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Somvati Amavasya: किस शुभ योग में मनाई जाएगी सोमवती अमावस्या, जानिए

jeevanjali Published by: कोमल Updated Thu, 28 Mar 2024 04:08 PM IST
सार

Somvati Amavasya: हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है और कहा जाता है कि अगर इस दिन विधि-विधान से पितरों को तर्पण दिया जाए तो पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

सोमवती अमावस्या:
सोमवती अमावस्या:- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Somvati Amavasya: हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है और कहा जाता है कि अगर इस दिन विधि-विधान से पितरों को तर्पण दिया जाए तो पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इसके अलावा सोमवती अमावस्या का व्रत विवाहित महिलाओं के लिए बहुत खास माना जाता है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार साल की पहली सोमवती अमावस्या चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में आती है। इस दिन विवाहित महिलाएं दांपत्य जीवन में खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। मान्यता है कि यह व्रत अखंड सौभाग्य की कामना से किया जाता है।
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सोमवती अमावस्या 2024 कब है?

वैदिक पंचांग के अनुसार चैत्र अमावस्या सोमवती अमावस्या है। इस वर्ष चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 08 अप्रैल को सुबह 08:21 मिनट से  शुरू होगी। यह तिथि उस रात 11:50 मिनट तक मान्य रहेगी. ऐसे में सोमवार, 8 अप्रैल को सोमवती अमावस्या है, इसी दिन चैत्र अमावस्या भी होगी.

सोमवती अमावस्या पर इंद्र योग बन रहा है

सोमवती अमावस्या के दिन इंद्र योग और उत्तरभाद्रपद नक्षत्र है। 8 अप्रैल को सुबह से शाम 06 बजकर 14 मिनट तक इंद्र योग है. जबकि उत्तर भाद्रपद नक्षत्र सुबह से 10.12 बजे तक है, उसके बाद रेवती नक्षत्र शुरू हो जाएगा। इंद्र योग शुभ और सुख-सुविधाएं बढ़ाने वाला माना जाता है।

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सोमवती अमावस्या कब होती है?

हिंदू पंचांग के अनुसार जो भी अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इसी प्रकार मंगलवार को पड़ने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या और शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या को शनि अमावस्या या शनैश्चरी अमावस्या कहा जाता है।

सोमवती अमावस्या का महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अमावस्या का दिन बहुत ही प्रभावशाली होता है। यह दिन चंद्रमा की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन चंद्रमा अपनी क्षीण अवस्था में होता है। यदि आपकी जन्म कुंडली में चंद्रमा खराब स्थिति में है, तो यह निश्चित रूप से आपकी भावनाओं और संवेदनाओं को प्रभावित करता है। अमावस्या के दिन चंद्रमा को जल देने और भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। सोमवती अमावस्या के दिन व्रत रखने और शिव-पार्वती की पूजा करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और पापों से मुक्ति मिलती है। इससे वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियां दूर हो जाती हैं। सोमवती अमावस्या के दिन स्नान और दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं। तर्पण करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
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