
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विनायक चतुर्थी 2024 तिथि और शुभ समय - Vinayaka Chaturthi 2024 date and auspicious time

पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 09 जून को दोपहर 03:44 मिनट शुरू होगी और अगले दिन 10 जून को शाम 04:14 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में 10 जून को विनायक चतुर्थी व्रत रखा जाएगा.

विनायक चतुर्थी पूजा विधि - Vinayaka Chaturthi Puja Vidhi

  • विनायक चतुर्थी के दिन सुबह उठकर देवी-देवताओं का ध्यान करें।
  • इसके बाद स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें ।
  • सूर्यदेव को जल अर्पित करें।
  • इसके बाद चौकी पर कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की मूर्ति रखें.
  • अब उन पर सिन्दूर का तिलक लगाएं और दूर्वा और पीले फूल चढ़ाएं।
  • विनायक चतुर्थी पर घी का दीपक जरूर जलाएं और भगवान गणेश की आरती करें।
  • गणेश चालीसा और मंत्रों का जाप करें.
  • इसके बाद सुख-शांति के लिए प्रार्थना करें।
  • भगवान को मोदक, फल और मिठाई का भोग लगाएं.
  • विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा को जल चढ़ाने के बाद ही व्रत का पारण करें
  • सात्विक भोजन से व्रत खोलें.
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इस मंत्र का जाप करें 

विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करें। मान्यता के अनुसार मंत्र का जाप करने से जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

वक्रतुण्ड महाकाय, सुर्यकोटि समप्रभ:।

निर्विघ्नं कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा।।
 

गणेश बीज मंत्र - Ganesh Beej Mantra

ऊँ गं गणपतये नमो नमः।

भगवान गणेश के मंत्र ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ।

निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥

गणेश गायत्री मंत्र - Ganesh Gayatri Mantra

ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

विघ्न नाशक मंत्र - Obstacle Eliminating Mantra

गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।

द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥

विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।

द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत् ॥

विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित् ।

इस कवच का करें पाठ

हरिद्रा गणेश कवच - Haridra Ganesh Kavach

ईश्वर उवाचः

शृणु वक्ष्यामि कवचं सर्वसिद्धिकरं प्रिये ।
पठित्वा पाठयित्वा च मुच्यते सर्व संकटात् ॥
अज्ञात्वा कवचं देवि गणेशस्य मनुं जपेत् ।
सिद्धिर्नजायते तस्य कल्पकोटिशतैरपि ॥

ॐ आमोदश्च शिरः पातु प्रमोदश्च शिखोपरि ।
सम्मोदो भ्रूयुगे पातु भ्रूमध्ये च गणाधिपः ॥
गणाक्रीडो नेत्रयुगं नासायां गणनायकः ।
गणक्रीडान्वितः पातु वदने सर्वसिद्धये ॥

जिह्वायां सुमुखः पातु ग्रीवायां दुर्मुखः सदा ।
विघ्नेशो हृदये पातु विघ्ननाथश्च वक्षसि ॥
गणानां नायकः पातु बाहुयुग्मं सदा मम ।
विघ्नकर्ता च ह्युदरे विघ्नहर्ता च लिङ्गके ॥

गजवक्त्रः कटीदेशे एकदन्तो नितम्बके ।
लम्बोदरः सदा पातु गुह्यदेशे ममारुणः ॥
व्यालयज्ञोपवीती मां पातु पादयुगे सदा ।
जापकः सर्वदा पातु जानुजङ्घे गणाधिपः ॥

हारिद्रः सर्वदा पातु सर्वाङ्गे गणनायकः ।
य इदं प्रपठेन्नित्यं गणेशस्य महेश्वरि ॥
कवचं सर्वसिद्धाख्यं सर्वविघ्नविनाशनम् ।
सर्वसिद्धिकरं साक्षात्सर्वपापविमोचनम् ॥

सर्वसम्पत्प्रदं साक्षात्सर्वदुःखविमोक्षणम् ।
सर्वापत्तिप्रशमनं सर्वशत्रुक्षयङ्करम् ॥ ११॥
ग्रहपीडा ज्वरा रोगा ये चान्ये गुह्यकादयः ।
पठनाद्धारणादेव नाशमायन्ति तत्क्षणात् ॥

धनधान्यकरं देवि कवचं सुरपूजितम् ।
समं नास्ति महेशानि त्रैलोक्ये कवचस्य च ॥
हारिद्रस्य महादेवि विघ्नराजस्य भूतले ।
किमन्यैरसदालापैर्यत्रायुर्व्ययतामियात् ॥
 
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