विज्ञापन
Home  dharm  sheetala ashtami read sheetala ashtakam stotra on basoda know its benefits in hindi 2024 03 27

Sheetala Ashtami 2024: मां शीतला की पूजा करते समय जरूर पढ़ें यह स्तोत्र, पूरी होगी हर मनोकामना

jeevanjali Published by: निधि Updated Wed, 27 Mar 2024 03:20 PM IST
सार

Sheetala Ashtami 2024: हिंदू धर्म में हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी मनाई जाती है। शीतला अष्टमी को बसौड़ा अष्टमी भी कहा जाता है।

Sheetala Ashtami 2024: मां शीतला की पूजा करते समय जरूर पढ़ें यह स्तोत्र
Sheetala Ashtami 2024: मां शीतला की पूजा करते समय जरूर पढ़ें यह स्तोत्र- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

हिंदू धर्म में हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी मनाई जाती है। शीतला अष्टमी को बसौड़ा अष्टमी भी कहा जाता है। बासौड़ा शीतला माता को समर्पित एक लोकप्रिय त्योहार है। शीतला माता को आरोग्य प्रदान करने वाली देवी बताया गया है। इसके अलावा शीतला माता की पूजा करने से रोगों से भी मुक्ति मिलती है। अगर आप भी मां की कृपा के पात्र बनना चाहते हैं तो शीतला अष्टमी के दिन शीतलाष्टक स्तोत्र का पाठ जरूर करें। पौराणिक मान्यता है कि इसकी रचना भगवान शंकर ने लोक कल्याण के लिए की थी। इसमें शीतला देवी की महिमा का गुणगान किया गया है. कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन इस स्तोत्र का पाठ करता है तो उस पर माता शीतला की कृपा सदैव बनी रहती है। अगर आप इसे रोजाना नहीं कर सकते तो शीतला अष्टमी के दिन जरूर करें। इससे आपकी सभी परेशानियां दूर होने लगेंगी।

विज्ञापन
विज्ञापन
शीतलाष्टक स्तोत्र

ॐ श्रीगणेशाय नम:, ॐ श्री शीतलायै नम:

विनियोग
ॐ अस्य श्रीशीतला स्तोत्रस्य महादेव ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, शीतली देवता, लक्ष्मी बीजम्, भवानी शक्तिः, सर्वविस्फोटक निवृत्तये जपे विनियोगः

ऋष्यादि-न्यास
श्रीमहादेव ऋषये नमः शिरसि, अनुष्टुप् छन्दसे नमः मुखे, श्रीशीतला देवतायै नमः हृदि, लक्ष्मी (श्री) बीजाय नमः गुह्ये, भवानी शक्तये नमः पादयो, सर्व-विस्फोटक-निवृत्यर्थे जपे विनियोगाय नमः सर्वांगे।

विज्ञापन
ध्यान
ध्यायामि शीतलां देवीं, रासभस्थां दिगम्बराम्, मार्जनी-कलशोपेतां शूर्पालङ्कृत-मस्तकाम्। 

मानस-पूजन
ॐ लं पृथ्वी-तत्त्वात्मकं गन्धं श्री शीतला-देवी-प्रीतये समर्पयामि नमः ॐ हं आकाश-तत्त्वात्मकं पुष्पं श्री शीतला-देवी-प्रीतये समर्पयामि नमः ॐ यं वायु-तत्त्वात्मकं धूपं श्री शीतला-देवी-प्रीतये समर्पयामि नमः ॐ रं अग्नि-तत्त्वात्मकं दीपं श्री शीतला-देवी-प्रीतये समर्पयामि नमः ॐ वं जल-तत्त्वात्मकं नैवेद्यं श्री शीतला-देवी-प्रीतये समर्पयामि नमः ॐ सं सर्व-तत्त्वात्मकं ताम्बूलं श्री शीतला-देवी-प्रीतये समर्पयामि नमः
मंत्र
इस मंत्र को 11 बार बोलें- 
ॐ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः

ईश्वर उवाच
वन्दे अहं शीतलां देवीं रासभस्थां दिगम्बराम् मार्जनी कलशोपेतां शूर्पालं कृत मस्तकाम्
वन्देअहं शीतलां देवीं सर्व रोग भयापहाम् यामासाद्य निवर्तेत विस्फोटक भयं महत्
शीतले शीतले चेति यो ब्रूयाद्दारपीड़ितः विस्फोटकभयं घोरं क्षिप्रं तस्य प्रणश्यति
यस्त्वामुदक मध्ये तु धृत्वा पूजयते नरः विस्फोटकभयं घोरं गृहे तस्य न जायते
शीतले ज्वर दग्धस्य पूतिगन्धयुतस्य च प्रनष्टचक्षुषः पुसस्त्वामाहुर्जीवनौषधम्
शीतले तनुजां रोगानृणां हरसि दुस्त्यजान् विस्फोटक विदीर्णानां त्वमेका अमृत वर्षिणी
गलगंडग्रहा रोगा ये चान्ये दारुणा नृणाम् त्वदनु ध्यान मात्रेण शीतले यान्ति संक्षयम्
न मन्त्रा नौषधं तस्य पापरोगस्य विद्यते त्वामेकां शीतले धात्रीं नान्यां पश्यामि देवताम्

 
विज्ञापन