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Solah Somvar Vrat: क्यों किया जाता है सोलह सोमवार का व्रत? जानें महत्व

jeevanjali Published by: कोमल Updated Tue, 11 Jun 2024 04:21 PM IST
सार

Solah Somvar Vrat: सोलह सोमवार का व्रत वैवाहिक जीवन की खुशहाली और मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए रखा जाता है।  सोलह सोमवार का व्रत मुख्य रूप से किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए किया जाता है।

सोलह सोमवार व्रत:
सोलह सोमवार व्रत:- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Solah Somvar Vrat: सोलह सोमवार का व्रत वैवाहिक जीवन की खुशहाली और मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए रखा जाता है।  सोलह सोमवार का व्रत मुख्य रूप से किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए किया जाता है। इसके साथ ही सोलह सोमवार का व्रत करने से पति को लंबी उम्र और संतान सुख की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यताओं में कहा जाता है कि सोलह सोमवार का व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने स्वयं शुरू किया था और उनकी कठोर तपस्या और व्रत के शुभ प्रभाव से उन्हें भगवान शिव पति के रूप में प्राप्त हुए। आइए आपको बताते हैं सोलह सोमवार का महत्व
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सोलह सोमवार व्रत की शुरुआत कैसे हुई?

शिवपुराण के अनुसार सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सोलह सोमवार का व्रत रखा था। जब माता सती ने सक्षप्रजापति की पुत्री माता पार्वती के रूप में जन्म लिया तो उन्होंने हर जन्म में महादेव को ही अपना पति बनाने का प्रण लिया था। इस व्रत के फलस्वरूप माता पार्वती ने सोलह सोमवारों का कठोर व्रत किया और भगवान शिव की अर्धांगिनी बनीं।


सोमवार व्रत के लाभ

सोमवार का व्रत करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। इससे कई बीमारियों से राहत मिलती है।

2. अविवाहित लड़कियों को सोमवार का व्रत करने से फलदायी लाभ मिलता है। मान्यता है कि 16 सोमवार का व्रत करने से कुंवारी लड़कियों को उत्तम वर की प्राप्ति होती है।
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3. सोमवार का व्रत करने से कुंडली में चंद्र ग्रह मजबूत होता है, जिससे नौकरी की परेशानियां दूर होती हैं और व्यापार में लाभ होता है।

4. पुराणों के अनुसार सोमवार का व्रत करने से जीवन-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है और व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं  

5. सावन के सोमवार का व्रत करने से दांपत्य जीवन सुखमय होता है और सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। इस व्रत को स्त्री-पुरुष दोनों कर सकते हैं।

6. सोमवार का व्रत करने से व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। भगवान शिव अत्यंत दयालु हैं, जो अपने भक्तों के छोटे-छोटे दुखों को भी दूर करते रहते हैं। इसलिए सभी लोग सोमवार का व्रत पूरी श्रद्धा से करते हैं।


सोलह सोमवार व्रत पूजन विधि?

- सोलह सोमवार व्रत का पालन करना बहुत आसान है। सच्चे मन और श्रद्धा से 16 सोमवार का व्रत करने का संकल्प लेना चाहिए।
- ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प करें और पूजा सामग्री एकत्र करें।
- व्रत का संकल्प लेने के लिए हाथ में पान का पत्ता, सुपारी, जल, अक्षत और कुछ सिक्के लें और इस मंत्र के साथ भगवान शिव का आह्वान करें- ॐ शिवशंकरमिषाणं द्वादशारधाम त्रिलोचनम्। उमासहितं देवं शिवं आवहयाम्यहम्।
- 16 सोमवार को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए  प्रदोषकाल में पूजा की जाती है।
- अगर आप घर में शिवलिंग की पूजा कर रहे हैं तो तांबे के बर्तन में शिवलिंग रखें और गंगा जल में गाय का दूध मिलाकर उसका अभिषेक करें।
- ऊं नम: शिवाय का जाप करते हुए भगवान भोलेनाथ को पंचामृत अर्पित करें।
- फिर भगवान भोलेनाथ को सफेद चंदन लगाएं।
- धूपबत्ती जलाकर सोमवार व्रत की कथा पढ़ें।
- सोलह सोमवार व्रत के दौरान भगवान भोलेनाथ को पंजीरी या चूरमे का भोग लगाएं।



 

16 सोमवार व्रत का महत्व

भगवान शिव भक्तों के जीवन से बड़ी-बड़ी कठिनाइयों को दूर करने के लिए जाने जाते हैं। सोमवार को भगवान शिव का शुभ दिन कहा जाता है। इस दिन भक्त भगवान से आशीर्वाद और वरदान मांगने के लिए शिव मंदिरों में जाते हैं।  अविवाहित महिलाएं भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए 16 सोमवार का व्रत रखती हैं, ताकि उन्हें भगवान शिव जैसा जीवनसाथी मिले। साथ ही जिन लड़कियों की शादी में देरी हो रही है उन्हें भी यह व्रत करते देखा गया है। यह व्रत सावन के पहले सोमवार से शुरू होता है, जो 16 सप्ताह तक चलता है। इन दिनों में लोग सोमवार का व्रत रखते हैं, कथा पढ़ते हैं और सुनते हैं।

 

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